विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, बीते कुछ सालों में हैजा (कॉलरा) के मामले चिंता का विषय बन गए हैं। इससे संक्रमित होने वाले लोगों और मरने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। ये आंकड़े इसलिए डरा रहे हैं, क्योंकि 19वीं और 20वीं सदी में इस बीमारी ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई है। उन दिनों भारत में तो हैजा से गांव-के-गांव उजड़ जाते थे।
19वीं सदी की शुरुआत में भारत के बंगाल से शुरू हुई इस बीमारी ने जब 20वीं सदी के मध्य में अपने पैर पसारने शुरू किए तो पूरी दुनिया को अपनी जद में ले लिया। साल 1961 तक इसके कारण कुल 6 महामारियां आईं, जिसमें लाखों लोगों की जानें चली गईं। इसके बाद सातवीं महामारी 1961 में दक्षिण एशिया से शुरू होकर 1971 में अफ्रीका और 1991 में अमेरिका तक पहुंच गई।
साल 2024 में भी हैजा के आंकड़ों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। भारत के लिए यह ज्यादा चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि यहां साफ-सफाई और हाइजीन अभी भी एक बड़ा मुद्दा है और यह हैजा फैलने की प्रमुख वजह भी बन सकता है।
मानसून बीतने को है, लेकिन अभी भी देश के कई इलाके बाढ़ और पानी के भराव से जूझ रहे हैं। ऐसे में नदियों और तालाबों के किनारे बसे शहरों और गावों में हैजा एक बड़ा खतरा हो सकता है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे हैजा यानी कॉलरा की। साथ ही जानेंगे कि-
- इसके ताजा आंकड़े क्यों डरा रहे हैं?
- हैजा के लक्षणों को कैसे पहचान सकते हैं?
- इसके इलाज और बचाव के उपाय क्या हैं?
कॉलरा क्या है? कॉलरा एक संक्रामक बीमारी है, जो विब्रियो कॉलरा (Vibrio Cholerae) नाम के बैक्टीरिया के कारण होती है। यह बैक्टीरिया दूषित पानी, भोजन या किसी अन्य माध्यम से फैल सकता है।
कॉलरा होने पर ज्यादातर लोगों में बहुत कम लक्षण दिखाई देते हैं या फिर कोई लक्षण नहीं दिखता है। हालांकि कुछ लोगों को गंभीर रूप से दस्त और डिहाइड्रेशन का अनुभव हो सकता है।
ऐसे सभी गंभीर मामलों में तत्काल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। अगर इलाज में कुछ घंटे की भी देरी होती है तो इससे मरीज की मौत हो सकती है। अगर कोई पूरी तरह स्वस्थ है, तब भी सीवियर कॉलरा कुछ घंटों में ही मौत का कारण बन सकता है।
क्या कहते हैं WHO के आंकड़े? विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, साल 2022 में लगभग पौने 5 लाख लोग हैजा से संक्रमित हुए, जबकि लगभग ढाई हजार लोगों की मौत हो गई। ये आंकड़े साल 2021 की तुलना में दोगुने हैं।
इसके बाद साल 2023 में संक्रमित मामले बढ़कर 5 लाख 30 हजार से अधिक हो गए, जबकि 4 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई। इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि असल आंकड़े दर्ज मामलों से कहीं अधिक हो सकते हैं। उनका अनुमान है कि हैजा के कारण एक साल में लगभग 1 लाख लोगों की मौत हो रही है। इसमें चिंता का विषय हर साल ऊपर बढ़ रहा ग्राफ है।
हैजा के लक्षण क्या हैं? आमतौर पर हैजा के बैक्टीरिया से संक्रमित होने के बावजूद लोगों को इसके बारे में पता नहीं चलता है। इसकी वजह ये है कि अधिकांश लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं नजर आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जिन लोगों में बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं, उनमें आमतौर संक्रमण के 12 घंटे से 5 दिन बाद लक्षण विकसित होते हैं। इस दौरान इन लोगों के जरिए अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। इसके क्या लक्षण होते हैं, नीचे ग्राफिक में देखिए।
10% लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है हैजा हैजा के कारण दस्त और उल्टी की समस्या होने लगती है। इसके कारण शरीर में इन महत्वपूर्ण चीजों की कमी हो सकती है:
- इलेक्ट्रोलाइट्स
- फ्लूइड्स यानी शरीर का पानी (मानव शरीर में 60% पानी होता है)
- सोडियम
- पोटेशियम
इसके कारण गंभीर हेल्थ कंडीशंस बन सकती हैं, जिससे मौत का खतरा हो सकता है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, कॉलरा के कुल संक्रमित मामलों में 10% लोगों को इसके गंभीर लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
हैजा की जांच कैसे की जाती है?
- कॉलरा और साधारण डायरिया में एक बैक्टीरिया का फर्क है।
- कॉलरा के मरीज के शरीर में एक बैक्टीरिया होता है, जिसका साइंटिफिक नाम है- विब्रियो कॉलरा (Vibrio Cholerae)।
- इसकी मौजूदगी का पता लगाने के लिए स्टूल टेस्ट (मल की जांच) किया जाता है।
- माइक्रोस्कोप के जरिए स्टूल में वी. बैक्टीरिया की मौजूदगी चेक की जाती है।
- जिन जगहों पर हैजा ज्यादा फैलता है, वहां डॉक्टर ‘डिपस्टिक’ टूल का इस्तेमाल करते हैं।
- इस टूल की मदद से तुरंत स्टूल टेस्ट करके बैक्टीरिया का पता लगाया जा सकता है।
हैजा का इलाज क्या है? इसमें संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण है डिहाइड्रेशन को रोकना और इसके कारण शरीर में हुई पानी की कमी को पूरा करना। इसलिए डॉक्टर्स इसके लिए निम्न तरीके अपनाते हैं:
- सबसे पहले ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट पानी में मिलाकर दिया जाता है। आमतौर पर डॉक्टर इसके लिए ORS का घोल लेने की सलाह देते हैं।
- गंभीर डिहाइड्रेशन में रिहाइड्रेशन के लिए ड्रिप भी चढ़ाई जा सकती है।
- संक्रमण की वजह बने बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक दवा दी जाती है।
- जिंक की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं।
ये ट्रीटमेंट शरीर में फ्लूइड की मात्रा बढ़ाते हैं और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करते हैं। इससे दस्त और उल्टी की फ्रीक्वेंसी कम करने में मदद मिलती है।
हैजा से बचने के क्या उपाय हैं?
किसी भी बीमारी के इलाज से बेहतर बचाव होता है। विशेष तौर पर ऐसी बीमारियां, जिनमें मौत का जोखिम अधिक होता है, उनमें बचाव ही बेहतर उपाय है।
हैजा से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि समय-समय पर हाथ धोते रहें। इसके लिए साबुन या हैंडवॉश का इस्तेमाल करें। अगर कहीं ऐसी जगह पर हैं, जहां साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है तो अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा किन बातों का ध्यान रखना है, नीचे ग्राफिक में देखिए।
सेहतनामा- हैजा से मौत के मामलों में 71% इजाफा: WHO चिंतित, इस बीमारी को हल्के में न लें, कॉलरा के लक्षण जानें, बरतें 8 सावधानियां