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पूरी दुनिया में डायरिया बच्चों और बुजुर्गों की मौत का बड़ा कारण है। हाल ही में ‘लैंसेट’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, डायरिया बीते कई दशकों से उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में 5 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों की मौत का प्रमुख कारण बना हुआ है।
‘लैंसेट’ में पब्लिश इस स्टडी के मुताबिक, साल 2021 में डायरिया के कारण 12 लाख लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, साल 1990 में इसके कारण 29 लाख मौतों की अपेक्षा ये आंकड़े कम हैं। इसका मतलब है कि इन सालों में मौत के मामलों में 60% की कमी आई है। इसके बावजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इन आंकड़ों को लेकर चिंतित है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, भारत में हर साल डायरिया से 1-6 साल की उम्र के 1 लाख 58 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हो जाती है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में डायरिया की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- डायरिया पर देश-दुनिया के आंकड़े क्या कहते हैं?
- यह छोटे बच्चों के लिए इतना खतरनाक क्यों है?
- यह क्यों होता है और बचाव के उपाय क्या हैं?
बच्चों में डायरिया मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। यह हर साल पूरी दुनिया में लगभग 4 लाख 44 हजार बच्चों की मौत का कारण बनता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया होने पर मृत्यु दर 9% तक है।
डायरिया के कारण इतनी मौतें इसलिए चिंता का विषय हैं क्योंकि इस बीमारी के इलाज और बचाव दोनों उपलब्ध हैं। इससे जुड़े सभी आंकड़े ग्राफिक में देखिए:
कमजोर इम्यूनिटी के कारण बच्चों को ज्यादा खतरा
पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. प्रदीप अग्रवाल कहते हैं कि डायरिया किसी को भी हो सकता है। हालांकि, छोटे बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। इसलिए उन्हें इन्फेक्शन का खतरा भी ज्यादा होता है। इसके अलावा बच्चों को कई बार रोटावायरस के कारण हुआ डायरिया घातक साबित होता है।
डायरिया क्यों होता है?
ज्यादातर लोगों को डायरिया वायरस के कारण होता है। लोग इसे स्टमक फ्लू या स्टमक बग कहते हैं। यह आंतों को संक्रमित करता है और इससे पेट खराब हो जाता है। हालांकि डायरिया कई कारणों से हो सकता है।
इन्फेक्शन के कारण: किसी वायरस, बैक्टीरिया या पैरासाइट के कारण इन्फेक्शन होने से डायरिया हो सकता है। बड़े लोगों में आमतौर पर नोरोवायरस इसका कारण होता है। छोटे बच्चों में इसकी वजह ज्यादातर रोटावायरस होता है।
फूड पॉइजनिंग के कारण: दूषित भोजन या ड्रिंक्स के जरिए हमारे पेट में टॉक्सिन्स और पैथोजेन्स जा सकते हैं। ये आंत में पहुंचकर डायरिया की वजह बन सकते हैं। छोटे बच्चों के मामले में फूड पॉइजन के मामले भी खूब देखने को मिलते हैं।
दवाओं के कारण: कई बार कुछ दवाओं के कारण डायरिया हो सकता है। बहुत एंटीबायोटिक्स खाने से हमारे पेट के हेल्दी बैक्टीरिया मर जाते हैं। इससे डिस्बायोसिस की कंडीशन बनती है और पेट खराब हो सकता है।
इनटॉलरेंस के कारण: कुछ लोगों को कुछ खास चीजें खाने से डायरिया हो सकता है। अगर कोई लैक्टोज इनटॉलरेंट है तो दूध से बनी चीजें खाने से उसका पेट खराब हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इनके शरीर को लैक्टोज यानी कि किसी भी डेयरी प्रोडक्ट में मौजूद मिठास को पचाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। इससे पाचन बिगड़ जाता है।
बीमारियों के कारण: कुछ बीमारियों में आंतों में इंफ्लेमेशन होने से डायरिया हो सकता है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम या क्रोहन डिजीज (crohn’s disease) जैसी बीमारियों में पेट खराब हो सकता है।
क्या हैं इसके लक्षण?
इसका सबसे कॉमन लक्षण पानी जैसा स्टूल पास होना है। इस दौरान पेट में मरोड़ और ऐंठन हो सकती है। कई बार साथ में उल्टियां भी हो सकती हैं।
अगर सीवियर डायरिया है तो यह घातक हो सकता है, इसलिए तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इसके लक्षण ग्राफिक में देखिए:
डायरिया से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब
सवाल: डायरिया में क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?
जवाब: डायरिया में सबसे बड़ा कॉम्प्लिकेशन डिहाइड्रेशन है। इसमें 5 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को सबसे ज्यादा जोखिम होता है। डिहाइड्रेशन अगर कंट्रोल नहीं किया गया तो किडनी फेल्योर, हार्ट अटैक या मौत का कारण बन सकता है।
सवाल: डायरिया का इलाज क्या है?
जवाब: आमतौर पर वयस्कों का डायरिया घर पर ही ठीक हो जाता है। हालांकि, इस दौरान उन्हें हाइड्रेशन का ख्याल रखना होता है।
बच्चों और बुजुर्गों के मामले में इसे घर पर ठीक करने की कोशिश न करें क्योंकि इन्हें डिहाइड्रेशन होने पर रिकवर करना मुश्किल होता है। इन्हें डायरिया होने पर तुरंत अस्पताल या डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
सवाल: डिहाइड्रेशन का इलाज क्या है?
जवाब: डिहाइड्रेशन होने पर सिर्फ पानी पीना काफी नहीं होता है। इसलिए डॉक्टर इसके लिए ORS का घोल पीने की सलाह दे सकते हैं। अगर गंभीर डिहाइड्रेशन हुआ है तो IV (ड्रिप) देने की जरूरत पड़ सकती है।
सवाल: इलाज के साथ या बाद में किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है?
जवाब: डायरिया होने पर आंतों में सूजन हो जाती है। इसलिए इलाज के दौरान और कुछ समय बाद तक सिर्फ हल्का भोजन करना चाहिए।
डायरिया होने पर इलाज के साथ हाइड्रेटेड रहना भी जरूरी है। डायरिया से शरीर इतना शिथिल हो जाता है कि रिकवरी के लिए ज्यादा-से-ज्यादा आराम की जरूरत होती है।
- इस दौरान हमें अपना लिक्विड इनटेक बढ़ाना चाहिए।
- मौसमी सब्जियों से तैयार मिक्स वेज सूप पीना फायदेमंद साबित होता है।
- इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ पेडियालाइट और दूसरे लिक्विड्स ले सकते हैं।
- बहुत मीठे या चिकनाई वाले भोजन और मीठे जूस अवॉइड करने चाहिए। शुगर इनटेक बढ़ने से दस्त की समस्या बढ़ सकती है।
- इस दौरान BRAT डाइट यानी केले, चावल, सेब की चटनी, टोस्ट वगैरह नहीं खाना चाहिए।
सवाल: डायरिया से बचाव के क्या उपाय हैं?
जवाब: डायरिया से बचने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है। इसके लिए-
- अपने हाथ बार-बार धोते रहें।
- स्ट्रीट फूड खाने से बचें।
- खाने को अच्छे से ढंककर रखें।
- बासी या पुराना रखा हुआ खाना न खाएं।
- कहीं बाहर जाएं तो साफ पानी ही पिएं।
- सड़क किनारे मिल रहे फलों का जूस न पिएं।
- फलों और सब्जियों को गर्म पानी से धोकर खाएं।
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