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10 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 70% मॉडर्न लाइफ स्टाइल बीमारियों की मुख्य वजह इंफ्लेमेशन है। इंफ्लेमेशन का शाब्दिक अर्थ है सूजन। अक्सर लोगों को यह कनफ्यूजन होता है कि शरीर के अंदर सूजन कैसे हो सकती है।
आसान भाषा में इंफ्लेमेशन को ऐसे समझिए कि जब हमारे शरीर में संक्रमण बढ़ता है तो खुद को बचाने के लिए भीतरी अंगों के चारों ओर एक तरह की सूजन हो जाती है। इंफ्लेमेशन इस बात की निशानी है कि आपके शरीर के भीतर संक्रमण हो रहा है और आपको सेहत के प्रति सावधान होने की जरूरत है। क्रॉनिक इंफ्लेमेशन गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
हमने इस बारे में पहले भी विस्तार से बात की है। इंफ्लेमेशन को आसान भाषा में समझने के लिए आप यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज इंफ्लेमेशन की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- किन फूड्स से इंफ्लेमेशन हो सकता है?
- क्या खाने-पीने से इंफ्लेमेशन कम हो सकता है?
इंफ्लेमेशन की मुख्य वजह है भोजन
60-70% मामलों में इंफ्लेमेशन की वजह हमारा भोजन है। अगर कोई लंबे समय तक ऐसा भोजन कर रहा है, जिससे इंफ्लेमेशन हो सकता है तो भविष्य में उसे कई क्रॉनिक डिजीज हो सकती हैं।

क्या खाने से बढ़ता है इंफ्लेमेशन?
बहुत मीठा खाने से, रिफाइंड कार्ब्स और तला-भुना खाने से इंफ्लेमेशन बढ़ता है। इसके अलावा किन चीजों से इंफ्लेमेशन बढ़ता है, ग्राफिक में देखिए-

इन फूड्स से इंफ्लेमेशन क्यों बढ़ता है, विस्तार से समझिए-
शुगरी फूड्स और ड्रिंक्स
ज्यादा मात्रा में चीनी युक्त खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थों का सेवन इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है और शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ा सकता है।
समय के साथ अधिक चीनी लेने से मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। साल 2024 नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, सूजन और मेटाबॉलिक बीमारियों के बीच दोहरा संबंध हो सकता है। इसका मतलब है कि मोटापा और इंसुलिन रेजिस्टेंस भी सूजन को बढ़ा सकते हैं।
अवॉइड करें ये शुगरी फूड्स और ड्रिंक्स
- सोडा और कोल्ड ड्रिंक्स
- पैकेज्ड जूस और एनर्जी ड्रिंक्स
- मीठी चाय और कॉफी
- कुकीज, ब्राउनी, आइसक्रीम और पेस्ट्री
- कैंडी और टॉफी
रिफाइंड कार्ब्स
रिफाइंड कार्ब्स का मतलब है कि ऐसे फूड्स, जिनसे ज्यादातर फाइबर हटा लिया गया है।
रिफाइंड कार्ब्स बहुत जल्दी पच जाते हैं और इन्हें ज्यादा खाने की आदत बन सकती हैष इन्हें रेगुलर खाने से वजन बढ़ता है और इंफ्लेमेशन हो सकता है।
अवॉइड करें रिफाइंड कार्ब्स वाले ये फूड्स
- सफेद ब्रेड
- सफेद चावल
- पास्ता
- मीठे सीरियल
- पेस्ट्री
रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट
रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट में सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है, जिससे वजन बढ़ने और इंफ्लेमेशन होने का खतरा रहता है।
इसके अलावा नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, हाई टेम्प्रेचर पर मीट पकाने से कुछ ऐसे तत्व बनते हैं, जिनसे सूजन बढ़ सकती है।
इन फूड्स से बचें
- बीफ
- पोर्क
- हॉट डॉग
- डेली मीट
- सॉसेज
बहुत तले हुए फूड्स
भोजन बहुत तलने से उसमें मौजूद पानी सूख जाता है और उसकी जगह फैट भर जाता है। इसके कारण उन फूड्स की कैलोरी ज्यादा हो जाती है और यह इंफ्लेमेशन का कारण बन सकता है।
बहुत तली चीजें खाने से होते ये नुकसान:
इनमें ओमेगा-6 फैटी एसिड अधिक होता है, इसकी मात्रा ज्यादा होने पर इंफ्लेमेशन हो सकता है।
बहुत तली हुई चीजें खाने से गट बैक्टीरिया प्रभावित हो सकते हैं, जिससे शरीर में सूजन हो सकती है।
तली हुई वनस्पति खाद्य सामग्री में एक्रिलामाइड बन सकता है, जिसे कैंसर के खतरे से जोड़ा जाता है।
एल्कोहल
सिगरेट और शराब से टॉक्सिक केमिकल्स निकलते हैं, जो हमारे शरीर को खासा नुकसान पहुंचाते हैं। इससे इंफ्लेशन हो सकता है।
ज्यादा शराब पीने से शरीर की कोशिकाओं को नुकसान होता है, ऐसे में इम्यून सिस्टम प्रभावित होने से भी इंफ्लेमेशन हो सकता है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, ज्यादा शराब पीने से लिवर में इंफ्लेमेशन हो सकता है। इसके अलावा शराब ब्लड वेसल्स के जरिए शरीर के सभी अंगों तक पहुंचती है। इसलिए पूरे शरीर में इंफ्लेमेशन हो सकता है।
क्या खाने से कम होता है इंफ्लेमेशन?
अगर हम चाहते हैं कि हमें इंफ्लेमेशन से जूझना न पड़े तो अपने खानपान में जरूरी बदलाव करने होंगे। ग्राफिक में देखिए-

इंफ्लेमेशन से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब
सवाल: क्या इंफ्लेमेशन से सेक्स संबंधी समस्याएं हो सकती हैं?
जवाब: हां, इंफ्लेमेशन की वजह से हॉर्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है, जो ज्यादातर लाइफस्टाइल डिजीज की वजह बनता है। दरअसल, इंफ्लेमेशन और हॉर्मोन्स एक दूसरे से कनेक्टेड हैं। इंफ्लेमेशन के चलते हॉर्मोन्स प्रभावित होते हैं। जबकि हॉर्मोनल इंबैलेंस से इंफ्लेमेशन हो सकता है। महिलाओं में PCOD का बड़ा कारण इंफ्लेमेशन है। पुरुषों में भी इंफ्लेमेशन से टेस्टस्टेरॉन का लेवल कम हो जाता है।
सवाल: क्या ज्यादा वजन बढ़ने से इंफ्लेमेशन हो सकता है?
जवाब: हां, ज्यादा वजन या मोटापा शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है। ज्यादा फैटी सेल्स से ऐसे केमिकल्स रिलीज होते हैं, जिनसे इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है। इसके कारण डायबिटीज और कार्डियो वस्कुलर डिजीज हो सकती हैं।
सवाल: क्या स्ट्रेस से इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है?
जवाब: हां, लंबे समय तक मेंटल स्ट्रेस रहने से शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है क्योंकि इससे शरीर में ऐसे हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे सूजन बढ़ सकती है।
सवाल: क्या एक्सरसाइज करने से इंफ्लेमेशनन कम होती है?
जवाब: हां, नियमित एक्सरसाइज करने से शरीर में सूजन कम होती है क्योंकि इससे ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और सूजन पैदा करने वाले केमिकल्स भी कम हो जाते हैं।
सवाल: क्या नींद नहीं पूरी होने से इंफ्लेमेशन हो सकता है?
जवाब: हां, पर्याप्त नींद न लेने से शरीर में सूजन बढ़ सकती है। अच्छी नींद शरीर को रिपेयर करने और सूजन को कम करने में मदद करती है।
सवाल: इंफ्लेमेशन कम करने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब: इसके लिए लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव बहुत जरूरी हैं-
- स्वस्थ और संतुलित भोजन करें।
- प्रोसेस्ड और तले हुए खाने से बचें।
- नियमित एक्सरसाइज करें।
- स्ट्रेस मैनेज करें और रिलैक्स करें।
- अच्छी नींद लें।
- शराब और सिगरेट के सेवन से बचें।
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