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12 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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बेंगलुरु की एक टेक मीडिया कंपनी के सीईओ, अमित मिश्रा ने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा कि शनिवार को अचानक उनकी नाक से खून बहने लगा। उन्हें लगा कि यह बंद हो जाएगा पर उनका सफेद वाशबेसिन लाल हो गया। रुई का बड़ा टुकड़ा गीला हो गया तो वह घबराकर तुरंत अस्पताल भागे। वहां इमरजेंसी टीम को खून बहना रोकने में 20 मिनट लगे।
उन्हें सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब पता चला कि बीपी 320 है। उनके होश उड़ गए। उन्हें तुरंत आईसीयू में शिफ्ट किया गया। डॉक्टर्स को बीपी सामान्य करने में कुछ घंटे लगे। अमित का शॉकिंग पॉइंट ये था कि उन्हें न तो सिरदर्द था, न चक्कर आ रहे थे,और न ही BP की कोई हिस्ट्री थी। इसके बावजूद अचानक इतना बीपी कैसे बढ़ा। यह मेडिकल इमरजेंसी है और जान जा सकती है।
इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज हाई बीपी की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
ब्लड प्रेशर क्या है?
- किन कारणों से बीपी अचानक बढ़ सकता है?
- इससे क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?
- किन लोगों की इसका ज्यादा खतरा है?
- अचानक बीपी बढ़ने पर कैसे कम करें?
बीपी क्या है?
ब्लड वेसल्स पर ब्लड फ्लो के कारण पड़ रहा प्रेशर ही ब्लड प्रेशर है। दुनिया की हर वो चीज जो स्थान घेरती है और उसका भार होता है तो उसका प्रेशर भी होता है।

अचानक क्यों बढ़ता है ब्लड प्रेशर?
आमतौर पर बहुत स्ट्रेस बढ़ने पर अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। स्ट्रेस में घबराहट या एंग्जायटी बढ़ने से शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसके अलावा पेनकिलर, एंटीडिप्रेसेंट जैसी दवाओं और बीमारियों के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। सभी कारण ग्राफिक में देखिए-

अचानक बीपी बढ़ने पर कैसे लक्षण दिखते हैं?
अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने पर गंभीर मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है। खासतौर पर जब बीपी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। यह कंडीशन हाइपरटेंसिव इमरजेंसी का संकेत हो सकती है, इसके कारण ऑर्गन डैमेज का जोखिम भी होता है। इसके सभी लक्षण ग्राफिक में देखिए-

डॉ. संचयन रॉय कहते हैं कि अगर आपको खुद में या आपके आसपास कोई इन लक्षणों का अनुभव कर रहा है तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें या इमरजेंसी सर्विस की मदद लें।
अचानक बीपी शूटअप होने का जोखिम किसे ज्यादा है?
कुछ ऐसी कंडीशन या वजह हो सकती हैं, जिनसे अचानक बीपी बढ़ सकता है। अगर इनमें से कोई बात, आपसे मेल खाती है तो सतर्कता बरतनी चाहिए।
- स्मोकिंग: जो लोग सिगरेट या तंबाकू का सेवन करते हैं, उन्हें ब्लड प्रेशर बढ़ने का जोखिम ज्यादा होता है।
- हाई स्ट्रेस जॉब: जो लोग लगातार बहुत तनावपूर्ण काम करते हैं। ऐसे काम जिनमें जल्दी-जल्दी फैसले लेने होते हैं या डेडलाइन का बहुत दबाव होता, उनका बीपी जल्दी बढ़ सकता है।
- एंग्जायटी या पैनिक डिसऑर्डर: जिन लोगों को मेंटल स्ट्रेस, एंग्जायटी या पैनिक अटैक की समस्या है, उनका ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है।
- क्रॉनिक किडनी डिजीज: जिन लोगों को किडनी की कोई बीमारी है, उनका ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ सकता है।
- ओबिसिटी: जिनका वजन ज्यादा होता है, उनका ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है।
- शराब या कोई अन्य नशा: अगर कोई व्यक्ति शराब, ड्रग्स या कोई नशा करता है,तो उसका बीपी अचानक बढ़ सकता है।
- प्रेग्नेंट महिलाएं: प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है, जिसे प्री-एक्लेम्पसिया भी कहते हैं।
- स्लीप डिसऑर्डर: जिन लोगों को स्लीप ऐप्नीया जैसी नींद से जुड़ी समस्याएं होती हैं, उनका बीपी अचानक बढ़ सकता है।
अचानक बीपी बढ़ने से हो सकती हैं ये समस्याएं
हार्ट अटैक: ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ने से हार्ट की ब्लड आर्टरीज डैमेज हो सकती हैं, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है।
हार्ट फेल्योर: हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट पर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दिल सही तरीके से खून पंप नहीं कर पाता और फेल्योर हो सकता है।
किडनी डैमेज या फेल्योर: हाई ब्लड प्रेशर से किडनी की ब्लड वेसल्स डैमेज हो सकती हैं, जिससे किडनी की फंक्शनिंग कमजोर हो सकती है या पूरी तरह से बंद हो सकती है।
विजन लॉस: बीपी बढ़ने से आंखों की रक्त वेसल्स डैमेज हो सकती हैं, जिससे नजर में धुंधलापन हो सकता है या पूरी तरह नजर जा सकती है।
ब्रेन में ब्लीडिंग: हाई ब्लड प्रेशर से ब्रेन की ब्लड वेसल्स फट सकती हैं या ब्लीडिंग का जोखिम हो सकता है, जिससे ब्रेन में गंभीर डैमेज हो सकते हैं।
स्ट्रोक: ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ने से ब्रेन में ब्लड का फ्लो रुक सकता है, जिससे स्ट्रोक हो सकता है। ये लाइफ थ्रेटनिंग कंडीशन हो सकती है।
एन्सेफेलोपैथी: यह एक ऐसी कंडीशन है जिसमें व्यक्ति की मानसिक स्थिति में अचानक बदलाव आ सकते हैं, जैसे- भ्रम, उलझन या मानसिक स्थिति में गंभीर गिरावट।
अचानक बीपी शूटअप होने पर कम कैसे करें?
अगर अचानक बीपी बढ़ने से किसी को अनहेल्दी महसूस हो रहा है तो डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है। हालांकि, कुछ तरीकों से अस्थायी रूप से बीपी कम करने में मदद मिल सकती है-
धीरे-धीरे गहरी सांस लें: गहरी सांस लेने से और धीरे-धीरे छोड़ने से शरीर को रिलैक्स करने में मदद मिलती है और बीपी कम करने में भी मदद मिल सकती है।
रिलैक्सेशन टेक्निक अपनाएं: योग, मेडिटेशन या मसल्स को आराम देने वाली टेक्निक्स की मदद से मेंटल स्ट्रेस कम हो सकता है और बीपी में भी राहत मिल सकती है।
पानी पिएं: भरपूर मात्रा में पानी पीने से बॉडी हाइड्रेटेड रहती है और इससे बीपी नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है।
हल्की एक्सरसाइज करें: हल्की वॉकिंग या स्ट्रेचिंग करने से बॉडी एक्टिव होती है और बीपी स्टेबल करने में भी मदद मिल सकती है।
ठंडे पानी से नहाएं: ठंडे पानी से नहाने से शरीर को ठंडक मिलती है, जिससे बीपी कम करने में मदद मिल सकती है।
धूप में बैठें: हल्की धूप में बैठने से शरीर को विटामिन D मिलता है, जिससे बीपी सामान्य करने में मदद मिल सकती है।
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