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अगर आप सोशल मीडिया पर रील्स स्क्रॉल करते हैं तो हाल ही में ब्यूटी इंफ्लुएंसर्स का नया स्किन केयर ट्रेंड देखा होगा। उन्होंने चेहरे पर मास्क पहना होता है, जिसमें डिस्को की तरह लाल या नीले रंग की लाइट चमक रही होती है। इसे LED लाइट थेरेपी कहते हैं।
सोशल मीडिया के जरिए यह थेरेपी खूब वायरल हो रही है। आमतौर पर इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली इस थेरेपी को अब स्टार्स से लेकर ब्यूटी इंफ्लुएंसर्स तक सभी ग्लॉसी स्किन के लिए फॉलो कर रहे हैं।
बॉलीवुड की स्टार एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण भी इस स्किन केयर ट्रेंड को फॉलो कर रही हैं। दीपिका ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में LED मास्क पहने अपनी तस्वीर भी शेयर की थी। इतना ही नहीं, साउथ इंडियन एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु और हॉलीवुड एक्ट्रेस किम कार्दशियन भी इस थेरेपी को फॉलो करती हैं।
आज ‘सेहतनामा’ में LED स्किन केयर थेरेपी की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- यह थेरेपी किस इलाज में काम आती है?
- यह कितने तरह की होती है?
- इसके फायदे और नुकसान क्या हैं?
LED लाइट थेरेपी क्या है
LED लाइट थेरेपी एक सुरक्षित ट्रीटमेंट है। इसमें स्किन को बेहतर बनाने के लिए खास LED से निकली लाइट स्किन में प्रवेश कराई जाती है।
पहली बार 1990 के दशक में नासा के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष यात्रियों के घाव भरने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया था। इससे कोशिकाओं और टिश्यूज की ग्रोथ में मदद मिलती है।
बदलते वक्त के साथ डर्मेटोलॉजिस्ट और सौंदर्य विशेषज्ञों ने त्वचा संबंधी कई समस्याओं के समाधान के लिए इसका प्रयोग करना शुरू कर दिया है। डर्मेटोलॉजिस्ट बेहतर परिणाम देने के लिए अक्सर क्रीम, मलहम और फेशियल के साथ LED लाइट थेरेपी का उपयोग करते हैं। अब यह थेरेपी इतनी आम हो गई है कि लोग इसे घर में भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
LED लाइट थेरेपी क्या करती है
यह लाइट थेरेपी विभिन्न प्रकार के त्वचा संबंधी कंसर्न्स और कंडीशंस का इलाज करने में मदद करती है। ग्राफिक में देखिए।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के मुताबिक, LED लाइट थेरेपी त्वचा की कुछ समस्याओं को कम करने और ठीक करने में मदद कर सकती है। हालांकि, इसमें सुधार के लिए नियमित उपचार कराने की आवश्यकता होती है।
लोगों के बीच एक बड़ा भ्रम है कि LED लाइट्स हमारी कोशिकाओं और टिश्यूज को स्टिमुलेट करके स्किन के लिए एंटी-एजिंग की तरह काम करती हैं। जबकि ऐसा नहीं है। इससे आमतौर पर मुंहासे और एक्जिमा के इलाज में ही मदद मिलती है। कुछ कंडीशंस के इलाज के अलावा त्वचा में सौंदर्य संबंधी सूक्ष्म सुधार दिख सकते हैं।
LED लाइट थेरेपी कितनी तरह की होती है
ये लाइट थेरेपी विभिन्न वेवलेंथ की होती हैं। इसमें हर रंग की लाइट त्वचा में अलग-अलग गहराई तक प्रवेश करती है।
यही कारण है कि अलग-अलग LED रंग अलग-अलग काम के लिए प्रयोग किए जाते हैं। इसे कुछ उदाहरणों से समझ सकते हैं।
- लाल रंग की LED लाइट से हुई थेरेपी स्किन की सूजन को कम कर सकती है। यह कोलेजन के उत्पादन को उत्तेजित कर सकती है। यह एक ऐसा प्रोटीन है, जो किसी के जवान या बूढ़ा दिखने के लिए जिम्मेदार होता है। यह प्रोटीन उम्र ढलने के साथ हमारे शरीर में कम होता जाता है।
- नीले रंग की LED लाइट से हुई थेरेपी मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया (P. Acne) को नष्ट कर सकती है।
डर्मेटोलॉजिस्ट किसी खास समस्या के इलाज के लिए दो या इससे अधिक रंग की LED लाइट्स के संयोजन का उपयोग कर सकते हैं।
LED लाइट थेरेपी के क्या फायदे हैं
इसके कई तरह के फायदे होते हैं। विशेष तौर इसकी मदद से स्किन की कई कंडीशंस को ठीक करने में मदद मिलती है। ग्राफिक में देखिए।
ग्राफिक में दिए पॉइंट्स विस्तार से समझते हैं।
झुर्रियां और सिकुड़न दूर होती है
हमारी त्वचा में कोलेजन नाम का तत्व होता है। इसकी मात्रा जब तक अच्छी बनी रहती है तो हमारी स्किन ज्यादा चुस्त और जवान दिखती है। उम्र बढ़ने के साथ कोलेजन की मात्रा कम होने लगती है और इसके कारण त्वचा सुस्त और सिकुड़ी दिखने लगती है। उम्र अधिक नजर आने लगती है। लाल रंग की LED लाइट कोलेजन उत्पादन को उत्तेजित करती है। इससे झुर्रियां और महीन रेखाएं कम करने में मदद मिलती है।
स्किन की इलास्टिसिटी में सुधार होता है
लाल रंग की LED लाइट से कोलेजन को बढ़ावा मिलता है तो त्वचा का लोच यानी इलास्टिसिटी भी बढ़ जाती है। इससे त्वचा अधिक चमकदार दिखने लगती है। यही कारण है कि लोग ग्लॉसी स्किन पाने के लिए LED लाइट थेरेपी का सहारा ले रहे हैं।
मुंहासों के इलाज में मदद मिलती है
चेहरे पर मुंहासे कुछ खास बैक्टीरिया (P. Acne) के कारण होते हैं। इन बैक्टीरिया को कम करने में नीले रंग की LED लाइट प्रभावी ढंग से काम करती है। इस थेरेपी के बाद आमतौर पर नए मुंहासे बनना बंद हो जाते हैं और इससे त्वचा को साफ और ताजा रखने में भी मदद मिलती है।
सूजन को कम करता है
एक्यूट मुंहासे त्वचा पर सूजन और लालिमा का कारण बनते हैं। इसमें नीले रंग की LED लाइट थेरेपी से बहुत मदद मिलती है। अगर घाव जैसे निशान बन रहे हैं तो उसमें भी राहत मिलती है।
काले धब्बे हल्के हो जाते हैं
हरे रंग की LED लाइट की थेरेपी हाइपरपिगमेंटेशन को कम करती है। इससे त्वचा पर काले धब्बों के कारण आई अनियमितता को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही इसका प्रमुख कारण मेलास्मा की उपस्थिति भी कम हो जाती है।
घाव तेजी से भरते हैं
सबसे पहले LED लाइट थेरेपी की शुरुआत घावों को भरने के लिए की गई थी। इसकी मदद से सेलुलर गतिविधि उत्तेजित होती है, जिससे घावों और निशानों को तेजी से भरने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह थेरेपी समय के साथ पुराने निशान भी खत्म कर सकती है।
LED लाइट थेरेपी के क्या हैं साइड इफेक्ट्स
इस थेरेपी की लाइट के कारण लोगों की हेल्थ कंडीशन के हिसाब से अलग-अलग साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। आमतौर पर इससे चेहरे और आंखों में ये रिएक्शन हो सकते हैं-
- ड्राइनेस
- लालिमा
- जलन
- सेंसिटिविटी
ड्राईनेस हो सकती है
जिनकी त्वचा शुष्क और संवेदनशील होती है, उन्हें LED लाइट थेरेपी के कारण अस्थायी रूप से ड्राइनेस का अनुभव हो सकता है। हालांकि मॉइस्चराइजर की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है। अगर थेरेपी के समय आंखों की सेफ्टी का ख्याल नहीं रखा गया है तो आंखों में भी ड्राइनेस की शिकायत हो सकती है।
लालिमा और जलन हो सकती है
LED लाइट थेरेपी का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इसलिए इसे स्किन पर उपयोग करने के लिए सेफ माना जाता है। इसके बावजूद कभी-कभी इस प्रक्रिया से त्वचा में जलन और लालिमा की शिकायत हो सकती है। आमतौर पर किसी इलाज के बिना ही यह स्थिति एक-दो दिन में अपने आप ठीक भी हो जाती है।
त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ सकती है
कुछ लोगों की स्किन लाइट सेंसिटिव होती है। LED लाइट थेरेपी से यह और बढ़ सकती है। इसलिए थेरेपी लेने के बाद कुछ दिन तक त्वचा को सूरज की रौशनी से होने वाली संभावित क्षति से बचाने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए।
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