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- Tulsi Leaves Health Benefits; Basil Nutritional Facts | Medicinal Properties
भारत में तुलसी सिर्फ एक पौधा नहीं है। हिंदू धर्म में इसे देवी का रूप मानते हैं। आयुर्वेद में इसे महाऔषधि कहा जाता है। विज्ञान भी यह मानता है कि तुलसी अपनी न्यूट्रिशनल वैल्यू और विशेष औषधीय गुणों के कारण महत्वपूर्ण पौधा है।
तुलसी का वैज्ञानिक नाम ओसीमम बासिलिकम (Ocimum basilicum) है। यह एक हर्ब है, जो आमतौर पर इटैलियन और साउथ ईस्ट एशियन फूड्स में खास फ्लेवर के लिए इस्तेमाल की जाती है।
तुलसी के पौधे को उगाना भी आसान है। इसे बहुत छोटे से गमले में भी उगाया जा सकता है। तुलसी के बीज से पौधा उग सकता है या छोटा पौधा भी लगा सकते हैं। इसे हर रोज थोड़े से पानी की जरूरत होती है।
हमारे पुरखे तुलसी की चाय और काढ़ा बनाकर पीते रहे हैं। यह सामान्य सर्दी-जुकाम में तुरंत राहत देती है। इससे गले की खराश कम होती है और कफ भी खत्म होता है। इससे पाचन दुरुस्त रहता है। इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और स्ट्रेस मैनेजमेंट में भी मदद मिलती है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे तुलसी की पत्तियों की। साथ ही जानेंगे कि-
- तुलसी की न्यूट्रिशनल वैल्यू क्या होती है?
- इससे कौन सी बीमारियां दूर हो सकती हैं?
- क्या यह हमें कैंसर से बचा सकती है?
पुदीने की फैमिली का पौधा है तुलसी
तुलसी की पत्तियों में खास फ्लेवर और महक होती है। यह एक ग्रीन हर्ब है, जो मिंट फैमिली का हिस्सा है। इसकी उत्पत्ति एशिया और अफ्रीका महाद्वीप में हुई। हालांकि, भारत के लोगों का दावा है कि इसके गुणों को हमारे पुरखों ने पहचाना है। भारतीय संस्कृति में जीवित रहने के लिए जरूरी प्रकृति की सभी गुणवान चीजों को देवता का दर्जा दिया जाता था। तुलसी के पौधे को भी देवी का दर्जा प्राप्त है।
तुलसी की न्यूट्रिशनल वैल्यू
तुलसी की पत्तियों को आमतौर पर एक साथ बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। अगर एक चम्मच हरी पत्तियां लेते हैं तो इसमें पूरी एक कैलोरी भी नहीं मिलती है। इसमें विटामिन K भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा विटामिन A भी होता है। इसके अलावा इसमें हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण मिनरल्स भी होते हैं। ग्राफिक में देखिए।
तुलसी की खास बात ये है कि इसकी पत्तियों को ताजा और सुखाकर, दोनों तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है।
तुलसी की पत्तियां बेहद गुणकारी
तुलसी की पत्तियां बेहद गुणकारी होती हैं। इनके विशेष गुणों के कारण ही इसे महाऔषधि कहा जाता है। अगर इनका प्रतिदिन सेवन किया जाए तो एंग्जायटी और डिप्रेशन कम होता है। ब्रेन फंक्शनिंग बेहतर होती है। इसके सेवन से मेमोरी पावर भी बढ़ती है।
सर्दी-जुकाम होने पर दादी और नानी तुलसी की पत्तियों की बनी चाय या काढ़ा देती थीं। इससे राहत भी मिल जाती थी। ऐसा इसलिए होता था क्योंकि तुलसी की पत्तियां इम्यूनिटी बूस्टर होती हैं और किसी भी तरह के इन्फेक्शन में भी कारगर होती हैं।
कैंसर से बचाती है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में अगस्त, 2016 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, तुलसी हमें कई तरह के कैंसर से बचा सकती है। इस स्टडी में देखा गया कि तुलसी ने टेस्ट ट्यूब में मानव कोलन कैंसर सेल्स ग्रोथ को रोक दिया।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में जनवरी, 2015 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, तुलसी की पत्तियों के अर्क में कैंसररोधी गुण होते हैं। तुलसी कैंसर सेल्स को बढ़ने और डिवाइड होने से रोकती है। इसके बाद उन्हें नष्ट भी कर देती है।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में रहता है
पारंपरिक चीनी चिकित्सा में सदियों से तुलसी की पत्तियों से हार्ट डिजीज का इलाज किया है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में मई, 2010 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को सुधारने में सक्षम है।
इम्यून सिस्टम मजबूत होता है
तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सिडेंट और एसेंशियल ऑयल भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है। अगर तुलसी की पत्तियों का नियमित सेवन किया जाए तो ये शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकती हैं। सामान्य सर्दी-जुकाम की समस्या में तो इसकी पत्तियां बेहद कारगर हैं।
पाचन सुधरता है
तुलसी की पत्तियों के सेवन से पाचन एंजाइम अधिक स्रावित होते हैं। इनकी मदद से पाचन आसान हो जाता है। इससे एसिडिटी और गैस की समस्या भी दूर होती है। जिन लोगों को अक्सर पाचन की समस्या रहती है, उनके लिए तुलसी रामबाण साबित हो सकती है।
एंटी इंफ्लेमेटरी होती है
तुलसी की पत्तियों में नेचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे शरीर के किसी भी अंग की सूजन कम कम की जा सकती है। लंबे समय तक इंफ्लेमेशन रहने से कई क्रॉनिक डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है। अगर प्रतिदिन तुलसी की पत्तियों का सेवन किया जाए तो यह सूजन दूर हो सकती है।
अस्थमा और श्वास संबंधी बीमारियों में फायदेमंद
इसके कफ और वात संतुलन प्रभाव के कारण, यह अस्थमा और पुरानी सांस की बीमारियों, सर्दी और खांसी के उपचार में भी उपयोगी है। साथ ही यह बार-बार हिचकी आने की समस्या से भी निजात दिला सकती है।
अगर आपको मतली या उल्टी आने की समस्या है, तब भी आप तुलसी पर भरोसा कर सकते हैं। यह अपने वात शांत प्रभाव के कारण ब्लोटिंग और गैस्ट्रिक समस्याओं से भी छुटकारा दिलाती है। …………………………. सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए
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