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क्या आपने नोटिस किया है कि ठंड के मौसम में सुबह जोड़ों में अकड़न और दर्द होता है। यह किसी को कम और किसी को ज्यादा हो सकता है। सर्दियों में जोड़ों का दर्द काफी कॉमन है।
इस मौसम में जोड़ों में दर्द और अकड़न बढ़ने के कई कारण हैं। ठंड में टेम्परेचर कम होने के कारण ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं। इसके कारण ब्लड फ्लो कम हो जाता है और दर्द ज्यादा महसूस होता है। सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी कम होने से और मूड में बदलाव के कारण भी ऐसा हो सकता है।
ऐसे में जो लोग आर्थराइटिस से पीड़ित हैं, उनके लिए इस मौसम में मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में 52.8 करोड़ लोगों को ऑस्टियोआर्थराइटिस है। दुनिया में लगभग 1 करोड़, 76 लाख लोगों को रूमेटॉइड आर्थराइटिस है।
इन सभी लोगों के जोड़ों में सूजन है, जो सर्दियों में और बढ़ जाती है। इसके कारण दर्द भी बढ़ जाता है। कई बार तो सर्दियों में इनके लिए चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है। अब सवाल ये है कि इस दर्द से निपटने का तरीका क्या है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में सर्दियों में जोड़ों के दर्द पर बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- ठंड बढ़ने पर जोड़ों का दर्द क्यों बढ़ जाता है?
- इससे निपटने के लिए क्या करना चाहिए?
- क्या भोजन से इसमें मदद मिल सकती है?
सर्दियों में बढ़ता जोड़ों का दर्द
‘नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन’ में मार्च, 2014 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, सर्दियों में आर्थराइटिस के लक्षण बढ़ जाते हैं। इस स्टडी में शामिल ऑस्टियोऑर्थराइटिस से पीड़ित 67.2% लोगों की शिकायत है कि ठंड बढ़ने पर उनके जोड़ों में सूजन और दर्द बढ़ जाता है।
ठंड बढ़ने पर दर्द बढ़ता क्यों है
ठंड बढ़ने पर हमारा ब्रेन शरीर को यह मैसेज देता है कि जिंदा रहने के लिए शरीर के प्रमुख अंगों को गर्मी की जरूरत है। मैसेज मिलते ही शरीर ब्लड फ्लो सबसे जरूरी ऑर्गन्स की ओर बढ़ा देता है। हमें ठंड में कंपकंपी भी इसीलिए लगती है क्योंकि शरीर मसल्स को एक्टिव करके गर्माहट बनाए रखने की कोशिश करता है।
ब्लड शरीर के कोर ऑर्गन्स में बनाए रखने के लिए ब्लड वेसल्स टाइट हो जाती हैं और इनमें सिकुड़न हो जाती है। इसका नुकसान ये होता है कि हाथ और पैरों में ब्लड फ्लो कम हो जाता है। हाथ-पैर में गर्माहट भी कम हो जाती है। इसके कारण जॉइंट्स का फ्लूइड गाढ़ा हो जाता है। यह कंडीशन जोड़ों में अकड़न और दर्द की वजह बनती है।
ठंड में टेम्परेचर घटने के साथ जोड़ों का दर्द बढ़ने के और क्या कारण हैं, ग्राफिक में देखिए:
ऑर्थोपेडिक्स डॉ. योगेश कहते हैं कि ठंड के कारण मूड में बदलाव भी जोड़ों में दर्द की बड़ी वजह हो सकती है। आमतौर पर लोगों के बीच इस बारे में अवेयरनेस की कमी है। असल में ठंड बढ़ने से एंग्जायटी और डिप्रेशन बढ़ता है।
‘नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन’ में सितंबर, 2018 में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, अगर कोई भावनात्मक रूप से लो फील कर रहा है तो उसे दर्द का एहसास दूसरों की अपेक्षा ज्यादा होता है।
जोड़ों की अकड़न और दर्द से कैसे बच सकते हैं
डॉ. योगेश कहते हैं कि हम अपनी लाइफस्टाइल में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके जोड़ों के दर्द से निपट सकते हैं।
- ठंड के सीधे एक्सपोजर से बचने के लिए सुबह और शाम के समय घर से बाहर न निकलें। घर से बाहर के सभी काम दिन में पूरे करने की कोशिश करें।
- शरीर में गर्माहट बनाए रखने के लिए गर्म कपड़े और जूते पहनकर रखें।
- बॉडी एक्टिव रखने के लिए कुछ देर इनडोर एक्सरसाइज करें।
- ठंड में ज्यादातर लोगों का लिक्विड इनटेक कम हो जाता है। इसके कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है। इससे जोड़ों में अकड़न हो सकती है और फ्लूइड कम हो सकता है। यह दर्द की वजह बनता है। इसलिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है।
- शारीरिक और मानसिक स्ट्रेस बढ़ने से दर्द का एहसास सामान्य से ज्यादा होता है। इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट बहुत जरूरी है।
- जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर डॉक्टर सबसे पहले वजन कंट्रोल करने की सलाह देते हैं। वजन ज्यादा होने से जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे लक्षण गंभीर हो जाते हैं। इसलिए वेट मैनेजमेंट बहुत जरूरी है।
इसके अलावा और किन तरीकों से जोड़ों के दर्द से निपटने में मदद मिल सकती है, ग्राफिक में देखिए:
एंटी इंफ्लेमेटरी डाइट फॉलो करें
डॉ. योगेश कहते हैं कि जोड़ों में दर्द के पीछे इंफ्लेमेशन एक मुख्य वजह है। सर्दियों में कोल्ड से बचने के लिए शरीर का इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ जाता है। इसके कारण इंफ्लेमेशन बढ़ जाता है और जोड़ों का दर्द भी बढ़ जाता है। दर्द से निपटने के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी डाइट फॉलो करना जरूरी है। इसके लिए ये टिप्स फॉलो कर सकते हैं:
- भोजन में सभी रंग के फल और सब्जियां शामिल कर सकते हैं।
- जई, राई, बाजरा, क्विनोआ और ब्राउन राइस शामिल कर सकते हैं।
- सभी दालें, चना, ब्लैक बीन्स और लाल राजमा शामिल कर सकते हैं।
- डाइट में तेल को लेकर ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए। जैतून का तेल शामिल कर सकते हैं।
- बादाम, अखरोट, चिया सीड्स और फ्लेक्स सीड्स शामिल कर सकते हैं।
- अदरक, लहसुन, हल्दी, इलायची, काली मिर्च और दालचीनी शामिल कर सकते हैं।
- गट हेल्थ के लिए फायदेमंद दही, पनीर और केला खा सकते हैं।
- डाइट में प्रॉसेस्ड, अल्ट्राप्रॉसेस्ड फूड, रिफाइंड कार्ब्स और शुगर से परहेज बरतें।
मौसमी फल और सब्जियां खाएं
हर मौसम में शरीर को अलग-अलग मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इनसे निपटने के लिए प्रकृति मौसम के मुताबिक फल और सब्जियां उगाती है।
- आंवला, अमरूद और संतरा ठंड में मिलने वाले फल हैं और ये एंटी इंफ्लेमेटरी होते हैं।
- फूल गोभी, पत्ता गोभी, ब्रॉकली और गाजर ठंड में मिलने वाली सब्जियां हैं और ये एंटी इंफ्लेमेटरी होती हैं।
- डाइट में ये फल और सब्जियां शामिल करने से जोड़ों की अकड़न और दर्द में राहत मिल सकती है।
पर्याप्त नींद लें और स्मोकिंग से दूर रहें
नींद की कमी के कारण इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है। जॉइंट्स फ्लूइड कम हो सकता है। जोड़ों में अकड़न हो सकती है और दर्द बढ़ सकता है। इसलिए रोज 7 घंटे की पर्याप्त नींद जरूर लें।
स्मोकिंग के कारण इंफ्लेमेशन हो सकता है और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इसलिए स्मोकिंग से दूरी बनाएं। …………………. सेहतनामा की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- दुनिया में 34 करोड़ लोग आर्थराइटिस से पीड़ित: WHO की चेतावनी- यह अभी और बढ़ेगा
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