[ad_1]
जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत मखाना की बढ़ती लोकप्रियता को बड़ी बिजनेस अपॉरच्युनिटी की तरह देख रहे हैं। वह खुद भी मखाना खाते हैं और इसके फायदों पर लट्टू हैं।
भारत में मखाना नया फूड नहीं है। हमारे पूर्वज व्रत में एनर्जेटिक बने रहने के लिए मखाने खाते थे। जब कोई बीमार होता तो उसे दूध-मखाना खिलाया जाता था। लोग अभी भी व्रत और रिकवरी में मखाने पर खूब भरोसा करते हैं।
मखाने पर इस भरोसे की वजह इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर होता है। मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं। इससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है, वेट लॉस में मदद मिलती है और हार्ट हेल्थ इंप्रूव होती है। इसलिए इसे सुपरफूड भी कहते हैं।
इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज मखाना की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू क्या है?
- देश-दुनिया में इसकी मांग क्यों बढ़ रही है?
- इसके क्या हेल्थ बेनिफिट्स हैं?
भारत मखाने का सबसे बड़ा प्रोड्यूसर
भारत पूरी दुनिया में मखाने का सबसे बड़ा प्रोड्यूसर है। इसमें भी देश का 90% मखाना बिहार में होता है। इसे फॉक्स नट और लोटस सीड्स भी कहते हैं।
भारत में मखाने का मार्केट साइज 3000 करोड़ रुपये का है। जिस तरह इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है, अगले 2-3 साल में यह मार्केट साइज 6000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है। यह दूसरे देशों में भी खूब पसंद किया जा रहा है। ग्राफिक में देखिए:
मखाना की न्यूट्रिशनल वैल्यू
इस सुपरफूड की न्यूट्रिशनल डेंसिटी हाई होती है। यह लो कैलोरी फूड है और कई पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें प्रोटीन फाइबर और कार्ब्स होता है। फैट न के बराबर होता है। ग्राफिक में देखिए:
मखाने में होते हैं जरूरी मिनरल्स
इसमें विटामिन A और B1 होता है। साथ ही मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स भी होते हैं। ग्राफिक में देखिए।
मखाना के हेल्थ बेनिफिट्स
मखाने में मौजूद कैल्शियम हड्डियां मजबूत बनाता है। यह ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रखता है। इसे सबसे खास बनाते हैं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स। मखाने में गैलिक एसिड, क्लोरोजेनिक एसिड और एपिकैटेचिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। इससे फ्री रेडिकल्स का असर कम होता है और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कम होता है।
इससे टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम कम होता है। इससे और क्या फायदे हैं, ग्राफिक में देखिए।
मखाना से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब
सवाल: रोज कितना मखाना खाना चाहिए?
जवाब: न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अनु अग्रवाल कहती हैं कि रोज 20-30 ग्राम मखाना खाया जा सकता है। इतनी मात्रा सुरक्षित है और सेहत के लिए फायदेमंद भी है।
सवाल: क्या मखाना खाने से वेट लॉस में मदद मिलती है?
जवाब: हां, मखाना वजन कम करने में मददगार है। यह लो कैलोरी फूड है। इसमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है। ये दोनों ही चीजें किसी फूड को वेट लॉस के लिए मददगार बनाती हैं।
सवाल: क्या छोटे बच्चे मखाना खा सकते हैं?
जवाब: हां, बिल्कुल खा सकते हैं। छोटे बच्चों को दूध के साथ मखाना खिलाना चाहिए। इससे उनकी बोन डेंसिटी बढ़ती है और शारीरिक-मानसिक विकास में भी मदद मिलती है। अगर बच्चे के दांत आ रहे हैं, तब भी उन्हें राहत मिलती है।
सवाल: क्या मखाना खाने से थकान मिट जाती है?
जवाब: हां, इससे काफी मदद मिलती है। हमारी थकान की बड़ी वजह शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स हैं। मखाना पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है। इसलिए मखाना फ्री रेडिकल्स के कारण पैदा हुए ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को खत्म करके थकान दूर करता है।
सवाल: क्या मखाना खाने से हार्ट हेल्थ इंप्रूव होती है?
जवाब: हां, मखाना खाने से दिल की सेहत सुधरती है। इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जो हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। मखाने में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स भी दिल को होने वाले नुकसान से बचाते हैं।
सवाल: क्या मखाना खाने से डाइजेस्टिव हेल्थ इंप्रूव होती है?
जवाब: हां, अगर सीमित मात्रा में मखाना खाया जाए तो डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स दूर हो सकती हैं। इसमें मौजूद फाइबर से पाचन आसान होता है और गट हेल्थ भी इंप्रूव होती है। हालांकि, मखाने के अधिक सेवन से गैस और इंफ्लेमेशन की समस्या हो सकती है।
सवाल: क्या मखाना खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं?
जवाब: हां, मखाना खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं। मखाना कैल्शियम से भरपूर होता है, जो बोन हेल्थ के लिए बहुत अच्छा है। मखाने में प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन B, और एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं। ये सभी तत्व बोन हेल्थ और बोन डेंसिटी के लिए फायदेमंद हैं।
सवाल: क्या मखाना खाने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं?
जवाब: हां, एक साथ ज्यादा मखाना खाने से कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं। ज्यादा मखाना खाने से पेट फूलने की समस्या, गैस, कब्ज, और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर पेट या किडनी से जुड़ी कोई बीमारी है तो मखाना खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
सवाल: क्या किडनी डिजीज होने पर मखाना खा सकते हैं?
जवाब: किडनी की कोई बीमारी होने पर मखाना खाने से बचना चाहिए। मखाने में कैल्शियम और पोटेशियम भरपूर मात्रा में होता है। इससे किडनी पर काम का बोझ बढ़ सकता है। इसलिए मखाना खाने से बचना चाहिए या इससे पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
सवाल: क्या डायबिटिक लोगों के लिए मखाना खाना सेफ है?
जवाब: हां, डायबिटिक लोगों के लिए मखाना सेफ है। मखाने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसलिए यह ब्लड शुगर स्पाइक नहीं करता है। इसके अलावा यह फाइबर से भरपूर है। ये दोनों चीजें डायबिटिक लोगों के लिए सेफ हैं, साथ ही फायदेमंद भी हैं।
सवाल: किन लोगों के मखाना नहीं खाना चाहिए?
जवाब: इन लोगों को मखाना नहीं खाना चाहिए:
- जिन्हें किडनी स्टोन या कोई किडनी डिजीज है।
- जिन्हें ब्लोटिंग या कब्ज की समस्या है।
- जिन्हें गैस हो रही है या डायरिया है।
…………………….. सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए सर्दियों के सुपरफूड- रोज एक टुकड़ा गुड़ बचाएगा एनीमिया से: पीरियड्स करे रेगुलर, प्रेग्नेंसी में लाभकारी, जानें किसे नहीं खाना चाहिए
गुड़ खाने से एनर्जी लेवल बढ़ता है। इसमें कई जरूरी विटामिन्स के साथ आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स भी होते हैं। यह एनीमिया के जोखिम से बचाता है और जोड़ों के दर्द के लिए बेहद फायदेमंद है। पूरी खबर पढ़िए…
[ad_2]
सेहतनामा- जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत मखाने पर लट्टू: हडि्डयां मजबूत होतीं, डॉक्टर से जानें, किसे नहीं खाना चाहिए