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Kadaknath Poultry Farming Business: सेना से रिटायर होकर दीपक ने मुर्गी पालन में आज़माया हाथ, अब पुलिस ड्यूटी के साथ संभाल रहे सफल कड़कनाथ फार्म. जानिए उनके सफर की कहानी.
कड़कनाथ पालन से दीपक को हो रहा अच्छा मुनाफा.
हाइलाइट्स
- दीपक ने सेना से रिटायर होकर कड़कनाथ मुर्गी पालन शुरू किया.
- पुलिस ड्यूटी के साथ दीपक सफल कड़कनाथ फार्म चला रहे हैं.
- कड़कनाथ अंडों की कीमत ₹750 तक पहुंच जाती है.
विकास झा/फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सागरपुर गांव के रहने वाले दीपक, उन लोगों के लिए मिसाल हैं जो रिटायरमेंट के बाद ज़िंदगी को विराम नहीं, नई शुरुआत मानते हैं. पहले मिलिट्री में देश सेवा, फिर हरियाणा पुलिस में ड्यूटी और अब पुलिस की नौकरी के साथ मुर्गी पालन का सफल कारोबार दीपक का जज़्बा आज गांव-गांव में चर्चा का विषय है.
दीपक की उम्र 43 साल है और वह पिछले आठ महीनों से कड़कनाथ मुर्गी पालन कर रहे हैं. उन्होंने Local18 से बातचीत में बताया कि रिटायरमेंट के बाद उन्होंने खाली न बैठने का मन बनाया. यूट्यूब पर रिसर्च की और गुरुग्राम के एक मुर्गी पालक राहुल से मार्गदर्शन लिया. राहुल ने दोस्ती की तरह हर तकनीकी जानकारी दी और यहीं से दीपक के सफर की नींव पड़ी.
खेती की ज़मीन से शुरू किया कारोबार
दीपक ने अपने खेत में 40 बाई 40 का मुर्गी फॉर्म तैयार करवाया. इसमें करीब 3 लाख रुपये की लागत आई. चूजे करनाल से मंगवाए, जो थोड़े महंगे थे लेकिन नस्ल के लिहाज से भरोसेमंद. खास बात यह है कि उन्होंने फार्म में पैनल ग्रास लगवाई है, जो मुर्गियों के लिए प्राकृतिक पोषण स्रोत है. इससे अंडे की गुणवत्ता और मांग दोनों में इजाफा हुआ.
ड्यूटी और व्यवसाय, दोनों को दिया बराबर समय
हरियाणा पुलिस की जिम्मेदारियों के साथ दीपक हर सुबह और शाम फॉर्म पर ध्यान देते हैं. उनका मानना है कि मेहनत से किया गया काम कभी बेकार नहीं जाता. उनके पास आज करीब 400 कड़कनाथ मुर्गियां हैं और इससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है.
दीपक बताते हैं कि एक ट्रे कड़कनाथ अंडों की कीमत ₹750 तक पहुंच जाती है, जबकि देसी अंडे की थोक कीमत ₹600 है. गांव में इन अंडों की खूब मांग है, जिससे उनका फॉर्म अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है.
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