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सेंट्रल जेल की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले बंदी अजय को सीआईए-1 की टीम ने चार दिन के बाद काबू कर लिया। टीम ने आरोपी को जीरकपुर के पास से दबोचा। प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी के पास रुपये न होने के कारण वह वाहन चालकों से लिफ्ट मांगकर जीरकपुर पहुंचा था। बताया जाता है कि आरोपी ने मदद के लिए अपने घर पर संपर्क किया था, तभी पुलिस साइबर सैल की मदद से आरोपी तक पहुंची।
हालांकि पुलिस की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई। सीआईए प्रभारी हरजिंद्र सिंह ने बताया कि बिहार के खजूरी गांव निवासी अजय कुमार को टीम ने बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उधर, आरोपी से जेल प्रशासन अपने स्तर पर भी पूछताछ करेगा, साथ ही पता लगाएगा कि आखिर किसी ने आरोपी के भागने में मदद की है या नहीं।
सेंट्रल जेल की सुरक्षा में सेंध लगाकर फरार हुए कैदी अजय के मामले में जेल प्रशासन ने एक डीएसपी सहित चार पर कार्रवाई की थी। प्राथमिक दृष्टि में लापरवाही उजागर होने पर हेड वार्डन दिलीप व वार्डन गौरव को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। जबकि जेल सिक्योरिटी व कारखाना का जिम्मा संभालने वाले डीएसपी गीता व एक अन्य को चार्जशीट किया था।
यह था पूरा मामला
बलदेव नगर थाना पुलिस को दी तहरीर में केंद्रीय कारागार के उप अधीक्षक डॉ. राजीव ने बताया था कि सेंट्रल जेल में 27 सितंबर को रोजाना की तरह दोपहर 3 बजे जेल के कारखाना को बंद करते समय हवालातियों की गिनती हो रही थी। इस दौरान अजय गायब मिला। काफी तलाश करने के बाद जेल के सीसीटीवी खंगाले तो जेल प्रशासन भी दंग रह गया। शातिर चोर चंद मिनटों में ही गुल हुई बिजली का फायदा उठाकर 18 फीट के बिजली के खंभे के जरिये तार पकड़कर दीवार फांदकर फरार हो गया। आरोपी अजय कुमार शर्मा पर 17 मार्च 2024 को पंचकूला के थाना मनसा देवी कॉम्पलेक्स में पॉस्को एक्ट का मामला दर्ज था।
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