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Agency:News18 Haryana
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सूरजकुंड मेले में रेवाड़ी की अनीता का देसी खाने का स्टॉल खूब पसंद किया जा रहा है. यहां बाजरे का पिज्जा, लड्डू, खाटे का साग और मक्के-बाजरे की रोटी जैसी पारंपरिक चीजें मिलती हैं. 34 महिलाओं की टीम हर दिन 400 से ज…और पढ़ें
सूरजकुंड मेले में अनीता का देसी बाजरा स्टॉल आकर्षण का केंद्र.
हाइलाइट्स
- सूरजकुंड मेले में देसी खाने का स्टॉल खूब पसंद किया जा रहा है.
- यहां लड्डू, खाटे का साग और मक्के- बाजरे की रोटी जैसी पारंपरिक चीजें मिलती हैं.
- 34 महिलाओं की टीम हर दिन 400 से ज्यादा प्लेटें बेच रही है.
फरीदाबाद: फरीदाबाद के सूरजकुंड मेले में एक अनोखी स्टॉल लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इस स्टॉल पर बाजरे से बने तरह- तरह के व्यंजन परोसे जा रहे हैं, जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं. खास बात यह है कि यहां मिलने वाला सारा खाना पूरी तरह से घर पर तैयार किया जाता है. इसमें किसी भी तरह की मिलावट नहीं होती. यहां बाजरे के लड्डू, बाजरे का पिज्जा, खाटे का साग, सरसों का साग और मक्के-बाजरे की रोटी जैसे देसी व्यंजन उपलब्ध हैं.
इस स्टॉल को चलाने वाली अनीता हरियाणा के रेवाड़ी जिले से आई हैं. वह बताती हैं कि सूरजकुंड मेले में दूसरी बार स्टॉल लगाने आई हैं. पिछले साल भी उन्हें लोगों से बहुत अच्छा रिस्पांस मिला था. इस बार भी उनके देसी खाने की काफी तारीफ हो रही है. उन्होंने बताया हमारे यहां हर दिन करीब 400 प्लेटें बिक जाती हैं. लोग बड़े चाव से बाजरे का पिज्जा और खाटे का साग खा रहे हैं.
बाजरे से बने कई तरह के मौजूद हैं स्नैक्स
स्टॉल पर बाजरे से बने कई तरह के स्नैक्स भी उपलब्ध हैं जिनमें बाजरे के बिस्किट और बाजरे की नमकीन शामिल हैं. ये सभी चीजें आटे और गुड़ से बनाई जाती हैं. ये स्वादिष्ट होने के साथ- साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं. इसके अलावा यहां गुड़ की चाय भी मिलती है, जिसकी कीमत 50 रुपए रखी गई है. कढ़ी-खिचड़ी 100 रुपए में और मक्के- बाजरे की रोटी के साथ खाटे का साग 200 रुपये में उपलब्ध है.
34 महिलाओं को दे रही हैं रोजगार
अनीता बताती हैं कि वे सिर्फ सूरजकुंड मेले तक सीमित नहीं हैं बल्कि उनकी रेवाड़ी में भी एक दुकान है. इसके अलावा वे अलग- अलग मेलों में स्टॉल लगाकर अपने पारंपरिक खाने को लोगों तक पहुंचाती हैं. इस काम में उनके साथ 34 अन्य महिलाएं भी जुड़ी हुई हैं. ये सभी मिलकर स्वादिष्ट और शुद्ध खाना तैयार करती हैं. वे किसान संगठन से भी जुड़ी हुई हैं. साथ ही वह बाजरा और मक्का जैसे पारंपरिक अनाज को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं.
सूरजकुंड मेले में देसी और पारंपरिक खाने के शौकीनों के लिए यह स्टॉल किसी जन्नत से कम नहीं है. यहां आने वाले लोग इस शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन का स्वाद चखने के बाद इसे अपने घर ले जाने के लिए भी खरीद रहे हैं.
Faridabad,Haryana
February 23, 2025, 14:09 IST
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