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सीरिया में डिफेंस हेडक्वार्टर पर इजराइल की एयरस्ट्राइक: लाइव टीवी शो में बमबारी दिखी, शिया-सुन्नी की लड़ाई में अब तक 250 की मौत Today World News

सीरिया में डिफेंस हेडक्वार्टर पर इजराइल की एयरस्ट्राइक:  लाइव टीवी शो में बमबारी दिखी, शिया-सुन्नी की लड़ाई में अब तक 250 की मौत Today World News

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दमिश्ककुछ ही क्षण पहले

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इजराइल ने बुधवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क में डिफेंस हेडक्वार्टर पर हमला किया, जिसके बाद चारों तरह धुआं छा गया।

इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में रक्षा मुख्यालय पर हमला कर दिया है। अल जजीरा के मुताबिक इजराइल ने हेडक्वार्टर पर 2 ड्रोन दागी हैं।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें लाइव शो के दौरान बमबारी होती दिखाई दे रही है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि वह जगह मिलिट्री हेडक्वार्टर ही है।

दक्षिणी सीरिया के स्वेदा प्रांत में शिया ड्रूज और सुन्नी बेदोइन समुदाय के बीच पिछले चार दिनों से हिंसक लड़ाई छिड़ी हुई है। इसमें 250 लोगों की मौत हो गई है।

इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने चेतावनी दी थी कि सीरियाई सेनाओं को देश के दक्षिणी हिस्से से हट जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा होने तक इजराइली हमले तेज कर देगी।

स्वेदा में चार दिनों तक चली लड़ाई के बाद मंगलवार को संघर्ष विराम की घोषणा की गई थी, लेकिन इसके बावजूद बुधवार को फिर से हिंसा भड़क उठी।

सीरिया में इजराइली के हमले से जुड़ी 4 फुटेज…

रक्षा मंत्रालय पर हमले के बाद आसमान में धुआं छा गया।

रक्षा मंत्रालय पर हमले के बाद आसमान में धुआं छा गया।

मिलिट्री हेडक्वार्टर पर हमले के दौरान सड़कों पर भागती गाड़ियां।

मिलिट्री हेडक्वार्टर पर हमले के दौरान सड़कों पर भागती गाड़ियां।

सीरिया की राजधानी दमिश्क में बुधवार को रक्षा मंत्रालय पर हमले के बाद एक इमारत से उठता धुआं।

सीरिया की राजधानी दमिश्क में बुधवार को रक्षा मंत्रालय पर हमले के बाद एक इमारत से उठता धुआं।

सीरिया के स्वेदा शहर में सीरियाई सरकारी बलों और ड्रूज मिलिशिया के बीच संघर्ष के दौरान इमारतों से धुआं उठता हुआ

सीरिया के स्वेदा शहर में सीरियाई सरकारी बलों और ड्रूज मिलिशिया के बीच संघर्ष के दौरान इमारतों से धुआं उठता हुआ

ड्रूज और बेदोइन के बीच तनाव बढ़ा

यह झड़पें रविवार को तब शुरू हुईं जब स्वेदा में एक ड्रूज पर बेदोइन समुदाय के कुछ सशस्त्र लोगों ने हमला कर दिया है और उसे लूट लिया। इस घटना के बाद ड्रूज मिलिशिया और बेडोइन समूहों के बीच झड़प शुरू हो गई।

इन बेदोइन समूहों में कुछ ऐसे भी थे जिन्हें सीरियाई सरकार का समर्थक माना जाता है। इसके बाद लगातार हमले, अपहरण और हिंसा बढ़ती चली गई। हिंसा को रोकने की कोशिश में सीरियाई सरकार ने सोमवार को सैन्य बल भेजे।

ड्रूज मिलिशिया के नेताओं ने कहा कि नई सरकार पर भरोसा नहीं होने के कारण उन्हें लगा कि ये सैनिक बेदोइन समूहों का साथ देने और ड्रूज समुदाय पर हमला करने के इरादे से भेजे गए हैं। इस वजह से संघर्ष और भी भड़क गया।

ड्रूज समुदाय के समर्थन में उतरा इजराइल

इसके बाद इजराइल भी इसमें कूद गया और उसने सुवेदा के आसपास के इलाकों में सीरियाई सरकारी बलों पर बमबारी की। हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि उनका मकसद ड्रूज समुदाय की रक्षा करना है, क्योंकि इजराइल और इजराइली कब्जे वाले गोलान हाइट्स में ड्रूज लोगों से उनके गहरे रिश्ते हैं।

सीरिया के गृह मंत्रालय ने इस हिंसा को सांप्रदायिक न मानते हुए कहा कि यह सरकार और अपराधियों के बीच की लड़ाई है, न कि सरकार और किसी खास समुदाय के बीच की। मंत्रालय ने माना कि स्वेदा में अराजकता को रोकने में सरकार नाकाम रही।

रिपोर्ट के मुताबिक स्वेदा शहर में इंटरनेट और बिजली पूरी तरह बंद हो गई है। शिया ड्रूज समुदाय सीरिया की कुल आबादी का करीब 3% है। पिछले 14 साल तक चले गृहयुद्ध के दौरान खुद को असद सरकार और इस्लामी चरमपंथी आतंकियों से बचाने के लिए ड्रूज समुदाय में कई मिलिशिया बने।

ड्रूज मिलिशियाओं ने सीरिया के स्वेदा पर मजबूत नियंत्रण बनाए रखा है। यह इलाका जॉर्डन की सीमा के पास और इजराइल के नजदीक एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगह है।

इजराइली सीमा पुलिस के सदस्य इजराइली कब्जे वाले गोलान हाइट्स और सीरिया के बीच युद्धविराम रेखा पर खड़े हैं। बैकग्राउंड में धुआं उठ रहा है।

इजराइली सीमा पुलिस के सदस्य इजराइली कब्जे वाले गोलान हाइट्स और सीरिया के बीच युद्धविराम रेखा पर खड़े हैं। बैकग्राउंड में धुआं उठ रहा है।

सीरिया पर कब्जे के बाद भी स्वेदा नहीं जीत पाए जुलानी

जब दिसंबर में सुन्नी विद्रोही गठबंधन ने लंबे समय से राष्ट्रपति रहे बशर अल-असद की सत्ता को खत्म कर दिया, तब सीरिया की नई सरकार ने ड्रूज नेताओं से संपर्क किया। सरकार चाहती है कि ड्रूज मिलिशिया उसकी राष्ट्रीय सेना में शामिल हो जाएं, जिससे पूरे देश पर उसका नियंत्रण मजबूत हो सके। लेकिन ड्रूज नेताओं को नए राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (मोहम्मद अल जुलानी) और उनके वादों पर भरोसा नहीं है।

अहमद अल-शरा पहले एक इस्लामी विद्रोही समूह का हिस्सा थे, जिसमें अधिकतर सुन्नी मुसलमान थे और जिसे कभी अल-कायदा से जुड़ा हुआ माना जाता था। ऐसे में ड्रूज और अन्य धार्मिक व जातीय अल्पसंख्यक सरकार के इरादों को लेकर शंका में हैं।

सीरिया पर हमले क्यों कर रहा इजराइल

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इजराइल की इस संघर्ष में दिलचस्पी के दो बड़े कारण हैं। पहला, वह नहीं चाहता कि ईरान समर्थित या इजराइल विरोधी इस्लामी चरमपंथी समूह सीरियाई सीमा के पास अपना ठिकाना बनाएं, खासकर स्वेदा जैसे ड्रूज बहुल इलाकों में।

दूसरी वजह इजराइल के भीतर मौजूद ड्रूज समुदाय हैं। ये इजराइली सरकार के काफी करीब माने जाते हैं। उनकी चिंता को दूर करने के लिए भी इजराइल सक्रिय हो गया है

इजराइल ने सोमवार और मंगलवार को स्वेदा में सीरियाई सरकारी सैनिकों पर हवाई हमले किए। हाल के महीनों में इजराइली सेना ने दक्षिणी सीरिया के उस बफर जोन पर कंट्रोल कर लिया है जहां पहले संयुक्त राष्ट्र के सैनिक गश्ती करते थे।

इसके अलावा इजराइली सेना दमिश्क के दक्षिण में घुसपैठ कर चुकी है। इजराइल पूरे सीरिया में कई सैन्य ठिकानों पर सैकड़ों हवाई हमले कर चुका है। उसका कहना है कि वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि असद शासन के जमाने के हथियार आतंकवादियों या उसके दुश्मनों के हाथ न लगें।

1990 के दशक में सीरिया के साथ शांति वार्ता का नेतृत्व कर चुके इजराइली इतिहासकार इतामार राबिनोविच कहते हैं, “इजराइली सरकार कोई जोखिम नहीं ले सकते। वह नहीं सीरिया के गोलान इलाके में दुश्मन ताकतें जम जाएं, जिसके बाद ईरान या हिजबुल्लाह वहां कोई खेल रचें।”

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सीरिया में दो समुदायों के बीच संघर्ष में इजराइल की भी एंट्री हो गई है। इजराइली सेना ने मंगलवार को सीरियाई सैन्य टैंकों पर हमला किया। ये हमला उस समय हुआ जब सीरियाई सरकार के सुरक्षाबल स्वेदा प्रांत में ड्रूज मिलिशिया और बेदोइन जनजातियों के बीच हो रही हिंसक झड़पों को रोकने पहुंचे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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