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असद सरकार के पतने के बाद 8 दिसंबर को दमिश्क की उमय्यद मस्जिद में भाषण देता जुलानी।
अमेरिका के लिए सीरिया में विद्रोही गुट तहरीर अल शाम (HTS ) के नेता अबु मोहम्मद अल जुलानी अब आतंकी नहीं रहा। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने जुलानी पर रखे गए 10 मिलियन डॉलर (85 करोड़ रुपए) का इनाम हटा लिया है।
सीरिया में HTS नेताओं के साथ बैठक के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने यह फैसला लिया। अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री बारबरा लीफ ने कहा कि राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने के बाद यह फैसला किया गया है।
असद सरकार गिरने के बाद अमेरिका का एक दल सीरिया पहुंचा है। इसका नेतृत्व बारबरा लीफ कर रही हैें। अमेरिकी अधिकारियों ने शनिवार सुबह HTS चीफ अबु जुलानी से भी मुलाकात की। बारबरा लीफ ने कहा कि HTS नेताओं संग बातचीत काफी अच्छी और सफल रही।
अमेरिका ने साल 2018 में HTS को एक ‘आतंकी’ संगठन घोषित किया था। इससे एक साल पहले अबू जुलानी पर इनाम रखा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका HTS को आतंकी संगठन की सूची से हटाने पर विचार कर रहा है।
जुलानी से मिलने से पहले दमिश्क में अपने होटल से निकलतीं बारबरा लीफ
सीरिया से नजदीकियां क्यों बढ़ा रहा इजराइल
मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार नहीं चाहती कि तुर्किये, सीरिया को पूरी तरह से कंट्रोल करे। तुर्किये राष्ट्रपति एर्दोगन काफी समय से सीरिया में असद सरकार को गिराने में लगे हुए थे, उन्हें इसमें सफलता मिल गई है। अब वो इसका फायदा उठाने की कोशिश में लगे हैं।
इसके अलावा अमेरिका यह भी नहीं चाहता कि ईरान वहां फिर से अपनी स्थिति मजबूत कर पाए। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा था कि अमेरिका, HTS के सीधे संपर्क में है। ब्लिंकन ने HTS को अलकायदा से सबक लेने की भी चेतावनी दी।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि जब तालिबान आया तब उसने उदार चेहरा पेश किया या फिर कम से कम ऐसा करने की कोशिश की। लेकिन फिर उसका असली रंग सामने आ गया। इसका नतीजा यह हुआ कि वह दुनिया में बुरी तरह से अलग-थलग पड़ गया। ब्लिंकन ने कहा कि यदि HTS सीरिया को आगे ले जाना चाहता है तो उसे इन सब चीजों से बचना होगा।
जुलानी के लड़की के फोटो खिंचाने पर विवाद छिड़ा
इस बीच HTS नेता जुलानी ने एक लड़की के साथ तस्वीर खिंचाने पर हो रही आलोचना पर बयान दिया है। लिया खैरल्लाह नाम की लड़की ने 10 दिसंबर को अबू जुलानी के साथ फोटो खिंचाई थी। फोटो खींचने से पहले जुलानी ने लड़की से सिर को ढ़कने को कहा था। अब इसे ही लेकर उनकी आलोचना हो रही है।
उदारवादी लोग जुलानी की आलोचना इस वजह से कर रहे हैं कि उसने एक लड़की के साथ फोटो खिंचाने से पहले उसका सिर ढकने को कहा था। वे इस घटना को सीरिया में इस्लामी व्यवस्था थोपने के रूप में देख रहे हैं।
BBC से बात करते हुए जुलानी ने कहा कि उन्होंने लड़की को बाल ढककर फोटो खिंचाने के लिए मजबूर नहीं किया। उन्होंने कहा- यह मेरी आजादी है कि मैं उसी तरह से फोटो खिंचाऊं जैसा मुझे सही लगे।
वही, कट्टरपंथी जुलानी की आलोचना इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उसने एक लड़की के साथ फोटो खिंचाई। उनका मानना है कि गैर रिश्तेदार महिलाओं और पुरुषों के बीच करीबी संपर्क सही नहीं है। उन्होंने जुलानी पर बेवजह जनता का ध्यान खींचने, मजहबी तालीम में दखल देने का आरोप लगाया।
ब्रिटिश अधिकारी 17 दिसंबर को जुलानी से मिलने पहुंचे थे। तब ब्रिटिश महिला अधिकारी ने सिर को नहीं ढका था। इस वजह से भी जुलानी को कट्टरपंथियों ने निशाने पर लिया।
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