हिसार। अध्यापक पात्रता परीक्षा अर्थात सीटेट के अंतिम दिन रविवार को 18 सेंटरों पर 7045 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। जबकि 970 अनुपस्थित रहे। बता दें कि रविवार को सुबह की शिफ्ट में ही सीटेट की परीक्षा होनी थी, जिसके लिए 8015 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण करवाया था। परीक्षा के दूसरे दिन भी परीक्षार्थियों को सीटेट देने के लिए अग्नि-परीक्षा से गुजरना पड़ा। परीक्षा केंद्र में एंट्री से पहले पुलिस के घेरे में परीक्षार्थियों की चेकिंग की गई। खासकर महिला परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मंगलसूत्र छोड़कर तमाम आभूषणों जिनमें नाक के नथ-कान के झूमके व गले के हार उतरवाए गए। जबकि पुरुष परीक्षार्थियों की उंगलियों से अंगूठी व बेल्ट उतरवाई गई। जैसे-तैसे परीक्षार्थी परीक्षा स्थल पर पहुंचे तो प्रश्न-पत्र में पूछे सवालों ने परीक्षार्थियों को अच्छा-खास परेशान किया।
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संस्कृत व शिक्षा शास्त्र के सवाल हल करने में चकराए सिर
परीक्षार्थियों को संस्कृत और शिक्षा शास्त्र प्रश्न-पत्र देखकर पूछे सवालों को हल करने में परीक्षार्थियों के पसीने छूटे। साथ ही शिक्षा शास्त्र विषय के सवालों ने भी परीक्षार्थियों के दिमाग की कसरत करवाई। इसके बाद तर्कशील प्रश्नों को हल करने में भी परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
ये बोले परीक्षार्थी
संस्कृत के सवालों ने काफी परेशान किया। क्योंकि संस्कृत विषय की तैयारी अच्छी नहीं थी। जबकि शेष विषयों के सवालों को लंबे तरीके से पूछे गए थे। जिनको पहले समझने में ही एक मिनट का समय लग रहा था। – रमन, परीक्षार्थी
प्रश्न-पत्र मिलाजुला था। मतलब मुश्किल भी नहीं था, जबकि आसान भी नहीं था। मीडियम तरह के सवाल पूछे गए थे। खासकर शिक्षा शास्त्र अर्थात पढ़ाने के तौर-तरीकों पर भी गहराई से सवाल पूछे गए थे। – दिनेश, परीक्षार्थी
मुझे सामाजिक शास्त्र के प्रश्नों को हल करने में समय लग रहा था। क्योंकि इसमें समाज के आपसी संबंध से लेकर मानवीय विचारों पर काफी तर्कशील सवाल पूछे गए थे। हालांकि अंग्रेजी व गणित के सवाल आसान थे। कोई भी प्रश्न आउट ऑफ सिलेबस नहीं था। – अनुराग, परीक्षार्थी
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सीटेट : संस्कृत व शिक्षा शास्त्र के प्रश्नों ने कराई दिमाग की कसरत, 7045 परीक्षार्थियों ने दी परीक्षा, जबकि 970 रहे अनुपस्थित