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सावधान! AI को ये बातें बताना पड़ सकता है महंगा, हैकर्स बना सकते हैं आपको शिकार Today Tech News

सावधान! AI को ये बातें बताना पड़ सकता है महंगा, हैकर्स बना सकते हैं आपको शिकार Today Tech News

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यही वजह है कि जब भी आप AI का इस्तेमाल करें तो यह याद रखें कि यह कोई इंसान नहीं बल्कि एक सिस्टम है जो आपकी दी हुई जानकारी को स्टोर और प्रोसेस करता है. ऐसे में अगर आप अपनी व्यक्तिगत या गोपनीय जानकारियां इसमें डालते हैं तो साइबर अपराधियों तक वह आसानी से पहुंच सकती हैं. नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल या बैंक डिटेल जैसी जानकारियां हैकर्स के लिए सोने पर सुहागा साबित होती हैं. वे इनका इस्तेमाल पहचान चोरी, धोखाधड़ी या साइबर हमले के लिए कर सकते हैं.

इसी तरह बैंक अकाउंट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड डिटेल्स और पासवर्ड भी कभी साझा नहीं करने चाहिए. यह जानकारी लीक होते ही आपके वित्तीय अकाउंट्स को हैक करना हैकर्स के लिए आसान हो जाता है. कई लोग अपनी निजी बातें मेडिकल रिकॉर्ड या यहां तक कि ऑफिस और कंपनी का डेटा भी AI प्लेटफॉर्म्स पर डाल देते हैं. लेकिन यह गलती आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है. मेडिकल रिकॉर्ड और हेल्थ डिटेल्स लीक होने पर आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है, वहीं कंपनी से जुड़ा डेटा लीक हुआ तो बिज़नेस को सीधा नुकसान हो सकता है.

इसी तरह बैंक अकाउंट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड डिटेल्स और पासवर्ड भी कभी साझा नहीं करने चाहिए. यह जानकारी लीक होते ही आपके वित्तीय अकाउंट्स को हैक करना हैकर्स के लिए आसान हो जाता है. कई लोग अपनी निजी बातें मेडिकल रिकॉर्ड या यहां तक कि ऑफिस और कंपनी का डेटा भी AI प्लेटफॉर्म्स पर डाल देते हैं. लेकिन यह गलती आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है. मेडिकल रिकॉर्ड और हेल्थ डिटेल्स लीक होने पर आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है, वहीं कंपनी से जुड़ा डेटा लीक हुआ तो बिज़नेस को सीधा नुकसान हो सकता है.

इसके अलावा, चैटबॉट से कानूनी सलाह लेना भी सुरक्षित नहीं है. कई बार लोग मुकदमों या कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी जानकारी AI को बताते हैं लेकिन यह न तो वकील है और न ही इसकी सलाह पूरी तरह भरोसेमंद. ऐसे में आपकी कानूनी स्थिति और बिगड़ सकती है. साथ ही पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पहचान पत्र या निजी तस्वीरें जैसे डॉक्यूमेंट्स भी कभी AI पर शेयर नहीं करने चाहिए क्योंकि इनके लीक होने पर पहचान की चोरी और साइबर फ्रॉड की आशंका कई गुना बढ़ जाती है.

इसके अलावा, चैटबॉट से कानूनी सलाह लेना भी सुरक्षित नहीं है. कई बार लोग मुकदमों या कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी जानकारी AI को बताते हैं लेकिन यह न तो वकील है और न ही इसकी सलाह पूरी तरह भरोसेमंद. ऐसे में आपकी कानूनी स्थिति और बिगड़ सकती है. साथ ही पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पहचान पत्र या निजी तस्वीरें जैसे डॉक्यूमेंट्स भी कभी AI पर शेयर नहीं करने चाहिए क्योंकि इनके लीक होने पर पहचान की चोरी और साइबर फ्रॉड की आशंका कई गुना बढ़ जाती है.

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि आपत्तिजनक या अश्लील कंटेंट AI चैटबॉट्स पर शेयर करना अकाउंट सस्पेंड होने की वजह बन सकता है. वहीं ऐसी बातें जो आप नहीं चाहते कि कभी सार्वजनिक हों उन्हें AI के साथ साझा करने से बचें. क्योंकि यह प्लेटफॉर्म आपकी सामान्य बातचीत तक रिकॉर्ड कर सकते हैं.

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि आपत्तिजनक या अश्लील कंटेंट AI चैटबॉट्स पर शेयर करना अकाउंट सस्पेंड होने की वजह बन सकता है. वहीं ऐसी बातें जो आप नहीं चाहते कि कभी सार्वजनिक हों उन्हें AI के साथ साझा करने से बचें. क्योंकि यह प्लेटफॉर्म आपकी सामान्य बातचीत तक रिकॉर्ड कर सकते हैं.

संक्षेप में कहा जाए तो AI आपकी मदद जरूर करता है लेकिन इसके साथ लापरवाही आपको हैकर्स के निशाने पर ला सकती है. बेहतर यही होगा कि आप इसका इस्तेमाल केवल सामान्य जानकारी और सीखने के लिए करें लेकिन निजी और संवेदनशील डाटा साझा करने से हमेशा बचें.

संक्षेप में कहा जाए तो AI आपकी मदद जरूर करता है लेकिन इसके साथ लापरवाही आपको हैकर्स के निशाने पर ला सकती है. बेहतर यही होगा कि आप इसका इस्तेमाल केवल सामान्य जानकारी और सीखने के लिए करें लेकिन निजी और संवेदनशील डाटा साझा करने से हमेशा बचें.

Published at : 01 Sep 2025 02:31 PM (IST)


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