सावधान: एक ही क्रिया को बार-बार करने की है आदत तो आप हो सकते हैं ओसीडी के शिकार


रोहित राजपूत

भिवानी। अगर आप एक ही क्रिया को बार-बार करने के आदी है तो आप ओसीडी मनोरोग के शिकार हो सकते हैं। ओसीडी यानि ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर।

इस मनोरोग डिसऑर्डर के चलते मरीज एक ही क्रिया को बार-बार करने लगता है। जैसे किसी चीज को लॉक करने के बाद कई बार उसको दोबारा चेक करना भी एक ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर का लक्षण है। इस मनोरोग के कारण व्यक्ति को अपने किए काम पर विश्वास नहीं होता और वह बार-बार किए गए काम को चेक करता है। उसके मन में काम के प्रति वहम पैदा हो जाता है। जिस कारण वह इस प्रकार की क्रियाएं करता है। संवाद

क्या है ओसीडी

ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर का मतलब है किसी भी व्यवहार की पुनरावृत्ति। जो विचार हमारे मन में बार-बार आते हैं उनके प्रति सदैव सोचना व उनसे प्रभावित होकर व्यवहार करना। ये विचार सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। ऐसे विचार हमारे मन में बार-बार आते हैं। इसके कारण घबराहट और बेचैनी होने लगती है। हम इसे चाह कर भी नहीं रोक सकते। वहीं, कंपल्शन शब्द का मतलब मजबूरी से जुड़ा है। उदाहरण के लिए यदि हमारे मन में यह विचार आता है कि हमारे हाथ गंदे हैं तो हम ना चाहते हुए भी घबराकर अपने हाथों को बार-बार धोते रहते हैं। यह प्रक्रिया दोबारा फिर से रिपीट होने लगती है। बार-बार हाथ धोना एक प्रकार का कंपल्शन होता है। इससे मरीज को थोड़ी देर के लिए अच्छा महसूस होगा। इस तरह की क्रिया को ही कंपल्शन कहते हैं।

हर रोज बढ़ रहे मरीज

क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. सुमन पानू ने बताया कि ओसीडी कई प्रकार का हो सकता है। इसकी जानकारी होना अति आवश्यक है ताकि हम ओसीडी को अपने आसपास पहचान सकें और अपने साथ-साथ दूसरों की भी सहायता कर सकें। ओसीडी के मरीज दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। इसका सही वक्त पर इलाज न कराने पर यह खतरनाक साबित हो सकती है। इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। क्योंकि चिंता और तनाव के कारण व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ने लगता है। उन्होंने बताया कि ओसीडी का कोई भी लक्षण यदि दिखे तो डॉक्टर या साइकोलॉजिस्ट की सलाह लें।

इस बातों का रखें ध्यान

1. अपनी स्थिति को देखें व समझें।

2. हर स्थिति में स्वयं का साथ दें।

3. अपने दिमाग में सिर्फ सकारात्मक विचार ही लाएं।

4. कुछ काम करने का मन करें तो उसका उल्टा करें जैसे एक ही रंग के कपड़े बार-बार पहनना चाहते हैं तो अलग-अलग रंग के कपड़े पहनें।

5. अपने व्यवहार में बदलाव करें। इससे दिमाग भी उसी में सहज महसूस करेगा।

6. जब असहज स्थिति में रहना सीख जाएं तो समझें कि आप ओसीडी से बच रहे हैं।

बार-बार हाथ धोना या फिर लॉक लगाकर चेक करना ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर बीमारी के ही लक्षण हैं। ओसीडी बीमारी का उपचार संभव है। इस बीमारी से ग्रस्त कोई भी नागरिक जिला सामान्य अस्पताल में आकर निशुल्क अपना उपचार करवा सकता है।

-डॉ. सुमन पानू, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, जिला नागरिक अस्पताल।

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