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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सारण जिले की 10 सीटों पर मतदान खत्म हो चुका है और अब सबकी नजरें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं. एबीपी बिहार एक्सपर्ट एग्जिट पोल के मुताबिक, जेडीयू को 2, बीजेपी को 4, आरजेडी को 2 सीटें मिल सकती है. जबकि 2 सीटों पर कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है.
छपरा बनी सबसे हॉट सीट
पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रभात किरण हिमांशु के अनुसार, इस बार छपरा विधानसभा सीट पूरे बिहार में चर्चा का केंद्र बनी हुई है. भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव यहां राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एनडीए की ओर से भाजपा उम्मीदवार छोटी कुमारी मैदान में हैं.
शहर के वोटर हमेशा से निर्णायक रहे हैं, और मतदान के दिन शहरी बूथों पर भारी भीड़ देखने को मिली. हालांकि भाजपा की पूर्व मेयर राखी गुप्ता के निर्दलीय रूप से मैदान में उतरने से एनडीए के वोटों में बंटवारा हो सकता है.
हिमांशु का कहना है कि छपरा में मुकाबला बेहद दिलचस्प है. खेसारी लाल की स्टार पावर और एनडीए के मजबूत संगठन में सीधी टक्कर देखने को मिल रही है.
सारण की 10 सीटों का पार्टीवार बंटवारा –
– एनडीए: 6 सीटें
– महागठबंधन: 2 सीटें
– कड़ा मुकाबला: 2 सीटें
मांझी में ‘सिंह बनाम यादव’ की जंग
पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रभात किरण हिमांशु बताते हैं कि मांझी विधानसभा सीट पर इस बार जेडीयू के रणधीर सिंह, जो पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे हैं, चुनावी मैदान में हैं. उनका मुकाबला सीपीआईएम के सत्येंद्र यादव से है. लेकिन भाजपा के बागी राणा प्रताप सिंह के निर्दलीय उतरने से यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले में बदल गई है.
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परसा में करिश्मा राय ने बदले समीकरण
छपरा के वरिष्ठ पत्रकार बिपिन बिहारी श्रीवास्तव बताते हैं कि परसा विधानसभा सीट भी इस बार हॉट सीट बन चुकी है. यहां आरजेडी ने तेज प्रताप यादव की साली डॉ. करिश्मा राय को टिकट दिया है, जबकि निवर्तमान विधायक छोटेलाल राय ने पार्टी बदलकर जेडीयू से चुनाव लड़ा है.
बिपिन बिहारी के अनुसार, छोटेलाल राय के दल बदलने के बाद जनता में संशय की स्थिति है. करिश्मा राय युवा हैं, शिक्षित हैं और स्थानीय मतदाताओं में उन्हें लेकर उत्साह दिख रहा है.
अमनौर में आईटी मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर
पत्रकार बिपिन बिहारी श्रीवास्तव के मुताबिक, अमनौर सीट पर बिहार सरकार के आईटी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू (भाजपा) और राजद के जिलाध्यक्ष सुनील राय के बीच सीधा मुकाबला है. मंटू के पक्ष में संगठन की मजबूती और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि काम कर सकती है, लेकिन मुकाबला कड़ा है.
उधर बनियापुर में भी इस बार साख की लड़ाई लड़ी जा रही है. यहां भी पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के अनुज केदारनाथ सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े हैं. जिन्हें पूर्व विधायक स्वर्गीय अशोक कुमार सिंह की पत्नी चांदनी देवी से टक्कर मिली है.
जबकि तरैया से इस बार राजद ने शैलेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतारा हैं तो एनडीए ने निवर्तमान विधायक जनक सिंह पर ही अपना दाव लगाया हैं, दोनों प्रत्याशी राजपूत समाज से आते हैं और दोनों अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखते हैं.
महिला वोटर बनी फैक्टर
पॉलिटिकल एक्सपर्ट रंजन श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार सारण में महिला मतदाताओं की भूमिका निर्णायक हो गई है. उन्होंने बताया कि महिला वोटरों पर नीतीश कुमार की अच्छी पकड़ है. उनके कार्यक्रमों का असर इस बार साफ दिखा. इसलिए एनडीए प्रत्याशियों को महिला वोटों का बड़ा लाभ मिल सकता है.
रंजन के अनुसार, सारण की 10 सीटों में से 6 सीटें एनडीए के खाते में जा सकती हैं, जबकि बाकी 4 सीटों पर महागठबंधन मजबूत है.
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