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31 मिनट पहले
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तारीख 3 दिसंबर, साउथ कोरिया में रात के 9 बजकर 23 मिनट हो रहे थे। ठीक इसी वक्त राष्ट्रपति यून सुक योल टीवी पर लाइव आते हैं और देश में मार्शल लॉ (सैन्य शासन) की घोषणा करते हैं। इस वक्त भारत में करीब 7 बज रहे थे।
अचानक लगे मार्शल लॉ के खिलाफ साउथ कोरिया की विपक्षी पार्टियां एकजुट होती हैं और आधे घंटे के भीतर संसद का आपातकालीन सत्र बुलाती हैं। आपातकालीन सत्र बुलाने की जानकारी मिलते ही राष्ट्रपति सेना को संसद पर कब्जा करने के लिए भेजते हैं।
राष्ट्रपति के आदेश के बाद सेना संसद के लिए कूच करती है। परिसर के प्लेग्राउंड में सेना का हेलिकॉप्टर उतरता है और सैनिक संसद भवन की तरफ दौड़ते हैं। वे संसद भवन में घुसने ही वाले थे कि तभी सेना को विपक्षी पार्टी के सांसदों और कार्यकर्ताओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ता है।
मार्शल लॉ के खिलाफ प्रस्ताव पारित होता है और देश से आपाकाल हट जाता है। पर ये सब कैसे हुआ ?
साउथ कोरिया में इमरजेंसी लगने 6 घंटे के भीतर क्या-क्या हुआ, विपक्ष ने कैसे राष्ट्रपति यून के सारे प्लान पर पानी फेरा और सत्ता में बने रहने के उनके सपने को चकनाचूर किया…
साउथ कोरिया की संसद की ये प्रतीकात्मक तस्वीर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से ली गई है।
साउथ कोरिया में अब राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए विपक्षी पार्टियां संसद में महाभियोग प्रस्ताव ला चुकी हैं। इस पर शुक्रवार या शनिवार को वोटिंग हो सकती है।
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साउथ कोरिया में इमरजेंसी के 6 घंटे: राष्ट्रपति ने संसद में सेना भेजी, प्लेग्राउंड में उतरा मिलिट्री हेलिकॉप्टर, विपक्ष ने कैसे बचाया लोकतंत्र