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तेजी से बढ़ रहे साइबर ठगी के मामले – फोटो : अमर उजाला
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साइबर क्राइम के बढ़ते दौर में उच्च शिक्षित लोग भी इसका शिकार होने से बच नहीं पाते हैं। ऐसा ही एक मामला भिवानी निवासी अधिवक्ता के साथ हुआ। जब उसे डिजिटल अरेस्ट कर उससे 16 लाख रुपये की ठगी की गई। अपने आप को अंधेरी पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताकर मनी लांड्रिंग का भय दिखाकर भिवानी के एडवोकेट मामनचंद शर्मा को डिजिटल एरेस्ट करके उनके खातों से तीन अलग-अलग खातों में 16 लाख रुपये डलवा लिए। बीते 13 फरवरी की इस घटना के बाद जब पीडि़त मामनचंद को महसूस हुआ कि उसके साथ बड़ी ठगी हुई है तो उसने भिवानी साइबर क्राइम में रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसके बाद साइबर क्राइम की टीम ने मनीट्रेल पर काम करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया।
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भिवानी साइबर क्राइम के सब इंस्पेक्टर विकास ने इस बारे में बताया कि साइबर क्राइम भिवानी की टीम ने मामनचंद की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनसे छह मोबाइल फोन तथा एक लाख 52 हजार रुपये नगद बरामद किए है। इसके साथ ही पकड़े गए लोगों के बताए गए खातों से 10 लाख रुपये फ्रीज करवाए है, ताकि मामले का निपटान होने पर पीडि़त को वापस मिल सकें।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी भिवानी के बैंक कॉलोनी निवासी कपिल व जिले के निंगाना के गांव के निवासी अली उर्फ सोनू, राजगढ़ निवासी मोहम्मद इस्लाम व मयंक पारीक को गिरफ्तार किया है। ये लोग क्रिप्टो करेंसी का काम कमीशन बेस पर करते थे तथा डिजिटल एरेस्ट में चाइना व कंबोडिया की गैंग से जुड़े हुए थे। ये व्हाटसअप कॉल करके लोगों को मनी लांड्रिंग मामलों की धमकी देकर उनसे अपने खातों में पैसा ट्रांसफर करवाते तथा ठगी को अंजाम देते।
उन्होंने आम लोगो से अपील की कि कोई भी व्यक्ति साइबर फ्रॉड से बचने के लिए 1903 नंबर पर फोन करें। उन्होंने बताया कि कानून में कभी भी डिजिटल या ऑनलाईन तरीके से पूछताछ नहीं की जाती। इसीलिए कोई भी व्यक्ति पुलिस या अन्य किसी भी जांच एजेंसी का व्यक्ति बनकर आपसे पूछताछ करता है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए तथा ऐसे व्यक्ति की शिकायत साइबर क्राइम को देनी चाहिए।
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साइबर ठगों का आतंक: व्हाट्सअप कॉल कर भिवानी के अधिवक्ता को डिजिटल अरेस्ट कर 16 लाख ठगे, इस बात का डर दिखाया