साइबर ठगी का भंडाफोड़: देश में बैठकर विदेशी कर रहे थे ऑनलाइन ठगी, तीन नाइजीरियन समेत चार गिरफ्तार


साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार आरोपी पुलिस टीम के साथ।

साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार आरोपी पुलिस टीम के साथ।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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हरियाणा के सोनीपत में साइबर थाना पुलिस ने ओमेक्स सिटी की एक महिला को विदेश में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 7.65 लाख की ठगी करने के आरोप में नाइजीरिया के नागरिकों समेत चार आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। गैंग के पांच सदस्यों को साइबर थाना पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। साइबर ठगी गैंग का मुख्य आरोपी अभी पुलिस पकड़ से बाहर है।

गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में साइबर ठगी की 500 से ज्यादा वारदात करना स्वीकार किया है। क्रिप्टो करेंसी बदलकर विदेश भेज रहे थे। गिरफ्तार आरोपी नाइजीरिया से टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे और बंगलुरु में रहकर लोगों से ऑनलाइन फ्रॉड कर रहे थे। अब तक इस गिरोह के 9 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।   

शनिवार देर शाम पत्रकारों से बातचीत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खरखौदा मयंक गुप्ता ने बताया कि सोनीपत साइबर थाना में ओमेक्स सिटी की रहने वाली आकांक्षा ने 17 जुलाई को ऑनलाइन ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। आकांक्षा ने पुलिस को बताया था कि वह उच्च शिक्षित है और नौकरी की तलाश में है।

उसने ऑनलाइन साइट पर नौकरी के बारे में जानकारी प्राप्त की थी। कुछ देर बाद उसके पास एक नंबर से कॉल आई। उसने अमेरिका में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। उसके बाद नौकरी के लिए आवेदन करने, कागजात का सत्यापन कराने और अपने कागजात का कुरियर से भेजने का झांसा देकर उनसे 7.65 लाख रुपये की ठगी कर ली।

साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले में साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार की टीम ने मूलरूप से नाइजीरिया फिलहाल नई दिल्ली स्थित देवली रोड जवाहर पार्क निवासी अका लेंडरी, लॉक गौस सिटी नाइजीरिया फिलहाल महता चौक महरौली दिल्ली निवासी जॉन उर्फ वचे गिडोन, मूलरूप से मबाटिल्लो नाइजीरिया फिलहाल दिल्ली के खानपुर स्थित जवाहर कॉलोनी निवासी चुक्स एमबीए व मूलरूप से यूपी के बदायूं के बिछरोइया फिलहाल गाजियाबाद के वैशाली निवासी जाबिर उर्फ जगमेंद्र उर्फ जैकी उर्फ राहुल को गिरफ्तार किया है।

इनमें अका लेंडरी पश्चिमी अफ्रीका के आइवरी कोस्ट के पासपोर्ट पर भारत आया था। वहीं चुक्स एमबीए ने फिलहाल नागालैंड के दीमापुर में स्थायी निवास बना रखा है। आकांक्षा के साथ की गई ठगी के पैसे बंगलुरु से निकले थे। वहां पर बैंक खातों की जांच और एटीएम बूथ के सीसीटीवी की फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान की थी।

यह भी पढ़ें : Karnal: नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगे 38 लाख, खुद को MLA और कांग्रेस नेता का नजदीकी बताकर दिया झांसा

मामले में दो नाइजीरियन समेत पांच आरोपी पहले पकड़े गए थे। जिनमें मूलरूप से नाइजीरिया फिलहाल बंगलुरु निवासी डी.मार्क ओपेरा, मूलरूप से नाइजीरिया फिलहाल जनकपुरी दिल्ली निवासी मैक्स उर्फ मेलेस मिचेल, उत्तर प्रदेश के बरेली के मोहम्मद रिजवान, उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के आमिर खान और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद-खोड़ा कॉलोनी के जावेद शामिल हैं। 

500 से ज्यादा वारदात की कुबूल 
पुलिस ने गैंग के गिरफ्तार सदस्यों से 20 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उनमें मिली जानकारी के अनुसार करीब 100 आरोपियों को सक्रिय माना जा रहा है। उनकी जानकारी और मोबाइल नंबर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गए हैं। वहां से स्वीकृति के बाद उनकी पहचान की जाएगी। वहीं नाइजीरिया के दर्जन भर आरोपी और शामिल हैं। उनपर कार्रवाई का निर्णय भी गृह मंत्रालय से किया जाएगा। आरोपियों ने 500 से ज्यादा साइबर ठगी की वारदातों में शामिल होना स्वीकार किया है। 

नकदी, मोबाइल व डेबिट कार्ड बरामद 
साइबर टीम ने गिरफ्तार आरोपियों से 20 मोबाइल, 2.67 लाख रुपये, 55 डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। आरोपी दिल्ली व बंगलुरु में रहकर ठगी कर रहे थे। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 9 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार का कहना है कि आरोपियों के मोबाइल से काफी डाटा मिला है। आरोपी देशभर में करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। गिरोह में सबका अलग-अलग काम है।

कोई ठगी की रकम को बैंक अकाउंट से निकालता है तो कोई बैंक अकाउंट की व्यवस्था करता है। जरूरतमंद को कमीशन का लालच देकर उनके अकाउंट में पैसे डलवाते हैं। जबकि नाइजीरियन लोगों से ऑनलाइन ठगी के लिए कॉल करते हैं। विदेशी नागरिक अभी पुलिस पकड़ से बाहर है। वही गिरोह के मास्टरमाइंड हैं। आरोपी टेलीग्राम व व्हाट्सएप के जरिये पूरा नेटवर्क चला रहे हैं। दिल्ली, यूपी व बंगलुरु में इनके कई ठिकाने हैं। 

नौकरी का झांसा देकर साइबर ठगी करने के चार और आरोपी पकड़े गए हैं। इनमें तीन नाइजीरिया के हैं। जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। उनमें से सात स्थानीय युवकों की पहचान कर ली गई है। आरोपितों में से दो के वीजा खत्म हो हो चुके हैं। -आईपीएस मयंक गुप्ता, एएसपी व साइबर प्रभारी

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हरियाणा के सोनीपत में साइबर थाना पुलिस ने ओमेक्स सिटी की एक महिला को विदेश में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 7.65 लाख की ठगी करने के आरोप में नाइजीरिया के नागरिकों समेत चार आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। गैंग के पांच सदस्यों को साइबर थाना पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। साइबर ठगी गैंग का मुख्य आरोपी अभी पुलिस पकड़ से बाहर है।

गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में साइबर ठगी की 500 से ज्यादा वारदात करना स्वीकार किया है। क्रिप्टो करेंसी बदलकर विदेश भेज रहे थे। गिरफ्तार आरोपी नाइजीरिया से टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे और बंगलुरु में रहकर लोगों से ऑनलाइन फ्रॉड कर रहे थे। अब तक इस गिरोह के 9 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।   

शनिवार देर शाम पत्रकारों से बातचीत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खरखौदा मयंक गुप्ता ने बताया कि सोनीपत साइबर थाना में ओमेक्स सिटी की रहने वाली आकांक्षा ने 17 जुलाई को ऑनलाइन ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। आकांक्षा ने पुलिस को बताया था कि वह उच्च शिक्षित है और नौकरी की तलाश में है।

उसने ऑनलाइन साइट पर नौकरी के बारे में जानकारी प्राप्त की थी। कुछ देर बाद उसके पास एक नंबर से कॉल आई। उसने अमेरिका में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। उसके बाद नौकरी के लिए आवेदन करने, कागजात का सत्यापन कराने और अपने कागजात का कुरियर से भेजने का झांसा देकर उनसे 7.65 लाख रुपये की ठगी कर ली।

साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले में साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार की टीम ने मूलरूप से नाइजीरिया फिलहाल नई दिल्ली स्थित देवली रोड जवाहर पार्क निवासी अका लेंडरी, लॉक गौस सिटी नाइजीरिया फिलहाल महता चौक महरौली दिल्ली निवासी जॉन उर्फ वचे गिडोन, मूलरूप से मबाटिल्लो नाइजीरिया फिलहाल दिल्ली के खानपुर स्थित जवाहर कॉलोनी निवासी चुक्स एमबीए व मूलरूप से यूपी के बदायूं के बिछरोइया फिलहाल गाजियाबाद के वैशाली निवासी जाबिर उर्फ जगमेंद्र उर्फ जैकी उर्फ राहुल को गिरफ्तार किया है।

इनमें अका लेंडरी पश्चिमी अफ्रीका के आइवरी कोस्ट के पासपोर्ट पर भारत आया था। वहीं चुक्स एमबीए ने फिलहाल नागालैंड के दीमापुर में स्थायी निवास बना रखा है। आकांक्षा के साथ की गई ठगी के पैसे बंगलुरु से निकले थे। वहां पर बैंक खातों की जांच और एटीएम बूथ के सीसीटीवी की फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान की थी।

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मामले में दो नाइजीरियन समेत पांच आरोपी पहले पकड़े गए थे। जिनमें मूलरूप से नाइजीरिया फिलहाल बंगलुरु निवासी डी.मार्क ओपेरा, मूलरूप से नाइजीरिया फिलहाल जनकपुरी दिल्ली निवासी मैक्स उर्फ मेलेस मिचेल, उत्तर प्रदेश के बरेली के मोहम्मद रिजवान, उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के आमिर खान और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद-खोड़ा कॉलोनी के जावेद शामिल हैं। 

500 से ज्यादा वारदात की कुबूल 

पुलिस ने गैंग के गिरफ्तार सदस्यों से 20 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उनमें मिली जानकारी के अनुसार करीब 100 आरोपियों को सक्रिय माना जा रहा है। उनकी जानकारी और मोबाइल नंबर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गए हैं। वहां से स्वीकृति के बाद उनकी पहचान की जाएगी। वहीं नाइजीरिया के दर्जन भर आरोपी और शामिल हैं। उनपर कार्रवाई का निर्णय भी गृह मंत्रालय से किया जाएगा। आरोपियों ने 500 से ज्यादा साइबर ठगी की वारदातों में शामिल होना स्वीकार किया है। 

नकदी, मोबाइल व डेबिट कार्ड बरामद 

साइबर टीम ने गिरफ्तार आरोपियों से 20 मोबाइल, 2.67 लाख रुपये, 55 डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। आरोपी दिल्ली व बंगलुरु में रहकर ठगी कर रहे थे। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 9 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार का कहना है कि आरोपियों के मोबाइल से काफी डाटा मिला है। आरोपी देशभर में करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। गिरोह में सबका अलग-अलग काम है।

कोई ठगी की रकम को बैंक अकाउंट से निकालता है तो कोई बैंक अकाउंट की व्यवस्था करता है। जरूरतमंद को कमीशन का लालच देकर उनके अकाउंट में पैसे डलवाते हैं। जबकि नाइजीरियन लोगों से ऑनलाइन ठगी के लिए कॉल करते हैं। विदेशी नागरिक अभी पुलिस पकड़ से बाहर है। वही गिरोह के मास्टरमाइंड हैं। आरोपी टेलीग्राम व व्हाट्सएप के जरिये पूरा नेटवर्क चला रहे हैं। दिल्ली, यूपी व बंगलुरु में इनके कई ठिकाने हैं। 

नौकरी का झांसा देकर साइबर ठगी करने के चार और आरोपी पकड़े गए हैं। इनमें तीन नाइजीरिया के हैं। जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। उनमें से सात स्थानीय युवकों की पहचान कर ली गई है। आरोपितों में से दो के वीजा खत्म हो हो चुके हैं। -आईपीएस मयंक गुप्ता, एएसपी व साइबर प्रभारी

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