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उन्होंने बताया कि रात साढ़े सात बजे वह अपने पुत्र सांवरा व बहू के साथ बाइक पर सवार होकर गांव पहुंचा। घर के पास ही पड़ोसी रोहताश सहित 10-15 लोगों ने उनका रास्ता रोक लिया। इसके बाद वे सांवरा को जबरन उठाकर अपने घर पर ले गए और उसे चारपाई से बांध दिया। इसके बाद डंडों से पीट-पीटकर मार डाला।
ग्रामीणों ने परिवार को गांव छोड़कर जाने को कहा
भाई महेंद्र ने बताया कि सांवरा का कोई कसूर नहीं था। उसका चचेरा भाई ईश्वर उनके पड़ोस की एक लड़की को डेढ़ माह पहले भगाकर ले गया था। इस मामले में गांव में पंचायत भी हुई। पंचायत में सरपंच उदयपाल सहित अन्य ग्रामीणों ने उनके परिवार को गांव छोड़कर जाने को कहा।
इसके बाद सांवरा और उसके पिता रामेश्वर गांव बकरियांवाली में रिश्तेदार के घर रहने लगे। महेंद्र ने बताया कि वह भी अपनी पत्नी के साथ रिश्तेदारों के पास चला गया। ईश्वर भी लड़की के साथ गांव ढूकड़ा में सहमति संबंध में रहने लगा।
जमाल चौकी में हुई थी पंचायत
महेंद्र ने बताया कि इस मामले में शुक्रवार शाम जमाल चौकी में सरपंच उदयपाल ने पंचायत बुलाई थी। इसमें लड़की का पिता व रिश्तेदार मौजूद थे। सांवरा भी पिता रामेश्वर व भाभी के साथ पंचायत में गया था। इस दौरान सरपंच ने रामेश्वर से कहा कि अब तुम लोग गांव में रह सकते हो, डरने की कोई बात नहीं।
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