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सूखी त्वचा: जब हमने काशीपुर के केवीआर अस्पताल के नियोनेटोलॉजी और पीडियाट्रिक्स विभाग के एचओडी डॉ. कुशल अग्रवाल से बात की तो उन्होंने कहा कि कम नमी और ठंडे मौसम में त्वचा से नमी खत्म हो जाती है. जिससे त्वचा में सूखापन और खुजली होती है. सर्दियों में यह समस्या खास तौर पर तब होती है. जब नहाने के लिए लंबे समय तक गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाता है और कम पानी पीने से बच्चों को डिहाइड्रेशन का खतरा होता है.
कैफीन एक मूत्रवर्धक (पेशाब के अधिक निकलने का कारण) के रूप में भी कार्य करता है और शरीर से पानी को बाहर निकालने को प्रोत्साहित करता है. निर्जलीकरण मल की स्थिरता और मार्ग को सीधे प्रभावित करता है. जिससे कब्ज होता है. जो व्यक्ति लैक्टोज असहिष्णु होते हैं, उन्हें पेट फूलने या कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि चाय में अक्सर दूध होता है.
धूम्रपान से जठरांत्र (जीआई) मार्ग पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सिगरेट में मौजूद निकोटीन की मात्रा तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती है और अस्थायी रूप से आंत्र गतिविधि को तेज कर सकती है लेकिन लगातार धूम्रपान करने से आंत के माइक्रोबायोटा का संतुलन बिगड़ जाता है. जो स्वस्थ पाचन के लिए आवश्यक है.
कैफीन का सेवन कम करें और हर्बल चाय का सेवन करें जो कैफीन-मुक्त हो और जिसमें पुदीना या अदरक जैसी सामग्री हो.दिन भर में खूब पानी पीना कैफीन के प्रभावों का प्रतिकार कर सकता है। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं.
फाइबर का सेवन बढ़ाए: अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें. फाइबर मल त्याग में मदद करता है और कब्ज को रोकता है.
Published at : 13 Dec 2024 07:50 PM (IST)
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