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पाचन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर शरीर के कामकाज के लिए खाए गए खाने से एनर्जी मिलती है. यह जीवन का आधार है. जब पाचन में बाधा आती है, तो यह शरीर के कार्यों को असंतुलित कर देता है. आयुर्वेद में भी उचित पाचन के महत्व पर जोर दिया गया है. पाचन शक्ति को अग्नि कहा जाता है और जब भोजन ठीक से पचता नहीं है तो अपच की समस्या हो सकती है. रोगों के विकास में आम की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. सर्दियों के मौसम में उचित पाचन के लिए प्रभावी रणनीतियों को शामिल करना चाहिए.
उचित पाचन के लिए आयुर्वेदिक रणनीतियां
इंग्लिश पॉर्टल ‘ओनली माय हेल्थ’ में छपी खबर के मुताबिक आयुर्वेद के जरिए आपके पाचन को बेहतर बनाने के कुछ आसान तरीके बताए गए हैं. यहां हम उसे विस्तार से बता रहे हैं.
1. हल्का खाना खाएं
हल्का खाना पचने में आसान होता है. किसी खास तरह के खाने को पचने में लगने वाले समय के आधार पर हम जो खाना खाते हैं उसे पाचन के लिए भारी या हल्का के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है. मांस, पनीर, तली हुई चीजें आदि पचने में भारी होती हैं जबकि फल, सब्जियां, अनाज, दालें आदि पचने में हल्की होती हैं. भारी खाद्य पदार्थों के अत्यधिक सेवन से अपच हो सकता है.
2. पेट भर जाने तक न खाएं
हमारा पेट लोचदार गुब्बारे की तरह होता है, यह हमारे द्वारा नियमित रूप से दिए जाने वाले भोजन के अनुसार फूल सकता है. इसलिए पेट भरा होने का एहसास हमेशा इस बात का संकेत नहीं हो सकता कि हमें जीने के लिए कितना खाना चाहिए. यह सिर्फ़ एक आदत हो सकती है. फिर, पेट में, बेहतर पाचन के लिए भोजन को मथ दिया जाता है. जब अतिरिक्त जगह नहीं होती है तो यह संभव नहीं है. भोजन को ठीक से मिलाने के लिए, तरल पदार्थ और हवा के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए. आयुर्वेद के अनुसार अगर हम पेट को चार भागों में विभाजित करते हैं, तो इनमें से केवल दो चतुर्थांश ठोस भोजन से भरे होने चाहिए. अगला भाग तरल पदार्थों के लिए है और एक अंतिम भाग को उचित पाचन के लिए खाली छोड़ना है.
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3. सही समय पर खाएं
शरीर एक आदतन चक्र में काम करता है जो एक उचित समय सारिणी का पालन करता है. इससे शरीर को हर दिन एक खास समय पर भूख और नींद आदि का एहसास होता है. इसे जैविक घड़ी या सर्कैडियन लय कहा जाता है. इस प्रकार जब शरीर के खाने का समय होता है, तो पाचन तंत्र पाचन रस का उत्पादन करता है और भोजन के आने की उम्मीद करता है. इस प्रकार यदि उस समय भोजन नहीं खाया जाए तो पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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