in

सरकार ने GDP कैलकुलेशन के बेस ईयर में बदलाव किया: 2011-12 की जगह अब 2022-23 होगा; इससे देश के इकोनॉमी का सटीक अनुमान लगेगा Business News & Hub

सरकार ने GDP कैलकुलेशन के बेस ईयर में बदलाव किया:  2011-12 की जगह अब 2022-23 होगा; इससे देश के इकोनॉमी का सटीक अनुमान लगेगा Business News & Hub

[ad_1]

नई दिल्ली15 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सरकार ने ग्रॉस डोमेस्टि प्रोडक्ट यानी GDP के कैलकुलेशन के लिए बेस ईयर में बदलाव की घोषणा की है। सरकार ने इसे 2011-12 से अपडेट कर 2022-23 कर दिया है। देश की अर्थव्यवस्था के सटीक अनुमान लगाने के लिए GDP के कैलकुलेशन में यह बदलाव सरकार ने किया है।

पिछले एक दशक से ज्यादा से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ था। इससे पहले 2011-12 में सरकार ने इसमें बदलाव किया था। मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन मिनिस्टर राव इंद्रजित सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

इस बदलाव के प्रोजेक्ट पर सरकार ने नेशनल अकाउंट स्टेटिस्टिक्स (ACNAS) के तहत 26 सदस्यीय एडवाइजरी कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता बिस्वनाथ गोल्डर कर रहे हैं। कमेटी में केंद्र और राज्य सरकारों, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, शिक्षाविदों और रिसर्चर्स की टीम शामिल है।

बेस ईयर में बदलाव से क्या बदलेगा?

  • बेस ईयर में रेगुलर अपडेट से देश के इकोनॉमी में स्ट्रक्चरल चेंज का सही सही अंदाजा लगाना आसान हो जाता है।
  • इसमें बदलाव के बाद कंजप्शन पैटर्न में बदलाव, सेक्टोरल कंट्रीब्यूशन और इमर्जिंग सेक्टर्स के लेटेस्ट डेटा के जरिए GDP का कैलकुलेशन होता है।
  • लेटेस्ट डेटा को शामिल करने से पुराने बेस ईयर की तुलना में अर्थव्यवस्था का ज्यादा सटीक हाल पता चलता है।
  • 2022-23 की इकोनॉमिक रियलिटीज से देश में पॉलिसी बनाने के लिए ज्यादा प्रीसाइज फ्रेमवर्क और एनालिसिस होगी।

GDP क्या है?

GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।

दो तरह की होती है GDP

GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है।

कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?

GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।

GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है?

GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च।

इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।

———————————————–

देश के GDP ग्रोथ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

भारत की GDP ग्रोथ वित्त-वर्ष 25 में 7% रहेगी: IMF ने कहा- वित्त वर्ष-26 में इंडियन इकोनॉमी 6.5% की दर से बढ़ेगी

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF ने वित्त-वर्ष 2024-25 के लिए भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP ग्रोथ का अनुमान 7% बरकरार रखा है। वहीं वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP अनुमान भी 6.5% पर ही बरकरार रखा है।

इससे पहले IMF ने जुलाई में वित्त-वर्ष 2024-25 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 0.20% बढ़ाकर 7% किया था। तब वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP अनुमान 6.5% बताया था। वहीं अप्रैल में भी IMF ने FY26 के लिए यही अनुमान दिया था।

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

वर्ल्ड बैंक ने भारत की GDP ग्रोथ अनुमान 0.4% बढ़ाया: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7% किया, RBI ने अनुमान 7.2% बताया था

वर्ल्ड बैंक ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए भारत के ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP ग्रोथ के अनुमान को 6.6% से बढ़ाकर 7% कर दिया है। विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर (इंडिया) अगस्टे तानो कौमे ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2024 में भारतीय इकोनॉमी 8.2% की रफ्तार से बढ़ी, जो सबसे तेज रही।

भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी अच्छी रफ्तार से बढ़ रही है। ऐसे में विश्व बैंक ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए अपने ग्रोथ के अनुमान को बढ़ा दिया है।

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

[ad_2]
सरकार ने GDP कैलकुलेशन के बेस ईयर में बदलाव किया: 2011-12 की जगह अब 2022-23 होगा; इससे देश के इकोनॉमी का सटीक अनुमान लगेगा

16GB रैम वाले OnePlus 12R की औंधे मुंह गिरी कीमत, 7000 रुपये हुआ सस्ता – India TV Hindi Today Tech News

16GB रैम वाले OnePlus 12R की औंधे मुंह गिरी कीमत, 7000 रुपये हुआ सस्ता – India TV Hindi Today Tech News

चंडीगढ़ में यूपी का नशा तस्कर गिरफ्तार:  रायबरेली से गांजा बेचने के लिए आया, पिट्‌ठू बैग में छिपाकर रखा था नशा – Chandigarh News Chandigarh News Updates

चंडीगढ़ में यूपी का नशा तस्कर गिरफ्तार: रायबरेली से गांजा बेचने के लिए आया, पिट्‌ठू बैग में छिपाकर रखा था नशा – Chandigarh News Chandigarh News Updates