in

सरकारी कंपनियों ने रूस से तेल खरीदी घटाई: अगस्त के मुकाबले सितंबर में 32% की कटौती; ट्रम्प ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया था Business News & Hub

सरकारी कंपनियों ने रूस से तेल खरीदी घटाई:  अगस्त के मुकाबले सितंबर में 32% की कटौती; ट्रम्प ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया था Business News & Hub

नई दिल्ली8 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

ट्रम्प के 25% एक्स्ट्रा टैरिफ के बाद भारत की सरकारी कंपनियों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना कम कर दिया है। डेटा रिसर्च एजेंसी केप्लर के मुताबिक भारत पेट्रोलियम (BPCL) और इंडियन ऑयल (IOC) जैसी सरकारी तेल रिफाइनिंग कंपनियों ने सितंबर में औसतन 6.05 लाख बैरल पर डे (bpd) रूसी तेल का आयात किया।

इसमें अगस्त के मुकाबले 32% की कटौती हुई है। वहीं इन कंपनियों ने जून के मुकाबले 45% तक कम तेल खरीदा। कम खरीदी के कारण सितंबर में रूस से कच्चे तेल का कुल आयात 6% तक घट गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह कटौती अमेरिकी दबाव और सप्लाई में डायवर्सिफिकेशन लाने के लिए की गई है।

इसके विपरीत रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी जैसी निजी रिफाइनर कंपनियों ने इसकी खरीद बढ़ा दी है।

प्राइवेट कंपनियों ने तेल खरीदी बढ़ाई

सितंबर में निजी रिफाइनर कंपनियों का आयात बढ़कर 9.7 लाख बैरल प्रति दिन (bpd) हो गया। यह अप्रैल से अगस्त के उनके औसत से 4% और अगस्त से 8% अधिक है। ये आंकड़े बताते हैं कि निजी कंपनियों ने अपना 60% से ज्यादा तेल रूस से खरीदा।

इसका बड़ा कारण सस्ते रूसी तेल से हो रहा मुनाफा है। निजी कंपनियां कच्चे तेल से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स बनाकर अन्य देशों को निर्यात कर मुनाफा कमाती हैं। जबकि सरकारी कंपनियां रूसी तेल का ज्यादातर इस्तेमाल घरेलू आपूर्ति में करतीं हैं।

ट्रम्प ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया था

इससे पहले अगस्त में ट्रम्प ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया था। 27 अगस्त से भारत पर कुल 50 टैरिफ लग रहा है। इसमें 25% रेसीप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पैनल्टी है।

रूस ने कहा था- हमारे कच्चे तेल का कोई विकल्प नहीं

इससे पहले रूस ने का था कि उसके कच्चे तेल का कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि ये बहुत सस्ता है। 20 अगस्त को सीनियर रूसी डिप्लोमेट रोमन बाबुश्किन ने ये बात कही थी। उन्होंने कहा- रूसी कच्चे तेल पर भारत को करीब 5% की छूट मिल रही है।

भारत इस बात को समझता है कि तेल आपूर्ति को बदलने का कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि इससे उसे बहुत ज्यादा मुनाफा हो रहा है।

सस्ते रूसी तेल से भारतीय तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ा

वित्त वर्ष 2020 में भारत अपनी जरूरत का केवल 1.7% तेल रूस से आयात करता था। ये हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 35.1% हो गई है। रूस से सस्ता तेल खरीदने का फायदा ऑयल कंपनियों के मुनाफे पर भी दिखा है। कंपनियों की फाइलिंग के मुताबिक…

  • 2022-23 में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का कुल मुनाफा ₹3,400 करोड़ था।
  • 2023-24 में इन तीनों सरकारी कंपनियों का मुनाफा 25 गुना बढ़ गया। तीनों ने मिलकर 86,000 करोड़ रुपए कमाए।
  • 2024-2025 में इन कंपनियों का मुनाफा कम होकर 33,602 करोड़ रुपए हो गया, लेकिन ये 2022-23 के मुनाफे से ज्यादा है।

—————————————————————-

ये खबर भी पढ़ें

रघुराम राजन बोले-रूसी तेल खरीदने पर फिर से सोचना चाहिए:हमें पूछना होगा इससे किसे फायदा; रशियन ऑयल खरीदने पर ट्रम्प ने 50% टैरिफ लगाया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कहा कि भारत को रूस से तेल खरीदने की नीति पर फिर से विचार करना चाहिए। राजन ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कहा कि हमें यह पूछने की जरूरत है कि रूस से तेल खरीदने पर किसे फायदा हो रहा है और किसे नुकसान हो रहा है। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

Source: https://www.bhaskar.com/business/news/indian-state-owned-companies-reduced-oil-purchases-from-russia-136071359.html

पंजाब में कांग्रेस MLA अस्पताल में भर्ती:  बाजवा ने घुटने का ऑपरेशन कराया; विधायक दल के नेता पहुंचे हालचाल पूछने – Punjab News Chandigarh News Updates

पंजाब में कांग्रेस MLA अस्पताल में भर्ती: बाजवा ने घुटने का ऑपरेशन कराया; विधायक दल के नेता पहुंचे हालचाल पूछने – Punjab News Chandigarh News Updates

Jane Goodall: the scientist who gave chimps names, not numbers Today World News

Jane Goodall: the scientist who gave chimps names, not numbers Today World News