in

सफदरजंग के डॉक्टरों ने किया चमत्कार, 19 साल की लड़की के पेट से निकाला 10 किलो का ट्यूमर Health Updates

सफदरजंग के डॉक्टरों ने किया चमत्कार, 19 साल की लड़की के पेट से निकाला 10 किलो का ट्यूमर Health Updates

[ad_1]


दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो चिकित्सा जगत में मिसाल बन गया. दरअसल, सफदरजंग के डॉक्टरों ने 19 साल की लड़की के पेट से 10.1 किलो का विशाल रेट्रोपेरिटोनियल ट्यूमर सफलतापूर्वक निकालकर न सिर्फ उसकी जान बचाई, बल्कि उसे पांच साल से चल रही असहनीय तकलीफ से भी मुक्ति दिलाई. 

पांच साल से बढ़ रहा था पेट का आकार

सर्जरी ओपीडी में आई 19 वर्षीय लड़की पिछले पांच वर्षों से लगातार बढ़ती पेट की सूजन से जूझ रही थी. कई अस्पतालों में इलाज के बावजूद उसे सटीक इलाज नहीं मिला. उसका परिवार लगभग उम्मीद छोड़ चुका था. ऐसे में उसे सफदरजंग अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां एडमिट करने के बाद महज एक सप्ताह के भीतर उसकी जांचें पूरी की गईं और एक्सप्लोरेटरी लैपरोटोमी (Exploratory Laparotomy) का निर्णय लिया गया.

ट्यूमर ने कब्जा लिया था पूरा पेट

प्री-ऑपरेटिव इमेजिंग से पता चला कि लड़की के शरीर में करीब 30x20x20 सेमी आकार का विशाल रेट्रोपेरिटोनियल ट्यूमर विकसित हो चुका था, जो बाईं तरफ डायफ्राम के पास से निकलकर पूरे ऊपरी पेट में फैल गया था. यह ट्यूमर न केवल प्रमुख रक्त वाहिकाओं और महत्वपूर्ण अंगों को दबा रहा था, बल्कि किडनी को नीचे खींचकर उसकी स्थिति और दिशा तक बदल चुका था. जांच में आशंका जताई गई कि यह एक मेच्योर टेराटोमा (Mature Teratoma) हो सकता है.

जोखिम भरी थी सर्जरी

ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि ट्यूमर ने पेट की पूरी जगह घेर रखी थी और बाकी अंगों को दाईं ओर धकेल दिया था. इस विशाल ट्यूमर को एन्-मास एक्सीजन (En-mass Excision) के तहत निकालना बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि यह कई महत्वपूर्ण रक्त वाहिकाओं से जुड़ा हुआ था. इसके बावजूद सर्जनों ने स्प्लीन, किडनी, पेट, डुओडेनम, पैंक्रियास, आंतों और कोलन को उनके सामान्य स्थानों पर पुनः स्थापित किया. इसके साथ ही डायफ्राम और प्लूरा की मरम्मत की गई. साथ ही, चेस्ट ड्रेन लगाया गया.

सफलतापूर्वक निकाला 10.1 किलो का ट्यूमर

सर्जरी में निकाले गए ट्यूमर का वजन 10.1 किलोग्राम पाया गया. यह सर्जरी पूरी तरह सफल रही, जिसमें सर्जरी यूनिट S6 की प्रमुख प्रो. डॉ. शिवानी बी. परुथी, डॉ. अरुण कुमार सिंह, डॉ. तारिक हामिद, डॉ. सुषमा और उनकी टीम की भूमिका अहम रही. इसके अलावा एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. निधि अग्रवाल और डॉ. विष्णु पंवार ने किया. सर्जरी के बाद मरीज को कुछ दिनों तक आईसीयू और फिर एचडीयू वार्ड 24 में निगरानी में रखा गया. डॉक्टरों की लगातार देखरेख के कारण मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो गई और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

ये भी पढ़ें: कफ सिरप के बाद मध्य प्रदेश में आयोडीन सॉल्यूशन का खौफ, मरीजों की स्किन पर पड़ रहे छाले

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

[ad_2]
सफदरजंग के डॉक्टरों ने किया चमत्कार, 19 साल की लड़की के पेट से निकाला 10 किलो का ट्यूमर

दिवाली से पहले धड़ाम हो गई Samsung Galaxy S25 Ultra की कीमत, यहां से खरीदने पर होगी 30 हजार रुपये की बचत Today Tech News

दिवाली से पहले धड़ाम हो गई Samsung Galaxy S25 Ultra की कीमत, यहां से खरीदने पर होगी 30 हजार रुपये की बचत Today Tech News

बॉडी-बिल्डर घुम्मन की मौत पर फोर्टिस में हंगामा:  परिवार का आरोप- नीला पड़ा शरीर, फाइल गायब की गई; डॉक्टर बोले- रिलीज करेंगे मेडिकल बुलेटिन – Amritsar News Chandigarh News Updates

बॉडी-बिल्डर घुम्मन की मौत पर फोर्टिस में हंगामा: परिवार का आरोप- नीला पड़ा शरीर, फाइल गायब की गई; डॉक्टर बोले- रिलीज करेंगे मेडिकल बुलेटिन – Amritsar News Chandigarh News Updates