सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश


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नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा शहर को कैटल फ्री करने के दावे हवा हवाई हैं। प्री मानसून की बारिश से खाली प्लाटों में पानी भरा तो बेसहारा गोवंश ने सड़कों पर कब्जा जमा लिया। दिन रात इन दिनों सड़कों पर इनका जमावड़ा देखने को मिल रहा है। सड़कों पर इनके बैठे रहने से जहां हादसे हो रहे हैं वहीं वाहनों की टक्कर से इन्हें भी चोट पहुंच रही है। शहर की सड़कों, कॉलोनियों व सेक्टरों में इन दिनों 250 से ज्यादा बेसहारा गोवंश घूम रहा है।
शहर को कैटल फ्री करने के लिए उपायुक्त कई बार बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं, बावजूद अधिकारियों ने इस मामले में कोई खास कदम नहीं उठाया। अधिकारियों की लापरवाही से परेशानी आमजन को उठानी पड़ रही है। मंगलवार को शहर में स्थिति जांची तो पिपली से थर्ड गेट तक सड़क पर करीब 50, झांसा रोड पर 25 से ज्यादा, अमीन रोड पर 30, पिहोवा रोड पर ज्योतिसर तक 25, सिरसला रोड पर 20, सेक्टर-17 में 10, ब्रह्मसरोवर के आस पास 15, केडीबी रोड पर 30 से ज्यादा और कॉलोनियों व सेक्टरों में करीब 80 बेसहारा गोवंश भटकता मिला।
सूरज ने कहा कि इन गोवंश को सड़कों पर बेसहारा छोड़ने वालों के खिलाफ नगर परिषद को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इनकी वजह से रोजाना लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं।
मोहन नगर वासी शमशेर ने बताया कि रात के समय सड़क पर सफर करना खतरनाक हो गया है। पिपली से थर्ड गेट तक की सड़क पर अधिकतर लाइटें बंद होने के कारण इस पर बैठा गोवंश दिखाई नहीं देता। जिस कारण आए दिन वाहन चालक चोटिल हो रहे हैं।
अंकित ने कहा कि नगर परिषद के अधिकारियों को इन गोवंशों को गोशालाओं में में भिजवाना चाहिए और नजर भी रखनी चाहिए कि किन गोशाला वालों ने इन्हें वापस से सड़क पर छोड़ दिया। ऐसे गोशाला संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
प्रवीन ने कहा कि शहर को कैटल फ्री करने के लिए नगर परिषद के अधिकारी सिर्फ नाम का ही अभियान चलाते हैं। जब कभी उपायुक्त आदेश देते हैं तो कुछ एक गोवंश को ट्राली में भरकर गोशाला पहुंचा दिया जाता है। उसके बाद फिर से कार्रवाई ढीली पड़ जाती है।
सीएसआई रूप रविंद्र बिश्नोई ने कहा कि शहर को कैटल फ्री करने के लिए नप द्वारा समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। टीमें इन गोवंश को पकड़कर ट्राली में गोशालाओं में छोड़कर आती हैं। अब फिर से अभियान चलाकर सड़कों से गोवंश को हटाया जाएगा।

नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा शहर को कैटल फ्री करने के दावे हवा हवाई हैं। प्री मानसून की बारिश से खाली प्लाटों में पानी भरा तो बेसहारा गोवंश ने सड़कों पर कब्जा जमा लिया। दिन रात इन दिनों सड़कों पर इनका जमावड़ा देखने को मिल रहा है। सड़कों पर इनके बैठे रहने से जहां हादसे हो रहे हैं वहीं वाहनों की टक्कर से इन्हें भी चोट पहुंच रही है। शहर की सड़कों, कॉलोनियों व सेक्टरों में इन दिनों 250 से ज्यादा बेसहारा गोवंश घूम रहा है।

शहर को कैटल फ्री करने के लिए उपायुक्त कई बार बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं, बावजूद अधिकारियों ने इस मामले में कोई खास कदम नहीं उठाया। अधिकारियों की लापरवाही से परेशानी आमजन को उठानी पड़ रही है। मंगलवार को शहर में स्थिति जांची तो पिपली से थर्ड गेट तक सड़क पर करीब 50, झांसा रोड पर 25 से ज्यादा, अमीन रोड पर 30, पिहोवा रोड पर ज्योतिसर तक 25, सिरसला रोड पर 20, सेक्टर-17 में 10, ब्रह्मसरोवर के आस पास 15, केडीबी रोड पर 30 से ज्यादा और कॉलोनियों व सेक्टरों में करीब 80 बेसहारा गोवंश भटकता मिला।

सूरज ने कहा कि इन गोवंश को सड़कों पर बेसहारा छोड़ने वालों के खिलाफ नगर परिषद को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इनकी वजह से रोजाना लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं।

मोहन नगर वासी शमशेर ने बताया कि रात के समय सड़क पर सफर करना खतरनाक हो गया है। पिपली से थर्ड गेट तक की सड़क पर अधिकतर लाइटें बंद होने के कारण इस पर बैठा गोवंश दिखाई नहीं देता। जिस कारण आए दिन वाहन चालक चोटिल हो रहे हैं।

अंकित ने कहा कि नगर परिषद के अधिकारियों को इन गोवंशों को गोशालाओं में में भिजवाना चाहिए और नजर भी रखनी चाहिए कि किन गोशाला वालों ने इन्हें वापस से सड़क पर छोड़ दिया। ऐसे गोशाला संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

प्रवीन ने कहा कि शहर को कैटल फ्री करने के लिए नगर परिषद के अधिकारी सिर्फ नाम का ही अभियान चलाते हैं। जब कभी उपायुक्त आदेश देते हैं तो कुछ एक गोवंश को ट्राली में भरकर गोशाला पहुंचा दिया जाता है। उसके बाद फिर से कार्रवाई ढीली पड़ जाती है।

सीएसआई रूप रविंद्र बिश्नोई ने कहा कि शहर को कैटल फ्री करने के लिए नप द्वारा समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। टीमें इन गोवंश को पकड़कर ट्राली में गोशालाओं में छोड़कर आती हैं। अब फिर से अभियान चलाकर सड़कों से गोवंश को हटाया जाएगा।

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