संसद सत्र के पहले ही दिन उठाऊंगा बॉन्ड पॉलिसी का मुद्दा : दीपेंद्र हुड्डा


 बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में आंदोलनरत मेडिकल विद्यार्थियों का प्रतिनिधिमण्डल सांसद दीपेन्द्र हु?

 बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में आंदोलनरत मेडिकल विद्यार्थियों का प्रतिनिधिमण्डल सांसद दीपेन्द्र हु?

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रोहतक। बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में आंदोलनरत मेडिकल विद्यार्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार देर शाम राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा से उनके आवास पर मिला। उन्हें अपने पॉलिसी व अपने संघर्ष से अवगत कराया। दीपेंद्र ने उनकी मांगों पर सहमति व्यक्त करते हुए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ने व संसद सत्र के पहले ही दिन बॉन्ड पॉलिसी का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाने का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल विद्यार्थियों ने कहा कि अधिकांश मेडिकल विद्यार्थी बेहद साधारण परिवारों से हैं। कड़ी मेहनत से डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए यहां तक पहुंचे हैं। भारी भरकम फीस के साथ अब 40 लाख रुपये वाली बॉन्ड पॉलिसी ने उनके डॉक्टर बनने के सपनों पर ग्रहण लगा दिया है। इतनी बड़ी राशि देना तो दूर की बात, ये परिवार ऐसा सोच भी नहीं सकते। विद्यार्थियों की मांगें जायज हैं। सरकार ने शिक्षा को व्यापार बना दिया है। सरकार का काम सस्ती और बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराना है। मेडिकल शिक्षा महंगी होने से रोगियों को मिलने वाला इलाज भी महंगा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार बेवजह जिद पर अड़ी हुई है। इसका खामियाजा आम रोगियों को भुगतना पड़ रहा है। सरकार बॉन्ड पॉलिसी को रद्द नहीं करती है तो कांग्रेस की सरकार बनने पर इसे रद्द किया जाएगा। सरकार हर क्षेत्र के खासकर शिक्षा के निजीकरण पर आमादा है। इसी कड़ी में स्कूलों को बंद किया जा रहा है। शिक्षकों के पद समाप्त किए जा रहे हैं। नई शिक्षा नीति के नाम पर यह सारा खेल किया जा रहा है। इस मौके विधायक बीबी बतरा भी मौजूद रहे।

रोहतक। बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में आंदोलनरत मेडिकल विद्यार्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार देर शाम राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा से उनके आवास पर मिला। उन्हें अपने पॉलिसी व अपने संघर्ष से अवगत कराया। दीपेंद्र ने उनकी मांगों पर सहमति व्यक्त करते हुए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ने व संसद सत्र के पहले ही दिन बॉन्ड पॉलिसी का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाने का आश्वासन दिया।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल विद्यार्थियों ने कहा कि अधिकांश मेडिकल विद्यार्थी बेहद साधारण परिवारों से हैं। कड़ी मेहनत से डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए यहां तक पहुंचे हैं। भारी भरकम फीस के साथ अब 40 लाख रुपये वाली बॉन्ड पॉलिसी ने उनके डॉक्टर बनने के सपनों पर ग्रहण लगा दिया है। इतनी बड़ी राशि देना तो दूर की बात, ये परिवार ऐसा सोच भी नहीं सकते। विद्यार्थियों की मांगें जायज हैं। सरकार ने शिक्षा को व्यापार बना दिया है। सरकार का काम सस्ती और बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराना है। मेडिकल शिक्षा महंगी होने से रोगियों को मिलने वाला इलाज भी महंगा हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार बेवजह जिद पर अड़ी हुई है। इसका खामियाजा आम रोगियों को भुगतना पड़ रहा है। सरकार बॉन्ड पॉलिसी को रद्द नहीं करती है तो कांग्रेस की सरकार बनने पर इसे रद्द किया जाएगा। सरकार हर क्षेत्र के खासकर शिक्षा के निजीकरण पर आमादा है। इसी कड़ी में स्कूलों को बंद किया जा रहा है। शिक्षकों के पद समाप्त किए जा रहे हैं। नई शिक्षा नीति के नाम पर यह सारा खेल किया जा रहा है। इस मौके विधायक बीबी बतरा भी मौजूद रहे।

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