माई सिटी रिपोर्टर
अंबाला। कांग्रेस की हार के बाद अब प्रत्याशियों की नाराजगी सामने आने लगी है। खासकर उन सीटों पर जहां पर कांग्रेस के ही बागी उम्मीदवारों के कारण कांग्रेस के प्रत्याशी हार गए। उसी में से एक सीट अंबाला कैंट की भी है। यहां पर कांग्रेस ने कुमारी सैलजा के गुट से आने वाले परविंदर सिंह परी को टिकट दी थी। जिससे कांग्रेस नेत्री चित्रा सरवारा बागी हो गईं और आजाद मैदान में उतर गईं थी। मतगणना समाप्त होने के बाद अब कैंट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे परविंदर सिंह परी ने हार के लिए पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि चुनाव हारना और चुनाव हराना दोनों में फर्क होता है, मुझे चुनाव हराया गया है। पार्टी में शामिल कुछ लोगों की ओर से एक बागी उम्मीदवार को खड़ाकर उन्हें हराने की कोशिश की गई और उनकी ये मंशा पूरी भी हुई है।
परी ने कहा कि सैलजा की नाराजगी के संबंध में वही बेहतर बता सकेंगी पर कुमारी सैलजा आतीं तो आज चुनाव के नतीजे कुछ और ही होते। उन्होंने कहा कि कहीं न कही राहुल गांधी को भी मिसगाइड किया गया। राहुल गांधी के राेड शो के लिए हमें साहा चौक पर आने को कहा गया था। तब हमने राहुल गांधी को रोका और उन्हें बताया कि साहा क्षेत्र मुलाना विधानसभा में आता है वह काफी आश्चर्यचकित हुए। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से छह बार चुनाव हारने वालों को कांग्रेस की ओर से टिकट दे दे दिया जाता है फिर भी वह नाखुश थे । इसके बाद वे अंबाला कैंट में अपनी बेटी को आजाद उतार देते हैं। यहां तक कि उन्हें बीडी गैंग भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा का पूरा समर्थन होता है। शहर में तो दीपेंद्र हुड्डा बागियों को मनाने खुद पहुंचते हैं और उन्हें चेयरमैन बनाने का भरोसा देकर मना लेते हैं। वहीं दूसरी तरफ सिटी के साथ लगते अंबाला कैंट में दीपेंद्र हुड्डा चित्रा सरवारा को खड़ा कराते हैं। उन्हें सपोर्ट करते हैं, उनके लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को टेलीफोन पर धमकाया जाता है कि आपने आजाद प्रत्याशी का साथ देना है। कार्यकर्ताओं का कहा जाता है कि चुनाव जीतने के बाद मैं तो बनूंगा मुख्यमंत्री यह बनेंगे मंत्री और चित्रा को हम बाद में कांग्रेस में शामिल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं हमेशा पार्टी के साथ खड़े रहे। यह तो वह परिवार है जो कांग्रेस को छोड़कर आप पार्टी में चला गया था। मुझे आज भी याद है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ाे यात्रा को रात दिन जागकर सफल बनाया।