[ad_1]
रोहतक। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व एमडीडी ऑफ इंडिया संस्था के संयुक्त तत्वावधान में बाल अधिकारों से संबंधित कानूनों पर हितधारकों (स्टेक होल्डर) के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ. तरन्नुम खान सीजेएम-कम-सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सभागार में किया गया। यहां पूर्व अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, रोहतक डॉ. राजसिंह सांगवान मौजूद रहे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए डॉ. राजसिंह सांगवान ने कहा कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कानून के विरुद्ध जाकर अपराध किया है, उन बच्चों के साथ भी पुलिस अच्छा व्यवहार करे और यह भी सुनिश्चित करे कि कहीं कोई बच्चा देखभाल व संरक्षण की श्रेणी का तो नहीं है। उन्होंने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं की जानकारी दी। यौन शोषण के मामलों में स्पोर्ट पर्सन की भूमिका पर भी बात रखते हुए कहा कि स्पोर्ट पर्सन वह व्यक्ति होता है जो यौन शोषण व उत्पीड़न के शिकार बच्चों की भावनात्मक व कानूनी रूप से मदद करते हुए समाज की मुख्यधारा में वापस लाने में सहयोग करता है।
इसके साथ उन्होंने बाल विवाह निषेध कानून, बाल श्रम कानून, पीसीपीएनडीटी कानून, एमटीपी आदि कानूनों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हर उम्र के बच्चों के लिए कानून बनाए गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य हर हाल में बच्चों को संरक्षण प्रदान करना है। किसी बच्चे के साथ किसी संस्थान में बच्चे के साथ किसी भी प्रकार की घटना होती तो उसे तुरंत रिपोर्ट करना जरूरी है। किसी घटना की जानकारी न देने पर जेजे एक्ट में सजा का प्रावधान है।
इस मौके पर एमडीडी ऑफ इंडिया की पूरी टीम, पुलिस विभाग व एचटीयू से जांच अधिकारी, वन स्टाॅप सेंटर से सीमा, पूनम, महिला आश्रम से स्नेहलता, बाल कल्याण समिति कि अध्यक्षा सुश्री आशा आहुजा व सदस्या अंजुबाला, महिला संरक्षण व बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंदर कौर, जिला बाल संरक्षण यूनिट से काउंसलर पूजा आदि मौजूद रहे।
[ad_2]
संरक्षण देने के लिए बनाए गए हैं हर उम्र के बच्चों के लिए कानून : डॉ. राजसिंह