शेल कंपनी को बेची ट्रस्ट की जमीन, करोड़ों की हेरफेर में गुरुग्राम के पूर्व SDM और MCG जॉइंट कमिश्नर को समन


गुरुग्राम: गुरुग्राम की एक अदालत ने सोहना के पूर्व उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को तलब किया है। उनके साथ ही गुरुग्राम के नगर आयुक्त (एमसीजी) के संयुक्त आयुक्त (जोन-2) और भोंडसी पुलिस के थाना प्रभारी (एसएचओ) को भी तलब किया गया है। मामला भोंडसी क्षेत्र में मूल्यवान भूमि की बिक्री में कथित संलिप्तता के आरोप से जुड़ा है। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी (जेएमआईसी) अदालत के आजाद सिंह ने सोहना के तत्कालीन एसडीएम जितेंद्र कुमार, एमसीजी के संयुक्त आयुक्त विजय यादव और एसएचओ भोंडसी को समन जारी करते हुए कहा, अदालत को शिकायत मिली है कि सेक्टर-14, गुरुग्राम के निवासी अनिरुद्ध शंकर दास ने आईपीसी की धारा 420 के तहत दंडनीय अपराध किया है और ऐसा प्रतीत होता है कि आप अभियोजन पक्ष के लिए भौतिक साक्ष्य या कोई दस्तावेज या अन्य चीजें पेश करने में सक्षम हैं।

अदालत ने कहा, आपको 6 फरवरी (सोमवार) को इस तरह के दस्तावेजों या चीजों को पेश करने के लिए या इस शिकायत के मामले के बारे में आप जो जानते हैं। उसकी गवाही देने के लिए और अदालत की अनुमति के बिना कहीं प्रस्थान नहीं करेंगे।

‘इनकार पर वारंट’

कोर्ट ने सख्त आदेश देते हुए कहा कि आपको इस अदालत में पेश होने के लिए बुलाया गया है और आपको एतदद्वारा चेतावनी दी जाती है कि यदि आप बिना किसी कारण के समन की उपेक्षा करते हैं या उक्त तिथि पर उपस्थित होने से इनकार करते हैं, तो आपकी उपस्थिति के लिए एक वारंट जारी किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला

शिकायतकर्ता अधिवक्ता यतीश कुमार गोयल ने अपनी शिकायत में बताया कि भोंडसी क्षेत्र में लगभग 49 कनाल और 12 मरला कृषि भूमि थी, जहां टिकली गांव निवासी सुरेश कुमार खेती कर रहे थे। गोयल ने कहा कि जमीन गुरुग्राम में ब्रुक हॉस्पिटल फॉर एनिमल्स (इंडिया) नाम के एक पब्लिक ट्रस्ट की है, जिसका मुख्य उद्देश्य जानवरों की देखभाल करना और उनके इलाज के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल स्थापित करना है। जमीन की कीमत 25 करोड़ रुपये से अधिक है।

कोर्ट की परमिशन के बिना नहीं बेची जा सकती जमीन

खास बात यह है कि पब्लिक ट्रस्ट की जमीन कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं बेची जा सकती। नागरिक प्रक्रिया संहिता की धारा 92 के तहत लोक न्यास की भूमि को बेचने से पहले न्यायालय की अनुमति लेना अनिवार्य है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि न्यास की भूमि बेचने का उद्देश्य क्या है, भूमि उचित बाजार मूल्य पर बेची जा रही है।

अधिकारियों पर ये आरोप
गोयल ने कहा, लेकिन उक्त भूमि के ट्रस्टियों, जिनमें अनिरुद्ध शंकर दास, राजेश त्रिपाठी, कुसुम अवस्थी और अन्य शामिल हैं, ने तहसीलदार और पटवारी के साथ मिलकर फरीदाबाद की एक कंपनी गिरिकुंजा लैंड प्रमोटर्स को 7 करोड़ रुपये में जमीन बेच दी। बावजूद इसके, अदालत ने जमीन पर रोक लगा दी, जिन्हें समन भेजा गया है, उन व्यक्तियों ने धोखे से सितंबर 2021 में जमीन की रजिस्ट्री कर दी।

गोयल ने कहा, गिरिकुंजा लैंड प्रमोटर्स एक शेल कंपनी है। यह कोई काम नहीं करती। यह केवल कागजों पर मौजूद है। इस शेल कंपनी के मालिक कुलदीप यादव हैं, जो विजय यादव के भाई हैं, जो इस समय एमसीजी में जेसी-2 के पद पर तैनात हैं। मामले में प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गई है और अब इन सब बातों का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने विजय यादव, जितेंद्र कुमार और भोंडसी थानाध्यक्ष को तलब किया है।

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