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एक्सपर्ट्स के अनुसार बढ़ती उम्र में मांसपेशियों को मजबूत रखने और मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखने में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जरूरी भूमिका निभाती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि रेगुलर रेजिस्टेंस वर्कआउट से मांसपेशियां ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से प्रोसेस करती है, जिससे ग्लूकोज कंट्रोल बेहतर होता है और मेटाबॉलिक स्विंग्स कम होते हैं. रिसर्च के अनुसार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने वालों में टाइप टू डायबिटीज का खतरा 30 से 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है. वही वजन उठाने जैसी एक्सरसाइज करने से दिल और दिमाग से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम होता है और पूरे शरीर की फिटनेस भी सही रहती है.

वहीं बढ़ती उम्र में शुगर शरीर के लिए नुकसानदायक साबित होती है. ज्यादा शुगर लेने से ग्लाइकेशन बढ़ता है, जो सूजन और लंबे समय में टिश्यू डैमेज का कारण बनता है. एक्सपर्ट के अनुसार सिर्फ 3 हफ्ते तक ऐडेड शुगर कम करने से इन्फ्लेमेशन के मार्कर्स में लगभग 15 प्रतिशत तक कमी आ सकती है. वहीं प्रोसेस्ड शुगर कम करने से ऊर्जा स्थिर रहती है, थकान कम होती है और अनचाहा वजन बढ़ाना भी रोका जा सकता है.
Published at : 13 Dec 2025 08:24 AM (IST)
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