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शीर्ष 500 अरबपतियों में सबसे बड़ी ग्रोथ वॉरेन बफे की: गिरावट के बावजूद इस साल कमाए 1.9 लाख करोड़ रुपए, छठे सबसे अमीर व्यक्ति बने Business News & Hub

शीर्ष 500 अरबपतियों में सबसे बड़ी ग्रोथ वॉरेन बफे की:  गिरावट के बावजूद इस साल कमाए 1.9 लाख करोड़ रुपए, छठे सबसे अमीर व्यक्ति बने Business News & Hub

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न्यूयॉर्क28 मिनट पहले

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14.18 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ वॉरेन बफे छठे सबसे अमीर बन गए हैं। (फाइल फोटो)

2025 अब तक वैश्विक बाजारों के लिए उथल-पुथल भरा रहा है। ऐसे वक्त में जब हर दूसरी भविष्यवाणी निराशाजनक लगती है, तब बर्कशायर हैथवे सीईओ व इन्वेस्टर वॉरेन बफे (94) ने इस साल अब तक संपत्ति में 1.9 लाख करोड़ रुपए जोड़े है। 14.18 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ वे छठे सबसे अमीर बन गए हैं।

ब्लूमबर्ग इंडेक्स द्वारा ट्रैक किए गए सभी 500 अरबपतियों में सबसे बड़ी ग्रोथ बफे ने ही देखी है। शीर्ष 15 अरबपतियों में से 4 ही इस साल संपत्ति बढ़ा सके। 2008 के बाद उन्होंने दोबारा बिल गेट्स को पीछे छोड़ा है। अनिश्चितता के इस दौर में उन्होंने कहां निवेश किए और कौन सी रणनीतियां अपनाईं, जानिए विस्तार से…

1. रणनीतिक निवेश: 2025 में एसएंडपी 500 इंडेक्स शीर्ष स्तर से करीब 8% गिर चुका है। इसके बावजूद वॉरेन बफे के पोर्टफोलियो में 7 स्टॉक्स ऐसे हैं, जो गिरावट के बीच भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। बर्कशायर हैथवे (+14%) बीवायडी(+47%) न्यू होल्डिंग्स (+13%) एऑन (+11%) टी मोबाइल (+16%) वेरीसाइन (+15%)कोका कोला (+11%)। (*2025 में ग्रोथ)

2. रिकॉर्ड कैश रिजर्व: बफेट की कंपनी ने 28.87 लाख करोड़ नकद जमा किए हैं। टेक दिग्गज एपल और बैंक ऑफ अमेरिका के शेयर बेचने से यह संभव हो सका। यह रिजर्व एपल, माइक्रोसॉफ्ट, अल्फाबेट, अमेजन और एनवीडिया कॉर्प जैसी दिग्गज टेक कंपनियों के रिजर्व से भी बड़ा है।

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3. एआई पर भरोसा: बफे ने कई बड़ी कंपनियों में निवेश किया है, जो एआई से प्रभावित हो रही हैं। इनमें से कोई भी कंपनी पूरी तरह एआई पर फोकस्ड नहीं है। यानी बफेट ने सीधे एआई कंपनियों में निवेश करने के बजाय, उन कारोबारों में पूंजी लगाई है, जो अधिकांश कमाई अन्य स्रोतों से करते हैं, पर एआई से भी प्रभावित हो रहे हैं। इनमें एपल-अमेजन भी हैं।

4. बीमा कारोबार सुधारा: बर्कशायर के बीमा कारोबार के बेहतर प्रदर्शन ने रिकॉर्ड मुनाफे में योगदान दिया। इससे चौथी तिमाही शानदार रही और निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा। मंदी की आशंका व महंगाई के दबाव के बीच निवेशकों ने जोखिम भरे टेक शेयरों से दूरी बनाई। उन्होंने बर्कशायर जैसे स्थिर शेयरों में निवेश किया।

5. जापान में बढ़ाई हिस्सेदारी: बर्कशायर का फोकस जापान पर बढ़ा है। मित्सुई, मित्सुबिशी, मरुबेनी, सुमितोमो और इतोचू में हिस्सेदारी बढ़कर 2.03 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। ये सभी जापान की अर्थव्यवस्था के अहम प्लेयर हैं।

6. बायबैक घटाया: बफेट की रणनीति का अहम हिस्सा रहे शेयर का बायबैक भी 25,932 करोड़ रुपए घटा दिया गया। वहीं, साल के दूसरे हिस्से में किसी तरह का कोई बायबैक नहीं हुआ। इससे इस साल हैथवे के शेयर्स में 16% ग्रोथ दर्ज हुई।

7. सही वक्त पर सही फैसला: बफेट ने कैश जमा रखकर अस्थिरता में सुरक्षित स्थिति बनाई। इससे अनिश्चितता से निपटने में मदद मिली।

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