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चंडीगढ़ स्थित हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट ने धार्मिक चिन्हों के व्यवसायिक इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति संजीव बेरी की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले को लेकर
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दरअसल, पंजाब के कपूरथला निवासी मेघना खुल्लर ने 19 अगस्त को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि कंपनियों को धार्मिक चिन्हों का ट्रेडमार्क के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने एक निजी कंपनी का उदाहरण देते हुए कहा था कि वह शिवलिंग को ट्रेडमार्क के रूप में प्रयोग कर रही है, जिस पर रोक लगनी चाहिए।
हालांकि खंडपीठ ने सुनवाई करने से इंकार करते हुए कहा कि धार्मिक प्रतीकों का इस तरह से प्रयोग वर्षों से होता आ रहा है, फिर अब अचानक धार्मिक भावनाओं को लेकर इतनी संवेदनशीलता क्यों दिखाई जा रही है। अदालत ने साफ किया कि इस मामले में कोई हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।
कॉपीराइट के लिए अलग मंच कोर्ट ने कहा कि ट्रेडमार्क या कॉपीराइट से जुड़े मामले निपटाने के लिए पहले से ही एक अलग अपीलीय मंच मौजूद है। इन ब्रांडों के अपने लोगो होते हैं, जिन्हें कुछ कानूनों के तहत सुरक्षा मिली होती है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार के अधिकारी पहले ही याचिकाकर्ता से औषधीय और उपभोक्ता उत्पादों की पैकेजिंग में पवित्र हिंदू प्रतीकों के कथित व्यावसायिक उपयोग की जानकारी देने को कह चुके हैं, लेकिन याचिकाकर्ता ने यह जानकारी प्रदान नहीं की।
शिकायत सुनवाई के बाद आएं कोर्ट कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने पहले ही संबंधित अधिकारियों के समक्ष एक शिकायत दर्ज कर दी है और शिकायत पर विचार किया जा रहा है। इसलिए कोर्ट उक्त विचार प्रक्रिया में बाधा नहीं डालना चाहेगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को शिकायत का निवारण न होने की स्थिति में फिर कोर्ट में जाने की स्वतंत्रता प्रदान की।
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शिवलिंग ट्रेडमार्क पर हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट का फैसला: याचिकाकर्ता से कहा- इतनी संवेदनशीलता की जरूरत नहीं, ऐसे प्रयोग पहले भी हुए – Panchkula News