[ad_1]
भीम अवॉर्डी धर्मबीर नैन व अर्जुन अवॉर्डी अमित सरोहा।
– फोटो : संवाद
विस्तार
पेरिस पैरालंपिक के पुरुष वर्ग की क्लब थ्रो एफ-51 में सोना जीतने के बाद धर्मबीर नैन ने अपना पदक गुरु अमित सरोहा के नाम किया है। अर्जुन अवार्डी अमित सरोहा ने पेरिस पैरालंपिक में रिकॉर्ड चौथी बार देश का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कहा कि धर्मबीर व मेरा पदक एक ही है।
धर्मबीर नैन से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि मेरा व मेरे गुरु अमित सरोहा का सपना था कि हम पैरालंपिक खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने बताया कि शिक्षक दिवस के मौके पर अमित सरोहा को गुरु दक्षिणा के रूप में स्वर्ण पदक देता हूं।
वहीं, अर्जुन अवार्डी अमित सरोहा ने बताया कि थ्रो को फेंकने के लिए उंगलियों पर गोंद लगानी पड़ती है, लेकिन मौसम के कारण गोंद सही तरीके से जम नहीं सकी। उन्होंने बताया कि इस कारण से वह अपना शत प्रतिशत प्रदर्शन नहीं कर सके। पैरालंपिक की क्लब थ्रो एफ-51 में गुरु-शिष्य की जोड़ी ने देश का प्रतिनिधित्व किया था। इसमें अमित सरोहा देश को पदक नहीं दिला सके।
अमित सरोहा से प्रेरित होकर किया था खेलना शुरू
धर्मबीर नैन हादसे के बाद व्हीलचेयर पर आ गए था। वर्ष 2013 में उन्हें पैरा एथलीट अमित सरोहा के बारे में पढ़ा और उससे मुलाकात की। अमित सरोहा से प्रेरित होकर धर्मबीर ने खेलना शुरू किया था। वहीं से धर्मबीर के जीवन की भी धारा बदलनी शुरू हो गई। अमित सरोहा को धर्मबीर ने भी अपना गुरु बनाया और प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया।
इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज धर्मबीर नैन ने पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर अपना व गुरु अमित सरोहा का सपना साकार किया है। उन्होंने शिष्य धर्म निभाते हुए पदक अपने गुरु अमित सरोहा को समर्पित किया है। वहीं, अमित सरोहा ने बताया कि मेरे पदक हारने के दुख से ज्यादा मुझे धर्मबीर के सोना जीतने की खुशी है।
[ad_2]
शिक्षक दिवस पर गुरु दक्षिणा: धर्मबीर ने गुरु अमित सरोहा को समर्पित किया पैरालंपिक स्वर्ण पदक