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<p style="text-align: justify;">हैदराबाद में एक हैरान कर देने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जहां कुछ चालाक ठगों ने ग्रीनको ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) बनकर कंपनी के अफसरों से ₹2.7 करोड़ की ठगी कर ली. ठगों ने ये सारा खेल व्हाट्सएप के जरिए खेला. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कैसे हुई ठगी?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ठगों ने एमडी अनिल कुमार चलमालासेट्टी की फोटो लगाकर दो फर्जी मोबाइल नंबरों से कंपनी के चीफ फाइनेंस ऑफिसर (CFO) सुब्रत दास को व्हाट्सएप मैसेज भेजे. मैसेज की भाषा और अंदाज़ ऐसा था कि वह असली लग रहा था. पहले मैसेज में 2 जून को उन्होंने ₹1.95 करोड़ की फौरन पेमेंट की मांग की, ये कहकर कि क्लाइंट को पैसे देने हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">CFO ने इस मैसेज को कंपनी के चीफ फाइनेंस कंट्रोलर, वीरेन्द्र कसलीवाल को भेजा, जिन्होंने सीनियर जीएम श्रीपद चंद्र शेखर को पैसे ट्रांसफर करने को कहा. यह रकम ONITSUKA Developers Pvt Ltd के अकाउंट में भेज दी गई.</p>
<p style="text-align: justify;">फिर 5 जून को दोबारा उसी तरह का मैसेज आया और इस बार ₹75 लाख Classic Constructions नाम की कंपनी को भेज दिए गए.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कब पकड़ा गया मामला?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">5 जून को ही जब श्रीपद चंद्र शेखर ने एमडी ऑफिस को दोनों पेमेंट की जानकारी दी, तब असली एमडी ने बताया कि उन्होंने ऐसा कोई मैसेज नहीं भेजा है. इसके बाद कंपनी को समझ आया कि वे ठगी के शिकार हो चुके हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पुलिस ने क्या किया?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ग्रीनको ग्रुप की तरफ से श्रीपद चंद्र शेखर ने साइबराबाद साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. केस भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धोखाधड़ी, पहचान की नकल, जालसाजी और साजिश से जुड़ी धाराओं के तहत, और आईटी एक्ट की धारा 66-D के तहत दर्ज हुआ है.</p>
<p style="text-align: justify;">ग्रीनको ग्रुप ने भरोसा दिलाया है कि वे पुलिस को इस केस में पूरा सहयोग देंगे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एक और ठगी की कोशिश नाकाम</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इसी तरह का एक मामला रेनबो चिल्ड्रन्स मेडिकेयर लिमिटेड (RCML) में सामने आया. वहां कुछ ठगों ने कंपनी के चेयरमैन डॉ. रमेश कंचारला के नाम से CFO को ₹20 लाख ट्रांसफर करने को कहा. लेकिन CFO को मैसेज की भाषा पर शक हुआ और उन्होंने सीधे चेयरमैन से बात की. इस तरह समय रहते ठगी की कोशिश नाकाम हो गई. इस केस की शिकायत बंजारा हिल्स पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है.</p>
<p style="text-align: justify;">यह मामला एक बड़ा सबक है कि किसी भी डिजिटल मैसेज पर आंख बंद करके भरोसा न करें, चाहे वह कितना भी असली क्यों न लगे. हमेशा पुष्टि करना ज़रूरी है. साइबर ठग नए-नए तरीके से लोगों और कंपनियों को निशाना बना रहे हैं.</p>
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व्हाट्सएप पर एमडी बनकर ₹2.7 करोड़ की ठगी, साइबर ठगों के खिलाफ केस दर्ज
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