नई दिल्ली3 घंटे पहले
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30 मार्च को VI में सरकार ने हिस्सेदारी 22.6% से बढ़ाकर लगभग 49% की थी।
टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) ड्यूज से जुड़े 30,000 करोड़ रुपए से अधिक के पेनल्टी और ब्याज को माफ करने की मांग की है। CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने 19 मई को सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल कर इस मामले में तुरंत सुनवाई की गुहार लगाई है।
वोडाफोन ने दावा किया है कि सरकार की कंपनी में 49% हिस्सेदारी है। AGR फैसले की बाध्यताओं के चलते सरकार राहत देने में असमर्थ है, लेकिन वह एक पार्टनर की तरह काम करते हुए कंपनी को बचाने में मदद करे। वोडाफोन आइडिया ने अपनी याचिका में कहा कि एजीआर फैसले के बाद सरकार के लिए और राहत देना मुश्किल है।
वोडाफोन ने कहा कंपनी में 59 लाख से अधिक छोटे शेयरधारक हैं। मदद से कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन पर बड़ा असर हो सकता है। खबर के बाद कंपनी का शेयर करीब 4% की तेजी के साथ 7.22 रुपए पर बंद हुआ।
सरकार ने हिस्सेदारी 22.6% से बढ़ाकर लगभग 49% की
इससे पहले वोडाफोन आइडिया (VI) ने 30 मार्च को घोषणा की थी कि सरकार कंपनी के स्पेक्ट्रम ऑक्शन के 36,950 करोड़ रुपए के बकाया को इक्विटी शेयर्स में बदल देगी। यानी कंपनी पर जितना बकाया है, उतनी वैल्यू की हिस्सेदारी सरकार हासिल कर लेगी।
इस कन्वर्जन के बाद टेलीकॉम कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 22.6% से बढ़कर लगभग 49% हो गई थी। हालांकि, प्रमोटर कंपनी का ऑपरेशनल कंट्रोल बरकरार रखेंगे।
वोडाफोन आइडिया ने एक प्रेस स्टेटमेंट में बताया था कि मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन ने 29 मार्च 2025 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें सितंबर 2021 के टेलीकॉम रिफॉर्म पैकेज के चलते कन्वर्जन को मंजूरी दी गई थी। कंपनी को यह आदेश 30 मार्च को मिला है।

वोडाफोन आइडिया का शेयर एक साल में 45% गिरा
बीते एक महीने में कंपनी का शेयर करीब 1.37%, छह महीने में 0.41% और एक साल में 45% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 78.22 हजार करोड़ रुपए है।
22 मार्च को वोडाफोन-आइडिया ने सरकार से मदद मांगी थी

फाइनेंशियल दिक्कतों से जूझ रही वोडाफोन-आइडिया को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) और स्पेक्ट्रम के बकाए को चुकाने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। इस वजह से 22 मार्च को कंपनी ने एडिशनल फाइनेंशियल सपोर्ट के लिए सरकार से रिक्वेस्ट की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने इसे लेकर 11 मार्च को टेलीकॉम सेक्रेटरी नीरज मित्तल को लेटर भेजा था। कंपनी ने सरकार से रिक्वेस्ट की थी कि इसके आउटस्टैंडिंग ड्यू यानी बकाए के एक बड़े हिस्से को इक्विटी में बदल दिया जाए।
कंपनी ने 2021 टेलीकॉम राहत पैकेज के तहत सहायता मांगी थी
रिपोर्ट के मुताबिक, वोडाफोन-आइडिया 36,950 करोड़ रुपए के AGR और स्पेक्ट्रम बकाया के लिए राहत की मांग थी। इसमें आने वाले हफ्तों में 13,089 करोड़ रुपए का तत्काल भुगतान भी शामिल था।
कंपनी ने कहा था कि उसके पास इन पेमेंट्स को पूरा करने की क्षमता नहीं है। वोडाफोन आइडिया ने 2021 टेलीकॉम राहत पैकेज के तहत सहायता मांगी थी।
सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की याचिका खारिज की थी
वोडाफोन आइडिया ने पिछले साल जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव याचिका दायर कर AGR के बकाए के कैलकुलेशन को चुनौती दी थी। जिसमें नॉन-कोर रेवेन्यू को भी शामिल किया गया था और कंपनी इसके खिलाफ थी। हालांकि, सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम ऑपरेटर की याचिका खारिज कर दी थी।
तीसरी तिमाही में वोडाफोन-आइडिया को ₹6,609 करोड़ का लॉस
वोडाफोन-आइडिया को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 6,609 करोड़ रुपए घाटा (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 6,986 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का घाटा 5.40% कम हुआ है।

वोडाफोन-आइडिया का ARPU 173 रुपए रहा
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान वोडाफोन-आइडिया का ‘एवरेज रेवेन्यू पर यूजर’ (ARPU) 4.7% बढ़कर 173 रुपए रहा। पिछली तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में यह 166 रुपए था। यह बदलाव टैरिफ बढ़ोतरी और यूजर्स द्वारा महंगे पैक खरीदने की वजह से हुआ है।
Source: https://www.bhaskar.com/business/news/vodafone-idea-files-fresh-plea-in-supreme-court-seeking-relief-135032256.html