कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में जो कार्य किए हैं, वे न केवल सराहनीय हैं, बल्कि अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए प्रेरणा भी हैं। विश्व पर्यावरण दिवस पर जब पूरा देश इसके प्रति जागरूकता का संदेश दे रहा है, तब कुवि अपने ठोस कार्यों से पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। विश्वविद्यालय में प्रवेश करते ही सुखद अनुभव होता है।
#
Trending Videos
विश्वविद्यालय को मिल चुका है ग्रीन कैंपस अवॉर्ड
वर्ष 2010 में विश्वविद्यालय को ग्रीन कैंपस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था और अब विवि पर्यावरण चैंपियन अवॉर्ड-2025 के लिए चयनित हो चुका है। यह सम्मान देहरादून में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम में दिया जाएगा। विश्वविद्यालय ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई अभिनव योजनाएं शुरू की हैं। परिसर में वर्तमान में रेन वाटर हारवेंस्टिंग के 10 प्लांट सक्रिय हैं और 22 नए प्लांट तैयार किए जा रहे हैं। दयालपुर गांव स्थित विवि की भूमि पर 2.4 एमएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है, जिससे जल शुद्धिकरण में मदद मिल रही है। इससे किसान खेती कर रहे हैं।
इसी के साथ विश्वविद्यालय में 1600 किलोवाट की क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया गया है, जिससे ऊर्जा की बचत हो रही है और कार्बन फुटप्रिंट में कमी आ रही है। विवि के हार्टिकल्चर और बॉटनी विभाग द्वारा केंचुआ खाद उत्पादन और जैव ईंधन पर अनुसंधान का कार्य किया जा रहा है। कुवि में इको क्लब की स्थापना की गई है, जो छात्रों को पर्यावरण जागरूकता से जोड़ने का निरंतर कार्य कर रहा है। क्लब द्वारा समय-समय पर स्वच्छता अभियान, पर्यावरण जागरूकता रैली, वृक्षारोपण, वेस्ट मैनेजमेंट वर्कशॉप जैसी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इसमें एनसीसी और एनएसएस कैडेट्स की अहम भूमिका रहती है।
[ad_2]
विश्व पर्यावरण दिवस: केयूके को देहरादून में किया जाएगा सम्मानित, साल 2010 में भी मिला था ग्रीन कैंपस अवॉर्ड