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- Vinesh Phogat | First Reaction After Disqualification; Peris Olympic 2024 | Wrestlers Controversy | X Post
29 साल की रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक से अयोग्य होने के बाद शुक्रवार, 16 अगस्त को पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने 3 पेज का लेटर लिखा।
विनेश ने कहा, ‘जो पेरिस में हुआ अगर वो न होता तो मैं ओलिंपिक 2032 तक खेलती, क्योंकि मेरे अंदर लड़ने की भावना और कुश्ती हमेशा रहेगी। मुझे नहीं पता कि भविष्य क्या है और मेरे लिए सफर में आगे क्या होगा, लेकिन एक बात पक्की है कि मैं हमेशा उस बात के लिए लड़ती रहूंगी, जो मुझे सही लगती है।’
उन्होंने कहा, ‘कहने को काफी कुछ है, लेकिन शब्द कभी पर्याप्त नहीं होंगे। हो सकता है कि जब समय सही हो मैं इस पर दोबारा बात करूं।’ पेरिस ओलिंपिक के दौरान विनेश 7 अगस्त को फाइनल से ठीक पहले 100 ग्राम ओवरवेट होने के कारण अयोग्य घोषित कर दी गई थीं।
विनेश ने बताया, ‘मैंने रातभर वजन कम करने की कोशिश की। करीब साढ़े पांच घंटे तक कड़ी मेहनत की, लेकिन अपने वजन को अपनी वेट कैटेगरी 50 kg पर नहीं ला सकी।’ उधर उनके फॉरेन कोच वॉलर अकोस ने आज खुलासा किया, ‘एक समय हमें लगा कि विनेश मर जाएगी।’
विनेश ने बताया, फाइनल के पहले तक हमने हार नहीं मानी
विनेश ने लेटर में बताया, ‘6 अगस्त की रात और 7 अगस्त की सुबह, हमने हार नहीं मानी। हमारी कोशिशें नहीं रुकीं। हम झुके नहीं, लेकिन घड़ी रुक गई और समय सही नहीं था। मेरा भाग्य भी साथ नहीं था। मेरी टीम, भारतीयों के लिए, मेरे परिवार के लिए, हम जिस गोल के लिए काम कर रहे थे। वो अधूरा रह गया। ये हमेशा मिसिंग रहेगा।’
विनेश फोगाट की X पोस्ट
7 पॉइंट्स में विनेश की बातें…
- पिता का सपना पूरा किया: ‘जब मैं छोटी थी, तब मुझे ओलंपिक्स के बारे में जानकारी नहीं थी। मैं भी हर छोटी बच्ची की तरह लंबे बाल रखना चाहती थी। फोन को हाथ में लेकर घूमना चाहती थी। मेरे पिता एक सामान्य बस ड्राइवर हैं। वे अपनी बेटी को हवाई जहाज में उड़ते हुए देखना चाहते थे। मैंने अपने पिता का सपना पूरा कर दिया। जब भी वे मुझसे इसका जिक्र करते हैं तो मैं हंस देती हूं।’
- पति सोमवीर ने हर कदम पर दिया साथ: ‘तमाम मुश्किलों के बावजूद मेरे परिवार ने भगवान पर भरोसा रखा। हमें यह यकीन है कि जो भगवान ने हमारे लिए सोचा होगा, वह अच्छा ही सोचा होगा। मेरी मां हमेशा कहती हैं कि भगवान कभी अच्छे लोगों के जीवन में बुरी चीजें नहीं आने देते हैं। मुझे इस बात पर तब और ज्यादा यकीन हो गया, जब मैं अपने पति सोमवीर के साथ जीवन के रास्ते पर आगे बढ़ी। सोमवीर ने मेरा हर सफर में साथ दिया है।’
विनेश फोगाट के 17 अगस्त को भारत लौटने की संभावना है।
- मुझे पता था कि सोमवीर मेरे साथ खड़ा है: सोमवीर, जो कि मेरे पति, जीवनसाथी और जीवन भर के लिए सबसे अच्छे दोस्त हैं। यह कहना कि जब हमने किसी चुनौती का सामना किया, तो हम बराबर के भागीदार थे, गलत होगा, क्योंकि उन्होंने हर कदम पर बलिदान दिया और मेरी कठिनाइयों को उठाया, हमेशा मेरी रक्षा की। उन्होंने मेरी यात्रा को अपने सफर से ऊपर रखा और अत्यंत निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ अपना सहयोग प्रदान किया। यदि वह नहीं होता, तो मैं यहां रहने, अपनी लड़ाई जारी रखने और प्रत्येक दिन का सामना करने की कल्पना नहीं कर सकती थी। यह केवल इसलिए संभव है, क्योंकि मैं जानती हूं कि वह मेरे साथ खड़ा है, मेरे पीछे है और जरूरत पड़ने पर मेरे सामने खड़ा है और हमेशा मेरी रक्षा कर रहा है।
- मां चाहती थी कि उसके सभी बच्चे खुश रहें: मेरी मां जो अपने जीवन की कठिनाइयों पर एक पूरी कहानी लिख सकती थीं, उन्होंने केवल यह सपना देखा था कि उनके सभी बच्चे एक दिन उनसे बेहतर जीवन जिएंगे। स्वतंत्र होना और उनके बच्चों का अपने पैरों पर खड़ा होना उनके लिए एक सपना था। उनकी इच्छाएं और सपने मेरे पिता से कहीं अधिक सरल थे। लेकिन मेरे पिता हमें छोड़कर चले गए और मैं बस उनके विचार और प्लेन में उड़ान भरने की यादों के साथ रही। मैं तब उनके अर्थ को लेकर असमंजस में थी, लेकिन फिर भी उस सपने को अपने पास रखा।
फैमली के साथ रेसलर विनेश फोगाट।
- मां ने हक के लिए लड़ना सिखाया: मेरी मां का सपना अब और दूर हो गया था, क्योंकि मेरे पिता की मृत्यु के कुछ महीने बाद उन्हें स्टेज तीन कैंसर का पता चला था। यहां तीन बच्चों की यात्रा शुरू हुई, जो अपनी अकेली मां का समर्थन करने के लिए अपना बचपन खो देते हैं। जल्द ही मेरे लंबे बाल, मोबाइल फोन के सपने धूमिल हो गए, क्योंकि मैंने जीवन की वास्तविकता का सामना किया और अस्तित्व की दौड़ में शामिल हो गई। लेकिन संघर्ष ने मुझे काफी कुछ सिखाया। मेरी मां का संघर्ष, कभी हार ना मानने का व्यवहार और लड़ने की क्षमता, जैसी मैं आज हूं। उन्होंने मुझे उस चीज के लिए लड़ना सिखाया, जो मेरा हक है। जब मैं साहस के बारे में सोचती हूं तो उनके बारे में सोचती हूं और यही साहस है जो मुझे परिणाम के बारे में सोचे बिना हर लड़ाई लड़ने में मदद करता है।
- पिछले 2 साल में मेरे साथ काफी कुछ हुआ: मेरी यात्रा ने मुझे बहुत सारे लोगों से मिलने का मौका दिया है, जिनमें से ज्यादातर अच्छे और कुछ बुरे निकले। पिछले डेढ़-दो साल में, मैट के अंदर और बाहर बहुत कुछ हुआ है। मेरी जिंदगी ने कई मोड़ लिए और ऐसा लगा जैसे उससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है, लेकिन मेरे आस-पास के जो लोग थे, उनमें ईमानदारी थी, मेरे प्रति सद्भावना थी और व्यापक समर्थन था। ये लोग और मुझ पर उनका विश्वास इतना मजबूत था कि मैं आगे बढ़ी और पिछले 2 वर्षों से इन चुनौतियों से निपट सकी।
पिछले साल विनेश फोगाट सहित अन्य रेसलर्स ने WFI के खिलाफ धरना किया।
- विनेश ने सपोर्ट स्टॉफ और डॉ. पारदीवाला का आभार जताया: मैट पर मेरी यात्रा के दौरान पिछले 2 साल से मेरे सपोर्ट स्टॉफ ने बड़ा योगदान दिया है। डॉ. दिनशॉ पारदीवाला भारतीय खेलों में नया नाम नहीं है। मेरे लिए और मुझे लगता है कि कई अन्य भारतीय एथलीटों के लिए, वे सिर्फ एक डॉक्टर नहीं है, बल्कि भगवान द्वारा भेजे गए एक देवदूत हैं। जब चोटों का सामना करने के बाद मैंने खुद पर विश्वास करना बंद कर दिया था, तो यह उनका विश्वास, काम और मुझ पर भरोसा ही था, जिसने मुझे फिर से अपने पैरों पर खड़ा कर दिया। अपने काम और भारतीय खेलों के प्रति उनका समर्पण और ईमानदारी ऐसी चीज है, जिस पर भगवान को भी संदेह नहीं होगा। मैं उनके और उनकी पूरी टीम के काम और समर्पण के लिए हमेशा आभारी हूं। उनका पेरिस में होना सभी एथलीट के लिए उपहार है।
कोच वॉलर अकोस का खुलासा- मुझे लगा वो मर जाएगी
विनेश के फॉरेन कोच वॉलर अकोस ने शुक्रवार (16 अगस्त) को फेसबुक पर लिखा- ‘विनेश ने वजन घटाने के लिए पूरी कोशिश की। विनेश की मेहनत देखकर मुझे लगा कि कहीं उनकी मौत ना हो जाए।’ हालांकि, कोच ने कुछ देर बाद अपनी पोस्ट डिलीट भी कर दी। पूरी खबर
वजन घटाने के लिए रेसलर विनेस फोगाट को रोप-स्किपिंग कराते कोच।
2 दिन पहले CAS कोर्ट ने अपील खारिज की
2 दिन पहले बुधवार, 14 अगस्त को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने विनेश की पेरिस ओलिंपिक में जॉइंट सिल्वर मेडल की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। पूरी खबर
यह तस्वीर विनेश फोगाट के पेरिस ओलिंपिक से अयोग्य होने के बाद की बताई जा रही है।
ओलिंपिक से बाहर होने के बाद संन्यास लिया था
पेरिस ओलिंपिक से अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा- ‘मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।’ पूरी खबर
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विनेश ने कहा- मेरे अंदर कुश्ती और लड़ाई हमेशा रहेगी: ओलिंपिक से अयोग्य होने के बाद पहली प्रतिक्रिया; बोलीं- फाइनल के पहले तक हार नहीं मानी