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विदेशी सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की मुलाकात में बांग्लादेश के हालात पर चर्चा हुई है।
पीएम मोदी ने अपने अमेरिकी दौरे पर राष्ट्रपति ट्रम्प से बांग्लादेश के हालात पर बात की। विदेशी सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की मुलाकात में बांग्लादेश के हालात पर चर्चा हुई है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हुए बदलावों को लेकर अपने विचार और अपनी चिंताएं राष्ट्रपति ट्रम्प के सामने रखी हैं। साथ ही यह भी बताया कि भारत इस पूरी स्थिति को कैसे देखता है।
वहीं, अगले हफ्ते भारत और बांग्लादेश के बीच बॉर्डर को लेकर बातचीत होनी है। इस बैठक में बॉर्डर पर बाड़ लगाने और बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा BSF सैनिकों और भारतीय नागरिकों पर हमलों पर भी बात की जाएगी।
ट्रम्प बोले- बांग्लादेश की सरकार गिराने में हमारा हाथ नहीं
उधर, ढाका के राजनीतिक गलियारों में ये चर्चाएं हैं कि अमेरिका के डीप स्टेट के दखल से देश में विरोध प्रदर्शन बढ़े और आवामी लीग की सरकार गिर गई।
जब मोदी से मुलाकात से पहले ट्रम्प से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन में अमेरिका का हाथ नहीं है।
ट्रम्प ने कहा,
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इसमें हमारे डीप स्टेट का कोई रोल नहीं था। यह ऐसी बात है, जिस पर भारतीय पीएम लंबे समय से काम कर रहे हैं। इस पर कई साल से काम हो रहा है। मैं इसके बारे में पढ़ता रहा हूं, लेकिन बांग्लादेश के मुद्दा पर पीएम मोदी बात करें तो बेहतर होगा।
हालांकि, ये साफ नहीं है कि ट्रम्प ने भारत की तरफ से कौन सी काम का जिक्र किया था।
बांग्लादेश में पिछले साल अगस्त में गिरी थी शेख हसीना सरकार
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के चलते 5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने भारत में शरण ली। बांग्लादेश के नोबेल प्राइज विनर मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया।
![युनूस ने दिसंबर में बताया कि बांग्लादेश में 2025 के अंत या 2026 की पहली छमाही तक चुनाव कराए जा सकते हैं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/14/mohammad-yunus_1739548638.jpg)
युनूस ने दिसंबर में बताया कि बांग्लादेश में 2025 के अंत या 2026 की पहली छमाही तक चुनाव कराए जा सकते हैं।
तख्तापलट के बाद भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव
शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमलों पर भारत ने नाराजगी जाहिर की है। वहीं, बांग्लादेश ने भारत के आरोपों को प्रोपोगैंडा यानी दुष्प्रचार का नतीजा बताया है।
हालांकि तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में जगह-जगह हिंदू धार्मिक स्थलों और हिंदू नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास देशद्रोह के आरोप में 25 नवंबर से पुलिस हिरासत में हैं।
पिछले महीने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल बांग्लादेश की तरफ से जारी की गई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शुरुआती 100 दिन में में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। यूनुस प्रशासन अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराधों को रोकने में नाकाम रहा है।
इस रिपोर्ट के अनुसार 5 से 20 अगस्त के बीच ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध के 2 हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे, जिसमें 9 अल्पसंख्यकों की मौत हो गई थी। इन मामलों में सरकार ने अपराधियों की पहचान करने और उन्हें सजा देने में लापरवाही बरती है।
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