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US Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के कई देशों के आयात पर भारी टैरिफ लगाकर ग्लोबल मार्केट को हिलाकर रख दिया है. 2 अप्रैल, 2025 को लगाए गए इस जवाबी शुल्क से महंगाई की आशंका फिर से बढ़ गई है. इससे विदेशों में काम करने वालों और स्टूडेंट्स को आने वाले समय में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इसका असर खासकर उन लोगों पर पड़ सकता है, जो अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और चीन में पढ़ाई या काम के लिए जाने के बारे में सोच रहे हैं.
अमेरिका के इम्पोर्ट टैक्स रेट में भारी इजाफा
जमेरा लॉ ग्रुप के इमिग्रेशन लॉयर प्रशांत अजमेरा ने इस बारे में बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए कहा, अमेरिका, ”ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड या चीन जैसे देशों में स्टडी या जॉब के लिए जाने की प्लानिंग करने वालों के लिए आर्थिक तस्वीर पूरी तरह से बदल सकती है.” फिच रेटिंग्स ने कहा कि ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिकी इम्पोर्ट टैक्स रेट 2024 में 2.5 फीसदी से बढ़कर 22 फीसदी हो गई है. ऐसा होते आखिरी बार 1910 के आसपास देखा गया था.
अमेरिकी टैरिफ के गंभीर होंगे परिणाम
अमेरिका ने चीन के आयात पर 54 फीसदी की दर से टैरिफ लगा दिया है. अब चीन और उसके साथ-साथ यूरोपीय यूनियन ने भी जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दे दी है. यूरोपीय यूनियन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ”दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए इसके परिणाम भयानक होंगे.” फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू ने इसे “संयुक्त राज्य अमेरिका और अमेरिकी नागरिकों के लिए एक ‘आपदा” कहा.
टैरिफ लगने से इम्पोर्ट महंगा हो जाएगा. इसका असर न केवल अमेरिकियों, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट्स के साथ-साथ अप्रवासियों पर भी पड़ेगा. प्रशांत अजमेरा आगे कहते हैं, ”भारतीय स्टूडेंट्स जो चीनी उत्पादों पर अधिक निर्भर रहते हैं, उनके लिए रहना और महंगा हो जाएगा क्योंकि टैरिफ से चीजों की कीमत बढ़ेगी.” उन्होंने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि अगर अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाती है, तो अमेरिका इसका जवाब छंटनी के जरिए भी दे सकता है. उन्होंने कहा, “अप्रवासी, H-1B वीजा धारक और OPT पर छात्र सबसे पहले प्रभावित हो सकते हैं.”
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