विश्व हिंदू परिषद- वीएचपी अयोध्या में ऐसा स्कूल शुरू करने जा रही है जहां पुजारी और अर्चकों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. इस ट्रेनिंग में पुजारियों को विदेशों में मंदिरों में काम करने के लिए ट्रेंड किया जाएगा. अयोध्या के अलावा हरियाणा के फरीदाबाद में भी एक और विशेष स्कूल खोला जाएगा जहां पुजारियों को संस्कृत के साथ-साथ अंग्रेजी और कंप्यूटर की शिक्षा भी दी जाएगी ताकि वे नई पीढ़ी के साथ अच्छी तरह से जुड़ सकें. यहां से ट्रेंड पुजारी नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के अनुष्ठानों के बारे में सिखा सकेंगे.
The Hindu के अनुसार, इन दो विशेष स्कूलों के बारे में विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि विदेशों के मंदिरों में काम करने वाले अधिकांश पुजारी ‘वेद’ और ‘पुराण’ में पारंगत नहीं हैं. इन स्कूलों में विदेश जाने वाले पुजारियों को हर कसौटी पर खरा उतारा जाएगा. वेद-पुराण के साथ-साथ उन्हें हिंदू धार्मिक ग्रंथों के श्लोकों का भी अध्ययन कराया जाएगा.
आलोक कुमार ने बताया कि हिंदू लगभग दुनिया के हर देश में रहते हैं और वहां हर समुदाय ने अपने-अपने क्षेत्रों में मंदिर भी स्थापित किए हैं. उन्होंने कहा कि एक पुजारी का कर्तव्य है कि वह लोगों को अपने धर्म का पालन करने के लिए प्रेरित करे और इसके लिए पुजारियों को वहां के लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा का ज्ञान होना चाहिए. इसलिए यह विशेष स्कूल हमें पुजारियों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा जो युवा भक्तों के साथ घुलमिल सकते हैं. इस स्कूलों में ऐसे पुजारी तैयार किए जाएंगे जो आध्यात्मिक और वैज्ञानिक, दोनों तरीकों से युवाओं शंकाओं का समाधान कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि अभी तक की योजना के अनुसार, 30 छात्रों का पहला बैच दीपावली के आसपास शुरू होगा और इसमें विद्यार्थियों का चयन विश्व हिंदू परिषद और अन्य समान विचारधारा वाले संस्थानों द्वारा संचालित ‘वेद विद्यालयों’ से किया जाएगा.
विश्व हिंदू परिषद उन पुजारियों को प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक सरकारी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करने की प्रक्रिया में है. दोनों विशेष स्कूलों में छात्रों से कोई फीस नहीं ली जाएगी, जिससे छात्रों को दूसरे देशों में नौकरी पाने में भी मदद मिलेगी.
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