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चंडीगढ़ नगर निगम – फोटो : फाइल
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वित्तीय संकट से जूझ रहे चंडीगढ़ नगर निगम की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि अब स्ट्रीट लाइटों का बिजली बिल भरना भी मुश्किल हो रहा है। खर्चों में कटौती के लिए निगम ने सेक्टरों को विभाजित करने वाली वी3 सड़कों की मरम्मत और स्ट्रीट लाइटों की जिम्मेदारी प्रशासन को सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है। चार डिस्पेंसरियों को भी प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग को देने का सुझाव दिया गया है।
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नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि अगर वी3 सड़कों का जिम्मा प्रशासन को दे दिया जाए, तो उन्हें सड़कों की मरम्मत में करीब 25 करोड़ रुपये की बचत होगी। वर्तमान में निगम ने करीब 267 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत और निर्माण के लिए करीब 54 करोड़ का एस्टीमेट बनाया है लेकिन पैसे नहीं होने की वजह से काम अधर में लटका हुआ है। इसमें भी 40-45 फीसदी वी3 की सड़कें हैं।
मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि निगम बिजली के बिलों पर बहुत ज्यादा पैसा खर्च कर रहा है। स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत और बिलों पर भी काफी पैसा लगता है। वह 21 जनवरी को पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया के साथ होने वाली बैठक यह मुद्दा उठाएंगी और वी3 सड़क और स्ट्रीट लाइट्स को प्रशासन को देने की मांग करेंगी। अगर ऐसा हो जाता है कि निगम को राहत मिलेगी और काफी पैसों की भी बचत होगी, जिससे शहर के अन्य विकास कार्यों को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रशासन को पत्र भी लिखा जाएगा।
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वित्तीय संकट का असरः स्ट्रीट लाइटों का बिल भरने में असमर्थ चंडीगढ़ निगम, सड़कें भी प्रशासन को सौंपने की तैयारी