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बैंकबाजार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी3 घंटे पहले
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हम 2025 की दहलीज पर हैं और नए साल का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। साल बदलने के साथ ही फाइनेंशियल मार्केट के नए ट्रेंड्स आकार ले रहे हैं। ऐसे में नए साल में मिलने वाले अवसरों को समझने का यह सही समय है। चाहे आप अनुभवी निवेशक हों या अभी शुरुआत कर रहे हों, जरूरी नहीं कि 2024 में निवेश के जो तरीके फायदेमंद थे वे 2025 में भी उतने ही कारगर साबित हों।
हालांकि इस साल के कुछ रुझानों से 2025 के लिए मूल्यवान जानकारियां मिल सकती हैं। 2025 के कुछ मेगाट्रेंड्स को समझकर आप साल की शुरुआत में ही वित्तीय बढ़त हासिल कर सकते हैं। नए साल में इंडेक्स फंड में निवेश से लेकर पारंपरिक बीमा पर विचार करने और मुफीद लिक्विड फंड की खोज तक, बहुत सारे अवसर मिलेंगे। पोर्टफोलियो में स्थिरता के लिए सोने में भी कुछ निवेश करें। आइए, नए साल के पांच मेगाट्रेंड्स पर विचार करते हैं…
इंडेक्स फंड में लागत कम, स्थिरता ज्यादा 2024 के बुल मार्केट में निवेशकों ने इक्विटी-ओरिएंटेड ग्रोथ स्कीम्स में खूब निवेश किया। इसके तहत एयूएम 49% बढ़कर 30 लाख करोड़ रुपए हो गया। मल्टी-कैप फंड्स में 73% की वृद्धि बताती है कि निवेशक विविधता चाहते हैं।
फ्लेक्सी-कैप फंड में 42% की ग्रोथ ने अस्थिर बाजारों में फंड मैनेजरों को लचीलापन दिया। लेकिन असली स्टार इंडेक्स फंड रहा। इनका एयूएम 82% बढ़कर एक लाख करोड़ से ऊपर निकल गया। निवेशक कम फीस, अनुशासित और लॉन्गटर्म में लाभ के लिए पैसिव स्ट्रैटजी पर शिफ्ट हो रहे हैं। यानी वे परिपक्व हो रहे हैं। पैसिव इंवेस्टमेंट अब सिर्फ विकल्प नहीं है; यह आदर्श बन रहा है।
बीमा प्रोटेक्शन है, निवेश साधन नहीं भारतीयों के बीच निवेश के लिए इंश्योरेंस खरीदने में दिलचस्पी घट रही है। अब लोग निवेश और सुरक्षा को अलग-अलग देख रहे हैं। वे समझने लगे हैं कि इंश्योरेंस वेल्थ क्रिएशन का साधन नहीं, बल्कि प्रोटेक्शन है। कभी निवेश पोर्टफोलियो और टैक्स प्लानिंग का अभिन्न हिस्सा मानी जाने वाली पारंपरिक एंडोमेंट पॉलिसियां और यूनिट लिंक्ड प्लान (यूलिप) अब आकर्षण खो रहे हैं।
नए टैक्स रिजीम का भी इसमें बड़ा हाथ है। लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर डिडक्शन खत्म कर दिया गया है। एक सर्वे के मुताबिक, 2024 में सिर्फ 37% सैलरीड लोगों ने इंश्योरेंस लिंक्ड प्रोडक्ट में निवेश किया। 2022 में यह आंकड़ा 46% था।
सीधे इक्विटी में निवेश जोखिम भरा स्टॉक पोर्टफोलियो मैनेज करना थोड़ा ज्यादा मुश्किल है। शेयर मार्केट की गतिशीलता को देखते हुए कब क्या खरीदना, होल्ड करना या बेचना है, ये तय करना कठिन हो सकता है। सीधे इक्विटी (शेयर मार्केट) में निवेश से टैक्स चुकाने के बाद रिटर्न को देखते हुए कई लोगों को पैसिव इंडेक्स फंड में निवेश सही लगता है।
कई निवेशक महसूस करने लगे हैं कि शायद सीधे इक्विटी में निवेश के लिए लगने वाला समय और तनाव के हिसाब से रिटर्न नहीं मिलता है। यदि आप भी सीधे इक्विटी में निवेश करके परेशान हो रहे हैं तो यह स्ट्रैटजी बदलने और ज्यादा व्यावहारिक तरीका अपनाने का समय हो सकता है।
लिक्विड फंड स्थिर रिटर्न के लिए बेहतर कभी भी रिडीम करने की सुविधा और एफडी से ज्यादा टैक्स एफिशिएंसी लिक्विड फंड को लोकप्रिय बना रही है। एफडी में जहां टीडीएस सालाना आधार पर लगाया जाता है, डेट फंड में सिर्फ रिडम्प्शन पर टैक्स लगता है। यह सुविधा उन्हें स्थिर रिटर्न चाहने वालों के लिए आकर्षक विकल्प बनाती है। यही वजह है कि देश के टॉप-8 डेट फंड्स में से 7 लिक्विड फंड हैं।
गोल्ड में निवेश से बढ़ सकता है रिटर्न 2024 में रिटेल निवेशकों से लेकर दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने जमकर सोना खरीदा। इस साल गोल्ड ने 20% से ज्यादा रिटर्न दिया। ये ट्रेंड 2025 में भी जारी रहने की उम्मीद है। महंगाई और अनिश्चचितता के दौर में गोल्ड सुरक्षित निवेश होता है। अपनी जोखिम क्षमता के हिसाब से पोर्टफोलियो में गोल्ड रखना स्मार्ट कदम है। दाम थोड़ा घटने पर भी इसे खरीदने का मौका हो सकता है।
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वित्तीय बढ़त के साथ करें नए साल की शुरुआत: इक्विटी में सीधे निवेश से इंडेक्स, मल्टी कैप फंड बेहतर; गोल्ड से पोर्टफोलियो स्मार्ट बनाएं