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अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विनसन मसिफ पर पहुंचे नरेंद्र सिंह यादव। – फोटो : संवाद
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अगर दिल में कुछ कर गुजरने का पक्का इरादा हो, तो हौसलों के आगे मुश्किल रास्ते भी आसान हो जाते हैं। ऐसा ही पक्का इरादा लेकर निकले हैं हरियाणा के रेवाड़ी के कोसली के गांव नेहरूगढ़ के नरेंद्र सिंह यादव, जो अपने 7 समिट प्रोजेक्ट के आखिरी पड़ाव को पूरा करने के लिए 20 दिसंबर को विनसन मसिफ बेस कैंप अंटार्कटिका पहुंच गए हैं। 18 दिसंबर को स्पार्क मिंडा के चेयरमैन अशोक मिंडा ने फ्लैग ऑफ कर शुभकामनाएं देकर रवाना किया था। अब भारत और विश्व के पहले युवा पुरुष पर्वतारोही होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करेंगे।
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नरेंद्र सिंह यादव के इस अभियान में पूरे विश्व से पर्वतारोही शामिल होंगे। अभियान में नरेंद्र भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। अभियान को स्पार्क मिंडा ने स्पॉन्सर किया है। विनसन को शरीर को जमा देने वाला पर्वत भी कहा जाता है। क्योंकि यहां का तापमान हर समय शून्य से लगभग माइनस 50 से 60 डिग्री रहता है। यह पर्वत तकनीकी तौर पर बहुत ही दुर्गम है। अत्याधिक ठंड और तेज बर्फिली हवा से यह पर्वत और खतरनाक बना देते हैं। बहुत कम पर्वतारोही इस पर्वत को चढ़ने में कामयाब हुए हैं क्योंकि इस पर्वत की चढ़ाई बहुत ही खतरनाक और जोखिमों से भरी हुई है।
अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी है विनसन मसिफ
अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विनसन मसिफ (4892 मीटर) है। विंसन मसिफ अंटार्कटिका में एक बड़ा पर्वतीय मासिफ है, जो 21 किमी (13 मील) लंबा और 13 किमी (8 मील) चौड़ा है और एल्सवर्थ पर्वत की सेंटिनल रेंज में स्थित है। यह अंटार्कटिक प्रायद्वीप के आधार के पास रोने आइस शेल्फ को देखता है। यह मासिफ दक्षिणी ध्रुव से लगभग 1,200 किलोमीटर (750 मील) की दूरी पर स्थित है।
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वर्ल्ड रिकॉर्ड के आखिरी पड़ाव पर नरेंद्र: अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विनसन पर पहुंचे, बनेंगे दुनिया के पहले पर्वतारोही