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- Carlo Acutis Became The First Millennial Saint In Vatican City, Was Known As ‘God’s Messenger’, Died At The Age Of 15
वेटिकन सिटी में पोप लियो ने रविवार को एक समारोह में 15 साल के कार्लो अक्यूटिस को कैथोलिक चर्च का पहला मिलेनियल (Generation Y) संत घोषित किया। कार्लो की 2006 में ब्लड कैंसर से मौत हो गई थी। वो भगवान के दूत कहे जाते थे।
इस मौके पर दुनियाभर से करीब 70 हजार युवा शामिल हुए। कार्लो का जन्म 1991 में ब्रिटेन में हुआ था और वे इटली में रहे। उन्होंने कंप्यूटर कोडिंग सीखकर धार्मिक वेबसाइट्स बनाईं।
उनकी कहानी ने कई युवाओं को प्रेरित किया। पोप लियो ने कार्लो के साथ-साथ 1920 में पोलियो से मरे इटली के पियर जियोर्जियो फ्रासाती को भी संत घोषित किया। फ्रासाती अपनी दानशीलता के लिए मशहूर थे।
सेंट पीटर्स स्क्वायर में पोप लियो ने कहा, ‘हम सभी के पास संत बनने का मौका है।’ उन्होंने कार्लो के शब्दों को दोहराया, ‘स्वर्ग हमारा इंतजार कर रहा है, और आज अपना सर्वश्रेष्ठ देना जरूरी है।’
पोप ने युवाओं से कहा कि वे कार्लो और फ्रासाती से प्रेरणा लें और अपने जीवन को बेहतर बनाएं। यह समारोह पहले अप्रैल में होने वाला था, लेकिन पोप फ्रांसिस की मृत्यु के कारण टल गया। यह पहला मौका था जब पोप लियो ने ऐसा समारोह किया।
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वर्ल्ड अपडेट्स: वेटिकन सिटी में कार्लो अक्यूटिस पहले मिलेनियल संत बने, ‘भगवान के दूत’ नाम से मशहूर थे, 15 साल की उम्र में मौत हुई थी