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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रवासियों पर नई रोक लगाई है। अब प्रवासी वर्कर्स का ऑटोमैटिक वर्क परमिट एक्सटेंशन नहीं होगा। 31 अक्टूबर से वर्क परमिट एक्सटेंशन के लिए EAD यानी एम्प्लॉयमेंट ऑथेराइजेशन डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करना होगा।
इस आदेश से 4 लाख भारतीयों पर असर पड़ने की आशंका है। वर्कर की कंपनी से EAD जारी होता है। वर्कर 3-4 साल के लिए आया है तो हर साल ऑटो एक्सटेंशन होता था। अब कंपनी EAD पर एक्सटेंशन मिलेगा।
एच-1 बी, ग्रीन कार्ड, एल-1 बी (कंपनी ट्रांसफर), ओ (टैलेंट वीसा)अथवा पी (इवेंट बेस वीसा) पर अमेरिका में आने वाले प्रवासी नए ईएडी नियमों से प्रभावित नहीं होंगे। इन्हें एक्सटेंशन मिलता रहेगा।
बाइडेन ने 2024 तक वर्क परमिट वालों को EAD नहीं देने पर भी 540 दिन का ग्रेस पीरियड दिया था। प्रवासी वर्कर इस अवधि के दाैरान नया जॉब खोज सकता था, लेकिन अब ट्रम्प सरकार ने इस ग्रेस पीरियड को खत्म कर दिया।
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बकिंघम पैलेस ने गुरुवार को यह घोषणा करते हुए कहा कि वे शाही परिवार को जेफ्री एपस्टीन कांड से उनके (एंड्रयू के) संबंधों के कारण उनसे दूरी बनाना चाहते हैं।
एंड्रयू लंबे समय से जेफ्री एपस्टीन नामक अमेरिकी अपराधी से जुड़े रहे, जिन पर नाबालिगों के साथ यौन शोषण का आरोप था।
पीड़िता वर्जिनिया गिफ्रे ने आरोप लगाया था कि 2001 में जब वह 17 साल की थी तब प्रिंस एंड्रू ने उनका यौन शोषण किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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वर्ल्ड अपडेट्स: ट्रम्प ने वर्क परमिट का ऑटो एक्सटेंशन खत्म किया, नई रोक आज से नियम लागू, 4 लाख भारतीयों पर असर
