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अमेरिकी चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाने के मामले में ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
ट्रम्प प्रशासन ने पिछले महीने H-1B वीजा के लिए आवेदन फीस 1 हजार डॉलर से बढ़ाकर 1 लाख डॉलर करने का फैसला किया है।
चैम्बर का कहना है कि यह फीस गैरकानूनी है और इससे अमेरिकी कंपनियों को गंभीर नुकसान होगा।
कोर्ट से कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी अधिकार सीमा से बाहर जाकर यह फीस लगाई है और फेडरल एजेंसियों को इसे लागू करने से रोका जाए।
H-1B वीजा हाई स्किल वाले कर्मचारियों के लिए है। ज्यादातर H-1B वीजा भारतीय कर्मचारियों को दिए जाते हैं। बड़े टेक कंपनियां इस वीजा का सबसे ज्यादा उपयोग करती हैं। हालांकि, शिक्षकों और डॉक्टरों जैसे जरूरी कर्मचारी भी इस वीजा से जुड़े हैं।
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16 अक्टूबर के वर्ल्ड अपडेट्स यहां पढ़ें….
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वर्ल्ड अपडेट्स: ट्रम्प के H1-B वीजा की फीस बढ़ाने के खिलाफ मुकदमा दर्ज; अमेरिकी चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने केस किया