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वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ भारतीय विमेंस कप्तान हरमनप्रीत कौर।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बताया कि वर्ल्ड कप फाइनल से एक रात पहले उन्हें सचिन तेंदुलकर का फोन आया था। हर कोई उन्हें सलाह दे रहा था, लेकिन तेंदुलकर की बात उनके लिए सबसे खास थी। हरमनप्रीत ने ICC रिव्यू में कहा-
मैच से पहले सचिन ने अपने अनुभव साझा किए और बोले- जब मैच बहुत तेज चलने लगे, तो खुद को थोड़ा शांत रखो। खेल को थोड़ा धीमा करने की कोशिश करो। क्योंकि जब आप बहुत तेजी में चलते हैं, तो फिसलने का खतरा रहता है। हमें वही गलती नहीं करनी है।

भारत ने 2 नवंबर को साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराते हुए विमेंस वर्ल्डकप में अपना पहला टाइटल जीता था।

नवी मुंबई में 2 नवंबर को हुए विमेंस वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले से पहले सचिन तेंदुलकर टीम इंडिया से मिलने पहुंचे थे।
5 दिन बाद भी सपने जैसा लग रहा है हरमनप्रीत ने कहा कि नवी मुंबई में उस ऐतिहासिक रात को बीते अब पांच दिन हो गए हैं, लेकिन वह अब भी इस जीत को पूरी तरह समझ नहीं पा रही हैं। उन्होंने कहा, सच कहूं तो मुझे अभी तक एहसास नहीं हुआ कि हमने क्या हासिल किया है। शायद कुछ महीनों बाद समझ पाऊंगी कि हमने देश के लिए क्या किया। अभी यह सब एक सपने जैसा लग रहा है।
जब भी हम एक-दूसरे से मिलते हैं, बस कहते हैं, वर्ल्ड चैंपियन। ये बहुत अलग एहसास है। हम इसी पल का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।
मेरे माता-पिता उस मैच में मौजूद थे। मेरे लिए यह बहुत खास था कि वर्ल्ड कप ट्रॉफी उनके सामने उठा सकी। बचपन से मैं यही कहती आई थी कि मुझे भारत की जर्सी पहननी है, देश के लिए खेलना है, टीम की कप्तानी करनी है और वर्ल्ड कप जीतना है।

वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ भारतीय महिला टीम।

तीसरी भारतीय कप्तान जिन्होंने वनडे वर्ल्ड कप जीता हरमनप्रीत अब भारत की तीसरी कप्तान बन गई हैं, जिन्होंने वनडे वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाई है। उनसे पहले कपिल देव (1983) और महेंद्र सिंह धोनी (2011) ने यह कारनामा किया था। वे पहली भारतीय महिला कप्तान हैं, जिन्होंने वर्ल्ड कप जीता है।
उन्होंने कहा- मैंने अमोल मजूमदार सर से भी कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे हमने कोई बाइलेटरल सीरीज जीत ली हो और अब घर लौट रहे हों। असली असर कुछ महीनों में समझ आएगा। हरमनप्रीत इससे पहले 2020 महिला टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में भी भारत की कप्तान रह चुकी हैं। लेकिन इस बार की जीत, उनके 16 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

फाइनल मैच में साउथ अफ्रीका की आखिरी बैटर का कैच पकड़कर हरमनप्रीत कौर जश्न मनाती हुईं।
मंधाना, दीप्ति और शेफाली को हीरो बताया हरमनप्रीत ने फाइनल की जीत का क्रेडिट उपकप्तान स्मृति मंधाना, ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा और शेफाली वर्मा को दिया है। उन्होंने शेफाली को लेकर कहा, जब शेफाली टीम में आई, तो लोग कह रहे थे कि क्या उसे फाइनल में खिलाना चाहिए, लेकिन हमने तय कर लिया था कि वह खेलेगी।
उसने पहले टी-20 और अंडर-19 वर्ल्ड कप दोनों में दबाव झेला है। जब साउथ अफ्रीका की बल्लेबाज वोल्वार्ट और लूस की साझेदारी बढ़ रही थी, तो मैंने सोचा कि उसे एक ओवर देना चाहिए और उसने आते ही लगातार दो विकेट लेकर मैच पलट दिया।

हम चाहते हैं कि स्मृति हर मैच में शतक लगाए स्मृति मंधाना के बारे में हरमन ने कहा- टीम के लिए उसका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। जब वह बल्लेबाजी करती है, तो पूरी टीम उसके लिए दुआ करती है कि वह शतक लगाए। क्योंकि जब वह रन बनाती है, तो बाकी सब कुछ अपने आप ठीक हो जाता है।
हरमनप्रीत ने दीप्ति शर्मा के बारे में कहा- दीप्ति को बस थोड़ा आत्मविश्वास चाहिए था। कई बार हमें लगता था कि वह खुद पर उतना भरोसा नहीं करती, जितना टीम को उसकी काबिलियत पर है। दीप्ति प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनी थीं। उन्होंने 22 विकेट के साथ 215 रन भी बनाए। दीप्ति ने श्रीलंका, इंग्लैंड और फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अर्धशतक लगाए थे।

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