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लोकसभा में उठा चंडीगढ़ अस्पतालों में स्टाफ कमी का मुद्दा: GMCH में 281-पैरामेडिकल में 86 पद खाली, पीजीआई में 247 सीटें रिक्त – Chandigarh News Chandigarh News Updates

लोकसभा में उठा चंडीगढ़ अस्पतालों में स्टाफ कमी का मुद्दा:  GMCH में 281-पैरामेडिकल में 86 पद खाली, पीजीआई में 247 सीटें रिक्त – Chandigarh News Chandigarh News Updates

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लोकसभा में चंडीगढ़ के सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी का मुद्दा उठा है। चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी के सवाल के लिखित जवाब में केंद्र सरकार ने माना कि सैक्टर-32 स्थित जीएमसीएच, सैक्टर-16 जीएमएसएच और पीजीआई चंडीगढ़ में बड़

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि जीएमसीएच में नर्सिंग के स्वीकृत 1264 पदों में से 281 और पैरामेडिकल के 330 में से 86 पद खाली हैं। इसी तरह जीएमएसएच में नर्सिंग के 154 में से 30 और पैरामेडिकल के 233 में से 70 पद रिक्त हैं। वहीं पीजीआई चंडीगढ़ में नर्सिंग के 2597 पदों में से 247 और पैरामेडिकल के 856 पदों में से 120 पद खाली हैं।

सरकार ने जवाब में कहा कि रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया एक सतत प्रशासनिक कार्य है और सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जा रहे हैं।

पदोन्नति और कैडर समीक्षा पर स्थिति स्पष्ट

सरकार ने बताया कि जीएमसीएच और जीएमएसएच में पदोन्नति प्रक्रिया में किसी तरह की देरी नहीं है। हालांकि पीजीआई में नर्सिंग सहित गैर-फैकल्टी ई-स्टाफ के विभिन्न कैडरों की तीसरी कैडर समीक्षा पूरी हो चुकी है, लेकिन न्यायाधिकरण (कैट) के आदेश के चलते विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक छह महीने के लिए रोकी गई है।

स्टाफ की कमी के बावजूद सेवाएं जारी

केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि स्टाफ की कमी के बावजूद ओपीडी, आपातकालीन और ट्रॉमा सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं। जीएमसीएच और जीएमएसएच में उपलब्ध कर्मचारियों की मदद से सेवाओं का संचालन किया जा रहा है। पीजीआई ने बताया कि वह सभी रोगी-देखभाल क्षेत्रों में उपलब्ध स्टाफ के साथ क्षमता से अधिक कार्य कर रहा है, ताकि मरीजों की सेवाओं पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े।

मंत्रालय के अनुसार, अस्पतालों की कार्यात्मक आवश्यकता को देखते हुए नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की आउटसोर्सिंग को भी मंजूरी दी गई है। जहां जरूरत होती है, वहां आउटसोर्स कर्मचारियों की तैनाती कर सेवाएं चलाई जा रही हैं।

सांसद ने पूछे अहम सवाल

सांसद मनीष तिवारी ने सरकार से यह भी पूछा कि मौजूदा रिक्त पदों को भरने के लिए कोई समय-सीमा तय की गई है या नहीं और बढ़ते रोगी भार को देखते हुए अतिरिक्त पदों के सृजन का कोई प्रस्ताव है या नहीं। इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारियों की कमी के कारण रोगी-देखभाल, ओपीडी, आपातकालीन और ट्रॉमा सेवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव और सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों का भी विवरण मांगा।

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